‘हिजाब’ पर कर्नाटक में राजनीति, बैन को लेकर सीएम सिद्धारमैय्या पर ओवैसी का तंज
हिजाब को लेकर कुछ महीनो पहले सोशल मीडिया पर बहस छिड़ी हुई थी। इसको लेकर तमाम हिन्दू संगठनो और इस्लामिक संगठनो के बीच ज़ुबानी जंग तेज़ हो गयी थी। स्कूल में बच्चियों के द्वारा हिजाब पहनने को लेकर टीवी मीडिया में कई दिनों तक बहस भी चली थी। उस दौरान कर्नाटक में बीजेपी की सरकार थी। तत्कालीन सरकार ने ‘हिजाब’ पर बैन लगा दिया था। उसकी सफाई के रूप में ये कहा गया था की शिक्षण संस्थान में धार्मिक पहनावा अनिवार्य नहीं है।
क्या कहा सीएम सिद्धारमैय्या ने ?
कर्नाटक में कांग्रेस की सरकार आने के बाद सिद्धारमैय्या मुख्यमंत्री बने। हाल ही में उन्होंने हिजाब को लेकर ये बयान दिया था की उनकी सरकार हिजाब पर बैन हटाने का विचार कर रही है। दूसरी तरफ उन्होंने कहा की बैन अभी हटाया नहीं गया है। कर्नाटक में हिजाब पर बैन हटाने को लेकर बीजेपी काफी हमलावर हो गयी थी। बीजेपी ने सिद्धारमैय्या के इस फैसले की आलोचना की थी और कहा की वो सिर्फ वोट की वजह से ऐसे फैसले ले रहे हैं। इससे शैक्षणिक स्थानों में धर्मनिरपेक्ष प्रकृति को लेकर चिंता पैदा होगी।
ओवैसी ने किया तंज
AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने सीएम सिद्धारमैय्या पर तंज कसा है। ओवैसी ने कहा की आपको सत्ता में आये हुए 6 महीने से ज़्यादा बीत गए। लेकिन अभी तक आप ये विचार कर रहे हैं की मुस्लिम लड़कियों को शिक्षा का अधिकार होना चाहिए या नहीं? इसमें विचार करने की ज़रूरत ही क्या है? ओवैसी ने मुख्यमंत्री पर कटाक्ष करते हुए कहा की ‘धर्मनिरपेक्ष’ कांग्रेस सरकार द्वारा हिजाब पर प्रतिबन्ध अभी भी लागू है। जिन मुसलमानो ने उन्हें वोट दिया है वो बहुत खुश होंगे।
बीजेपी ने क्या कहा ?
प्रदेश में बीजेपी के अध्यक्ष बीवाई विजयेंद्र का कहना है की शैक्षणिक संस्थानों में धार्मिक पोषक की अनुमति देकर सिद्धारमैय्या सरकार युवाओं के दिमाग को धार्मिक आधार पर विभाजित कर रहे हैं। विभाजनकारी प्रथाओं को मान्यता देने की बजाए शिक्षा पर प्राथमिकता देना महत्वपूर्ण होता है।
कर्नाटक सरकार में मंत्री प्रियांक खड़गे का कहना है की, मुझे नहीं लगता की बीजेपी संविधान के बारे में जानती है। सरकार अपना काम कानून के दायरे में ही रह कर कर रही है। बीजेपी को संविधान पढ़ने की आवश्यकता है। ज़रूरत पड़ने पर जो नीति कर्नाटक सरकार के लिए अच्छी नहीं होगी उसे हटाया जाएगा।
सामान्य तौर पर हिजाब या किसी भी धार्मिक पोशाक को बढ़ावा देना वास्तव में शिक्षण संतानों में युवाओं को विभाजित करता है। ऐसे में कर्नाटक सरकार का फैसला क्या होता है ये जानना रोचक होगा। हालांकि बीजेपी इस नीति के खिलाफ है और लगातार हमलावर है।
किन देशों में बैन है हिजाब ?
फ्रांस, ऑस्ट्रिया, बेल्जियम, नीदरलैंड, श्रीलंका, तुर्की, डेनमार्क सहित लगभग 18 देशों में हिजाब बैन है। इनमे बहुत सारे देश इस्लामिक मान्यता वाले हैं। हिजाब बैन को लेकर सभी देशों के अपने अलग तर्क है। इनमें ज़्यादातर आतंकी गतिविधियों के कारण हिजाब को बैन किया गया है। दूसरी ओर हमारे भारत में भी इस तरह की परेशानी से निपटने के लिए इस पर विचार करने की आवश्यकता है।
भारत में रह-रह कर ऐसे मुद्दे पर बवाल होता दिखाई देता है। सोशल मीडिया पर हिजाब को लेकर हुई कंट्रोवर्सी के दौरान कई स्कूली बच्चे अपने-अपने धार्मिक प्रतीकों के साथ विद्यालय पहुँच रहे थे। ऐसे में विवाद बढ़ने के आसार ज़्यादा हो जाते हैं। स्कूलों में इस तरह के विवाद से बच्चों को दूर रखना चाहिए। क्योंकि इसकी वजह से होने वाली अराजकता और विभाजित करने वाली विचारधारा बच्चों और युवाओं के दिमाग में ज़हर का काम करेंगी। ऐसे में सही फैसला लेना सरकार की ज़िम्मेदारी है, ताकि भविष्य में धार्मिक झगडे ना हो।