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CJI पर जूता फेंकने वाला भी दलित?

CJI गवई पर जूता फेंकने का विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। गौरतलब है की बीते दिनों एक वरिष्ठ अधिवक्ता बताने वाले एक व्यक्ति ने कोर्ट परिसर के अंदर CJI गवई पर जूता फेंका था जिसके बाद देश भर में इसे दलित विरोधी कृत्य बताया जा रहा है। उसके पीछे कारण ये था की लोगों का ये मानना था की CJI दलित समाज से आते हैं और हमलावर किसी सवर्ण समाज से आता है। बस इसी बात को लेकर देश भर में इस तरह का माहौल बनाया जा रहा था की दलित विरोधी मानसिकता बढ़ती जा रही है जिसमे एक मुख्य न्यायाधीश को भी सुरक्षा नहीं है। हालांकि इस घटना के बाद प्रधानमंत्री मोदी सहित कई बड़े राजनेताओं ने इस घटना की निंदा की और ऐसे कृत्य से बचने को कहा। जिस व्यक्ति ने जूते से हमला किया उसका नाम राकेश किशोर बताया जाता है और उन्होंने खुद को दलित समुदाय का एक व्यक्ति बताया है और हिन्दू आस्था के प्रति अपना विरोध जताते हुए ऐसा किया।

हमलावर राकेश कुमार ने स्वयं इस बात की पुष्टि की है की वह दलित हिन्दू समुदाय से आते हैं और इसकी पुष्टि कई मीडिया संस्थानों ने भी की है। राकेश कुमार ने मीडिया में ये बयान भी दिया था की स्वयं भगवान विष्णु ने मुझे इस तरह का कार्य करने के लिए प्रेरित किया था और जिस प्रकार CJI गवई ने हिन्दू धर्म की आस्था का मज़ाक उड़ाया था उसको लेकर इस तरह की प्रतिक्रया बहुत ही स्वाभाविक है। इस प्रकार के बयान के बाद सोशल मीडिया पर कई पक्ष उनका समर्थन कर रहे हैं तो वहीं कई लोग उनके विरोध में भी हैं। ऐसे में सही-गलत का फैसला समाज के ऊपर है की वह इस प्रकार की घटना को किस तरह से समझता है।

भगवान् विष्णु की टिप्पणी कर CJI घिरे

गौरतलब है की ये सारा विवाद तब उत्पन्न हुआ जब CJI गवई की कोर्ट में एक याचिका दायर की गई जिसमे भगवान् की खंडित मूर्ति का चेहरा पुनर्स्थापित करने की मांग करने को लेकर आवेदन दिया गया था। जिसके बाद इस याचिका को खारिज करते हुए CJI गवई ने याचिकाकर्ता को ही लताड़ लगाई और कहा की आप तो स्वयं विष्णु भगवान् के इतने बड़े भक्त हैं तो फिर उन्ही से जाके प्रार्थना कीजिये वो अपनी खंडित मूर्ति को सही कर लेंगे। इस बात को लेकर पुरे देश में चर्चा का माहौल गरमाने लगा और CJI गवई का विरोध शुरू हो गया। जिसके बाद से सोशल मीडिया पर अनेकों तरह के पोस्ट और मीम वायरल होने लगे जिसमे CJI गवई को हिन्दू धर्म विरोधी साबित किया जाने लगा। उसी के कुछ दिनों के बाद जूता फेंकने वाली घटना हुई जिसमे खुद हमलावर ने इस बात को स्वीकार किया की हिन्दू धर्म का अपमान उचित नहीं है और इसी कारण राकेश कुमार ने जूता फेंकते हुए CJI गवई का विरोध किया है।

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