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धीरेन्द्र शास्त्री को मिला धमकी भरा पत्र, ‘बारात नहीं लाये तो आत्महत्या कर लुंगी’

धीरेन्द्र शास्त्री को मिला धमकी भरा पत्र, ‘ बारात नहीं लाये तो आत्महत्या कर लुंगी’

बाघेश्वर धाम वाले धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री आज कल सुर्ख़ियों में रहते हैं। लोगों की समस्याओं का निवारण करने के लिए दरबार लगाना और राम-हनुमान भजन करने जैसे काम से इनको जाना जाता है। पुरे भारत में हिन्दू राष्ट्र की मांग को लेकर भी इन्होने मुद्दा उठाया हुआ है। लोगों की समस्याओं को कागज़ पर लिखकर ये उसका निदान भी बताते हैं। जिसकी वजह से इनपर कई आरोप भी लगते रहे हैं। अभी हाल ही में इन्हे एक पत्र प्राप्त हुआ है जिसमे इन्हे बारात लेकर आने की धमकी मिली है।

धीरेन्द्र शास्त्री ने हाल ही में एक बयान दिया था जिसमे उन्होंने अपने विवाह की बात स्वीकारी थी। उन्होंने खुद से ये कहा था की वो जल्द ही शादी का सहरा पहनेंगे। अपने विवाह को लेकर वह माता-पिता की आज्ञा का इंतज़ार कर रहे है। उन्होंने खुद से अपनी माता को बहु ढूंढ लेने के लिए कहा है।

बाघेश्वर धाम में कथा कहने के दौरान कुछ पत्रकारों से उनकी बात हुई। पत्रकार में से ही किसी ने धीरेन्द्र शास्त्री के शादी की बात पूछ दी जिसपर शास्त्री जी ने हंसकर जवाब दिया। उन्होंने कहा की ये सवाल सुन-सुन के वो पक गए हैं और अब खुद से अपनी माता से अपने विवाह के लिए बहु ढूंढ लेने की बात कह रहे हैं। बातों के दौरान उन्होंने बताया की उन्हें विवाह प्रस्ताव को लेकर कई पत्र आये हैं। उनमें से कुछ पत्र ऐसे हैं जिसमे धमकी भरे लहज़े में बारात लाने की बात कही जा रही है।

पत्र लिखने वाले ने पत्र में लिखा है की अगर आप बारात लेकर नहीं आये तो मैं आत्महत्या कर लुंगी। शास्त्री ने ऐसे पत्रों को लवेरिया वाला पत्र कह कर सम्बोधित किया। इसको लेकर उन्होंने आगे कहा की हमने एक वीडियो भी जारी किया है जिसमे कहा गया है की इस प्रकार की कृत्य ना करें। गुरु और माता-पिता की आज्ञा मिलते ही वह शादी कर लेंगे।

हिंदुत्ववादी चेहरा बन चुके हैं ‘धीरेन्द्र शास्त्री’

बाघेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री की छवि एक हिंदुत्ववादी संत की है। जो समाज में हिन्दू पुनर्जागरण की बात करते हैं। हिन्दू संस्कारों और उनके रीती-रिवाजों की पैरवी करते हैं। इसके अलावा वह अपने दरबार में आम जन की दुःख-तकलीफ को सुनकर उसका निदान भी उन्हें बताते हैं। पिछली बार बिहार में जब उनका आगमन हुआ था तो वहाँ लाखों भक्तों की भीड़ लग गयी थी जिसके बाद स्थिति काफी विकट बन गयी थी। इससे ये अंदाज़ा लगाया जा सकता है की उनकी लोकप्रियता वर्त्तमान समय में बहुत ज़्यादा है। यही कारण है की पिछले विधानसभा चुनाव के पहले बीजेपी और कांग्रेस दोनों के नेता इनके दरबार में अपनी उपस्थिति दिखा रहे थे।

भारत को ‘हिन्दू राष्ट्र’ बनाने की कवायद

धीरेन्द्र कृष्णा शास्त्री भारत को हिन्दू राष्ट्र बनाने की वकालत भी करते हैं। इसको लेकर भी इन्होने बहुत पहले से मुहीम छेड़ी हुई है। भारत को हिन्दू राष्ट्र बनाने के लिए उन्होंने संविधान में संशोधन करने तक की वकालत की है। उन्होंने ये भी कहा की भारत अगर हिन्दू राष्ट्र बन भी जाता है तो अल्पसंख्यकों को कहीं जाने की ज़रूरत नहीं है। सनातन के अंदर सामाजिक समरसता, समानता और कर्म का महत्व होगा। वहीं अगर किसी के मन में झूठ है तो उसके लिए हिन्दू राष्ट्र में कोई जगह नहीं है।

इससे पहले धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री पर जादू-टोना करने और अंधविश्वास को बढ़ावा देने के भी आरोप लगाए जा चुके हैं। इसके जवाब में उन्होंने कहा की मैं भले ही जादू-टोना और मंत्र चिकित्सा की वकालत करता हूँ लेकिन मैं अस्पतालों का विरोधी नहीं हूँ। हालांकि इन सब आरोपों के बावजूद बहुत सारे बड़े फ़िल्मी कलाकार और नेता उनके दरबार में हाजिरी देते हैं। सामान्य जन अब भी उनके प्रति आस्था रखता है।

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