इस IPS अफसर ने छोड़ी नौकरी, BJP से लड़ेंगे लोकसभा चुनाव तो क्या होगा अश्विनी चौबे का ?
IPS जैसी नौकरी युवाओं के लिए एक सपना होती है। ऐसी नौकरी पाना उनके सपने जैसा है। लेकिन नौकरी लेकर उससे इस्तीफा देना एक बहुत बड़ा फैसला होता है। ऐसी ही एक खबर आ रही है जिसमे असम के लखीमपुर ज़िले में एसपी के रूप में तैनात आनंद मिश्र अपने पद से इस्तीफा देकर बिहार से चुनाव लड़ेंगे। आनंद मिश्र मूल रूप से बिहार के भोजपुर ज़िले से हैं। उन्होंने इस्तीफा देकर ये कहा की अब वह अपनी ज़िन्दगी आज़ादी से जीना चाहते हैं और सामाजिक कार्यों में अपना समय बिताना चाहते हैं।
आनंद मिश्र बिहार के भोजपुर ज़िले स्थित शाहपुर प्रखंड स्थित पड़सौरा गाँव से आते हैं। उनके पिता कोलकाता में रहते हैं। ऐसा माना जाता है की आनंद मिश्र असम के तेज़ तर्रार पुलिस अफसरों में से एक में आते हैं। असम के नगांव जिले में अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने ड्रग माफियाओं के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की थी और उनकी खूब चर्चा हुई थी। आनंद मिश्र बचपन से ही पढ़ने-लिखने में होशियार रहे हैं।
मात्र 22 साल की उम्र में यूपीएससी की परीक्षा पास कर वह आईपीएस बन गए। वह 2011 बैच के आईपीएस अफसर हैं। उनका जन्म 1989 में बिहार के बक्सर में हुआ था। उनके पिता पेशे से इंजीनियर थे। स्कूल और आगे की पढाई उन्होंने कोलकाता में ही पूरी की थी। जिसके बाद उन्होंने यूपीएससी की परीक्षा दी और पास हो गए।
आनंद मिश्र सोशल मीडिया पर भी काफी एक्टिव रहते हैं। उनकी बहुत बड़ी फैन फॉलोइंग भी है। अपने गिटार बजाने के टैलेंट की भी वजह से वह सोशल मीडिया पर काफी प्रसिद्द हैं। इसके अलावा वह गरीब और मजबूर छात्रों को कोचिंग की भी व्यवस्था देते हैं। वह अपने समाज सेवा मिशन को लेकर अपने क्षेत्र में बहुत सक्रिय हैं।
बीजेपी से नज़दीकी और चुनाव की चर्चा
ऐसा बताया जाता है की आईपीएस आनंद मिश्र के सम्बन्ध बीजेपी के नेताओं से अच्छे हैं। बड़े स्तर के बीजेपी नेताओं के साथ वह संपर्क में है। इसी कारण उनके इस्तीफे के बाद उनके चुनाव लड़ने की चर्चा ज़ोरों पर है। कहा जा रहा है की बक्सर से वह लोकसभा चुनाव लड़ सकते हैं।
यह लोकसभा सीट ब्राह्मण बहुल है, भारतीय जनता पार्टी ने इस सीट पर 6 बार जीत दर्ज की है। शायद यही कारण है की आईपीएस आनंद मिश्र अपने ब्राह्मण होने के फायदे को चुनाव में इस्तेमाल कर बीजेपी की टिकट से लोकसभा जाना चाहते हैं। वर्त्तमान सांसद अश्विनी चौबे हैं और इनसे पहले लगातार चार बार, लाल मुनि चौबे प्रतिनिधित्व कर चुके हैं।
आनंद मिश्रा बिहार से हैं और मौजूदा समय में वह अपने पद से इस्तीफा दे चुके हैं और खरमास के बाद (16 जनवरी के बाद से) से वह अपने पद से तत्काल प्रभाव से मुक्त हो सकते हैं। उन्होंने असम सरकार से इसके लिए अनुरोध किया है। बिहार की राजनीति में अपना भविष्य तलाश रहे आनंद मिश्र ने अभी तक खुल कर राजनीति के बारे में कुछ नहीं कहा है।
उनका कहना है की वह समाज में आज़ाद होकर समाज सेवा करना चाहते हैं लेकिन प्राप्त जानकारी से ये साफ़ है की बिहार में लोकसभा चुनाव लड़ने की उनकी तैयारी शुरू हो चुकी है। अब देखना है की पार्टी के शीर्ष नेता इसके लिए कितना तैयार होते हैं और उनके कहाँ का टिकट मिलता है?
हालांकि ऐसी पूरी उम्मीद है की वह बक्सर से चुनाव लड़ेंगे लेकिन बक्सर से मौजूदा संसद अश्विनी चौबे क्या करेंगे? अगर आनंद मिश्र को बक्सर की टिकट मिल जाती है तो अश्विनी चौबे को कहा की सीट मिलने की उम्मीद की जा सकती है? ऐसे कुछ सवाल है जो आने वाले दिनों में जल्द ही साफ़ हो जाएंगे।