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हल्द्वानी हिंसा : महिला पुलिसकर्मियों को भी नहीं बख्शा, जलाने की कोशिश की – DM हल्द्वानी

हल्द्वानी हिंसा : महिला पुलिसकर्मियों को भी नहीं बख्शा, जलाने की कोशिश की – DM हल्द्वानी

बीते गुरुवार को अवैध मदरसा हटाने गए महिला पुलिसकर्मियों को भी नहीं बक्शा गया। बल्कि ऐसी कोशिश की गयी की उन्हें भी जला दिया जाए। इस तरह की जानकारी हल्द्वानी की डीएम साहिबा ने पत्रकारों को दी। गौरतलब है की हल्द्वानी में हुई अप्रत्याशित घटना के बाद उस पुरे इलाके में कर्फ्यू लगा दिया गया है और इसके साथ ही लोगों को बिना ज़रूरी काम के घर से बाहर ना निकलने की हिदायत दी गयी है। इसके अलावा दंगाइयों को देखते ही गोली मारने के भी आदेश दिए गए हैं। बीते गुरुवार को हुई इस घटना के बाद से उस इलाके में इंटरनेट सेवा भी अगले आदेश तक के लिए बंद कर दी गयी है।

क्या कहा हल्द्वानी DM ने ?

हल्द्वानी की डीएम ने पत्रकारों से बात करते हुए इस पूरी घटना के बारे में बताया। डीएम ने कहा की कोर्ट से प्राप्त आदेश के बाद उस अतिक्रमण को हटाने के लिए पुलिस बल को वहाँ तैनात किया गया। एक अतिक्रमण के लिए जितनी पुलिस बल की ज़रूरत होती है उतनी वहाँ लगाईं गयी थी। इस पूरी प्रक्रिया के दौरान असामाजिक तत्वों ने आधे घंटे के अंदर पुरे पुलिस बल को घेर लिया। नगर निगम की पूरी टीम के ऊपर पहला हमला पत्थरों के माध्यम से किया गया।

डीएम के अनुसार उस इलाके में लगभग सभी घरों के छतों से पत्थर बरसने लगे। इससे सम्बंधित वीडियो सोशल मीडिया पर आपको देखने मिल सकती है। डीएम ने अपने बयान में ये कहा की इस पूरी घटना के अंदेशे को लेकर उन लोगों ने पूर्व नियोजित तरीके से पत्थर अपने छतों पर इकट्ठे करने शुरू कर दिए। उन्होंने कहा की जिस दिन डेमोलिशन की प्रक्रिया होनी थी उसको लेकर इन लोगों ने पहले से ही तैयारी की हुई थी। डेमोलिशन की प्रक्रिया को पुरे प्रशासन ने बिना डरे इसको जारी रखा।

पहले पत्थर फिर पेट्रोल बम

डीएम ने इस घटना के सम्बन्ध में बताया की जो उग्र भीड़ सबसे पहले आई उन्होंने पत्थरों से हमले करने शुरू कर दिए। पत्थर से हमले के बाद जब दूसरी भीड़ आयी तो उनके हाथों में पेट्रोल बम दिखाई दिया। इस घटना से सम्बंधित वीडियो भी सोशल मीडिया पर बड़ी आसानी से उपलब्ध हो जाएंगे जिसमे ये देखा जा सकता है की पेट्रोल बम में आग लगा लगाकर प्रशासन के ऊपर फेंका गया। प्रशासन ने किसी भी तरह से उस भीड़ को नहीं उकसाया था लेकिन उग्र भीड़ ने पूर्व नियोजित तरीके से हमला जारी रखा। इस पूरी पत्थरबाज़ी और पेट्रोल बम वाली घटना के दौरान भी पुलिस ने अपने बल का इस्तेमाल नहीं किया था।

गौरतलब है की इस पूरी घटना में अब तक 4 लोगों के जान जाने की खबर आ रही है उसके साथ ही सैंकड़ों लोग घायल बताये जा रहे हैं। फिलहाल उस विशेष स्थान को लेकर कर्फ्यू जारी कर दिया गया है और लोगों से ये अपील की जा रही है की बिना ज़रूरी काम के बाहर ना निकले। इसके अलावा दंगाइयों को देखते ही गोली मारने के आदेश दे दिए गए हैं।

एक अतिक्रमण की हुई ज़मीन जो की सरकार की है और उसको छुड़ाने जब पुलिस जाती है तब पूरी भीड़ जिसमे बच्चे, महिला एवं पुरुष सभी शामिल होते हैं एक साथ हमला बोल देते हैं। स्थानीय पुलिस थाने को भी आग के हवाले कर दिया जाता है और इसके साथ-साथ सरकारी एवं निजी वाहनों को भी आग के हवाले कर दिया जाता है। इस प्रकार की घटना प्रशासन के लिए एक चुनौती है क्योंकि इसमें प्रशासन से आम नागरिक ना तो डरते हैं बल्कि उनपर पेट्रोल बम और पत्थरों से हमले भी करते हैं। अब यह मामला और कितना आगे चलेगा ये देखने वाली बात होगी। फिलहाल शासन-प्रशासन इसको लेकर सजग है और कार्रवाई की जा रही है।

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