Elon Musk खोलेंगे गुजरात में टेस्ला की पहली फैक्ट्री, Vibrant Gujrat Summit में पीएम मोदी हो सकते हैं शामिल
भारत को मैन्युफैक्चरिंग हब बनाने की कवायद की शुरुआत हो चुकी है। अब भारत में एलोन मस्क की टेस्ला कंपनी की कारों का निर्माण होगा। प्राप्त जानकारी के अनुसार जनवरी के महीने में होनेवाली वाइब्रेंट गुजरात समिट में इसका ऐलान किया जाएगा। भारतीय बाज़ारों में अपने पांव पसारने के लिए टेस्ला कंपनी ने भारत सरकार के साथ बातचीत शुरू कर दी है। गुजरात में होने वाले समिट के दौरान टेस्ला कंपनी के मालिक एलोन मस्क और पीएम मोदी भी मौजूद रहेंगे।
लम्बे समय से गुजरात व्यापार और उद्योग के लिए पूंजीपतियों का पसंदीदा स्थान रहा है। गुजरात में पहले भी ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री रह चुकी है जैसे मारुती सुजुकी। ऐसा बताया जा रहा है की टेस्ला के लिए गुजरात में जो प्लांट बनेगा वह वह सनद, बेचराजी और धोलेरा के पास हो सकता है। हालांकि अभी तक ऐसी कोई भी आधिकारिक जानकारी नहीं आई है। हाल ही में गुजरात के स्वास्थय मंत्री ऋषिकेश पटेल ने एलोन मस्क के इन्वेस्टमेंट को लेकर उम्मीद जताई है।
मीडिया में प्रसारित जानकारियों के अनुसार गुजरात सबसे पसंदीदा जगह है टेस्ला के प्लांट के लिए। जिसके पीछे ना सिर्फ गुजरात सरकार की व्यापार सम्बन्धी सुगम नीतियां है बल्कि व्यापार के नज़रिये से माल के आवागमन में भी उसका स्थान महत्वपूर्ण है। यही कारण है की गुजरात जैसा राज्य इस मामले में सभी की पहली पसंद बन कर उभरा है।
वाइब्रेंट गुजरात समिट
वाइब्रेंट गुजरात समिट की शुरुआत 2003 में हुई थी। साल 2023 में इसका दसवां संस्करण सफलता के रूप में मनाया जाएगा। इस समिट का मुख्य उद्देश्य व्यापार, समावेशी विकास और रणनीतिक साझेदारी को बढ़ाना है। यह एक वैश्विक मंच के रूप में काम करता है। इसी तरह के कार्यक्रम की वजह से गुजरात व्यापारियों के लिए सबसे सुगम स्थल बना हुआ है।
सरकारी अधिकारियों के माध्यम से मीडिया प्राप्त जानकारी के अनुसार टेस्ला को 15-20 फीसदी रियायती आयात शुल्क पर पूरी तरह से निर्मित कारों को आयात करने की अनुमति दी जा सकती है जो मौजूदा समय के हिसाब से बहुत कम है। हालांकि इसपर विवाद होता भी दिखा दे रहा है। टाटा मोटर्स और अन्य भारतीय इलेक्ट्रिक वाहन निर्माताओं ने इसपर सवाल किया है की टेस्ला को इतनी रियायत क्यों मिल रही है? जानकारी के अनुसार गुजरात जैसे राज्य में पहले से ही मारुती सुजुकी, टाटा मोटर्स और एमजी के वस्तुओं का निर्माण होता है।
‘मेक इन इंडिया’ के तहत आगे बढ़ रहा भारत
प्रधानमंत्री मोदी ने मेक इन इंडिया की शुरुआत ना सिर्फ मैन्युफैक्चरिंग हब बनाने के लिए किया बल्कि इससे सम्बंधित सभी सेक्टर में भारत को बढ़ावा देने के लिए किया है। इसके तहत भारत सरकार भारत के ही अंदर वस्तुओं के निर्माण पर ज़ोर दे रही है। यही कारण है की एप्पल जैसे स्टोर और उसके निर्माण सम्बन्धी कारखाने खोलने की बात नोएडा में हुई थी जिसपर काम चल रहा है। वहीं दूसरी ओर टेस्ला अगर भारत में अपनी कारों का निर्माण करती है तो इससे भारत को फायदा होगा।
इस तरह के निर्माण कार्य अगर भारत में अपने पुरे ज़ोर पर होने लगेंगे तो रोज़गार सम्बन्धी परेशानियां कम हो सकती है। मेक इन इंडिया के तहत बाहर से आयात कम करके और निर्यात को बढ़ाने से भारत अगले कुछ सालों में और भी बेहतर स्थिति पर पहुँच सकता है। यही कारण है की पीएम मोदी ने मेक इन इंडिया का नारा देकर इस को शुरू किया है।
चीन से छीन जाएगा हक़ ?
मौजूदा समय में चीन दुनिया का मैन्युफैक्चरिंग हब है और यही कारण है की चीन की आर्थिक स्थिति अन्य एशियाई देशों के मुकाबले काफी बेहतर है। मोदी के मेक इन इंडिया प्रोग्राम के तहत अगले कुछ दशकों में चीन की जगह भारत दुनिया का मैन्युफैक्चरिंग हब हो सकता है। जिसकी शुरुआत धीरे-धीरे हो चुकी है और अभी जारी है। इसके लिए पीएम मोदी ने कई प्रकार की नीतियां लागू की है जो निवेशकों को आकर्षित कर रही है।