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मुसलमानों को जॉर्जिया मेलोनी की चेतावनी, ‘यूरोप में इस्लाम की कोई जगह नहीं’

मुसलमानों को जॉर्जिया मेलोनी की चेतावनी, ‘यूरोप में इस्लाम की कोई जगह नहीं’

गीर्ट विल्डर्स, डोनाल्ड ट्रम्प, जॉर्जिया मेलोनी आदि ऐसे नेता हैं जो लगातार इस्लामिक कट्टरपंथियों के खिलाफ बोलते आये हैं। इसकी शुरुआत पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने अपने राष्ट्रपति चुनाव से पहले की थी। आज पुरे विश्व में चाहे वह अमेरिका हो, इटली हो, फ्रांस हो या कोई भी यूरोपीय देश, सभी खुलकर इस्लामिक कट्टरपंथियों की बात कर रहे हैं।

क्या कहा इटली की प्रधानमंत्री ने ?

प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी ने कहा है की इस्लामिक और यूरोपियन संस्कृति आपस में मेल नहीं खाती। ऐसे में यूरोप के अंदर इस्लामवादियों के लिए कोई जगह नहीं है। मेलोनी के अनुसार, इटली में इस्लामिक केंद्रों को सऊदी अरब से फंडिंग मिलती है जहां शरिया क़ानून लागू है। यूरोप में जिस प्रकार की इस्लामीकरण प्रक्रिया चलाई जा रही है वह हमारी सभ्यता और उसके मूल्यों से कोसों दूर है। इस स्थिति में मुसलमानों का यूरोप से दूर रहना ही उचित है। हमारी संस्कृति और इस्लामिक संस्कृति परस्पर विरोधी हैं और इन्हे अलग ही होना चाहिए।

दरअसल जॉर्जिया मेलोनी का ये बयान ब्रिटिश प्रधानमन्त्री ऋषि सुनक के उस बयान के बाद आया है जिसमे सुनक ने अवैध प्रवासियों से ख़तरा होने की बात कही है। सुनक ने अपने इटली के दौरे पर कहा था की बढ़ते अवैध प्रवासियों की जनसंख्या से यूरोप का समाज अस्थिर हो जाएगा। उसी के बाद मेलोनी का मुसलमानो को लेकर ऐसा बयान आया है।

अक्सर अपने बयानों से सुर्ख़ियों में रहती हैं जॉर्जिया मेलोनी

इटली की पहली महिला प्रधानमंत्री होने के साथ वह दक्षिणपंथी पार्टी ब्रदर्स ऑफ़ इटली की नेता हैं। इटली की पहली महिला पीएम होने के अलावा उनके नाम पर इटली की सबसे युवा मंत्री होनी का भी रिकॉर्ड दर्ज है। जॉर्जिया खुद को मुसोलिनी का वारिस बताती हैं जिस पर उनकी आलोचना भी की गयी थी। जॉर्जिया अपने दिए गए एक बयान में मुसलमानों को इटली के लिए ख़तरा भी बता चुकी हैं।

ट्रम्प भी अवैध अप्रवासियों को लेकर दे चुके हैं बयान

पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प अक्सर अपने बयान से चर्चा में रहते हैं। अगले साल होने वाले राष्ट्रपति चुनाव में ट्रम्प भी भाग ले रहे हैं। ट्रम्प ने कहा है की अवैध प्रवासी हमारे देश में ज़हर घोल रहे हैं और इनको बर्दाश्त नहीं किया जाना चाहिए। बीते शनिवार को ट्रम्प का ये बयान आया है। ट्रम्प के इस बयान की आलोचना उनके विरोधियों ने की है और कहा है की उनका ये बयान विभाजनकारी है।

इससे पहले ट्रम्प ने अक्टूबर के महीने में कम्युनिस्टों, मार्क्सवादियों को जड़ से उखाड़ने की कसम खाई थी। ट्रम्प ने उन्हें कीड़ा बताते हुए कहा की वे लोग झूठ बोलते हैं, चोरी करते हैं और चुनाव में धोखाधड़ी करते हैं। इस बयान के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने ट्रम्प की निंदा की थी और कहा था उनकी भाषा नाज़ी जर्मन वाली है।


मुसलमानों को लेकर जिस तरह की प्रतिक्रया विश्व के अलग-अलग देश के नेताओं ने दिखाई है वह यूँही नहीं है। फ़्रांस में आप्रवासियों द्वारा किया गया उपद्रव या फिर हमास के समर्थन में पुरे यूरोप में निकाली गयी रैली इनके खिलाफ इन नेताओं को खड़ा करती है। ये भी एक सच्चाई है की पूरा विश्व यहां तक की खुद इस्लामिक देश भी इस्लामी आतंकवाद से पीड़ित हैं।

विश्व के बड़े से बड़े आतंकवादी संगठनों में ज़्यादातर इस्लामिक कट्टरपंथी ही हैं। इनका मकसद विश्व के हर एक देश में इस्लामिक क़ानून ‘शरिया’ लागू करना है और लोगों को मुसलमान बनाना है। ऐसे कई रिपोर्ट्स अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ज़ाहिर हो चुके हैं। भारत में भी तरह-तरह के संगठन चलाये जाते हैं जिन्हे विदेशों से फंडिंग मिलती है और यहां वो अपने इस्लामिक मज़हब का प्रचार-प्रसार करते हैं। इसके अलावा पाकिस्तान और बांग्लादेश जैसे देशों में अल्पसंख्यक हिन्दुओं को प्रताड़ित करना और जबरन इस्लाम कुबूल करने पर मजबूर किया जाता है। सोशल मीडिया पर आये दिन आपको ऐसी घटना देखने और सुनने मिल जाएगी।

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