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Accenture ने 11000 लोगों को निकाला, अभी और बाकी

AI के ज़माने में एक ओर जहां सब कुछ सुगम होने को आया है दूसरी तरफ उन लोगों के लिए मुसीबत बना हुआ है जो नौकरी पेशा लोग है। ऐसे में कई कंपनियों ने अपने यहां से हज़ारों लोगों को निकाल दिया है। चाहे वह टीसीएस हो, बाईटडांस हो या फिर एक्सेंचर। आज की खबर के अनुसार एक्सेंचर ने करीब 11000 कर्मियों को निकाल दिया है जो अपने आप को AI के हिसाब से तैयार नहीं कर पाए। ये जानकारी दी है एक्सेंचर की सीईओ जूली स्वीट ने। उन्होंने कंपनी को रीस्ट्रक्चर करने का हवाला देते हुए कहा की आगे आने वाले महीनो में और भी लोगों को निकाला जा सकता है।

कंपनी कर रही अपने कमर्चारियों को ट्रेन – जूली स्वीट

एक्सेंचर सीईओ जूही ने बताया की अभी जितने कर्मचारी निकाले गए हैं वह इतने छोटे समय में निकाले गए हैं की उनकी स्किल पे काम किया जाना संभव नहीं हो पाता। इसके साथ ही उन्होंने कहा की अभी कुछ और लोग निकाले जा सकते हैं क्योंकि आने वाले समय में कंपनी अपना पूरा वर्कफोर्स AI के ज़रिये हस्तांतरित करने वाला है और ऐसे में इसकी संभावना प्रबल है की आने वाले महीनो में फिर से रीस्ट्रक्टरिंग की नौबत आये। इसके अलावा कंपनी ने मौजूदा समय में AI की मांग को देखते हुए अपने कर्मचारियों को शिक्षित करने पर भी खर्च कर रही है। इसके लिए कंपनी ने एजेन्टिक आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस की ट्रैंनिंग शुरू भी कर दी है। यह एक प्रकार का नया AI टूल है जो पेचीदा कामों को आसानी से करने को लेकर डिज़ाइन किया गया है। और इस प्रकार की ट्रैंनिंग कंपनी इसलिए करवा रही है क्योंकि इसके ज़रिये ही वह अपने क्लाइंट्स की ज़रूरतों को पूरा कर सकते हैं।

गौरतलब है की एक्सेंचर के पास आज से तीन महीने पहले तक लगभग 791000 कर्मचारी थे लेकिन हालिया लेऑफस के बाद उनकी संख्या मात्र 779000 रह गयी है और जैसा की सीईओ जूही ने बताया है, इसमें से और हज़ारों कर्मचारी अभी बाहर निकाले जाने बाकी है। ऐसे में जो कर्मचारी अभी काम कर रहे हैं उनके लिए आने वाले समय थोड़ा मुश्किल भरा हो सकता है। जिस प्रकार कंपनियां AI के नाम पर अपने कर्मचारियों को निकाल रही है और लगभग पुरे विश्व भर में मार्केट का हाल ही ऐसा है तो आने वाले समय में काम की तलाश और मुश्किल हो सकती है।

प्राइवेट कर्मचारियों, ख़ास कर आईटी सेक्टर में काम करने वाले कर्मचारियों के लिए आने वाला समय मुश्किल भरा हो सकता है। क्योंकि जिस उम्र में वह अपना करियर शुरू करते हैं, उस उम्र में उनकी नौकरियां जा रही हैं और AI आने के बाद अगर आप ट्रेनिंग ले भी लेते हैं तो वर्कफोर्स पहले के मुकाबले बहुत सिमट जाएगा। मान लीजिये पहले 100 लोग एक साथ काम करते थे तो AI के आने के बाद लगभग 90 प्रतिशत नौकरियां आने वाले 5 से 10 सालों में ऐसे ही ख़त्म हो जाएगी। इस स्थिति में ज़रूरत है सरकार को ऐसे युवाओं के लिए कुछ करने और उनके लिए नई व्यवस्था करने की, क्योंकि AI आने के बाद मार्केट भले ही चल पड़े लेकिन वो ज़्यादा दिनों का मेला नहीं होगा।

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