गूगल, इस नाम से आज पूरी दुनिया परिचित है। चाहे वो बूढ़ा हो या बच्चा, आज हर कोई गूगल से कई सवाल पूछता है और गूगल दुनिया भर की जानकारी लोगों को पहुंचाता है। यही कारण है की गूगल सिर्फ एक सर्च इंजन नहीं बल्कि एक भाव में बदल चुका है। कहने को तो आज गूगल का 27 वां जन्मदिन है लेकिन वास्तव में गूगल की नींव बहुत पहले रखी जा चुकी थी।
कैसे शुरू हुआ Google?
गूगल की शुरुआत आज से ठीक 30 साल पहले यानी साल 1995 में स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी के 2 पीएचडी छात्रों के द्वारा सोची गई। वो दो नाम लैरी पेज और सेर्गेय बेन का था। हालांकि इनकी पहली मुलाक़ात बहुत अच्छी नहीं थी और उसके पीछे का कारण था की वो दोनों एक दूसरे से बिलकुल अलग थे और उनकी सोच एक दूसरे से मेल नहीं खाती थी। लेकिन दोनों में मतभेद होने के बावजूद भी उनके बीच एक अच्छी समझ विकसित होने लगी।
धीरे-धीरे उन दोनों ने एक ऐसे प्रोजेक्ट पर काम करना शुरू किया जिसमे सभी जानकारी एक साथ संगठित हो और उसको ऑनलाइन आप कही से भी एक्सेस कर सकें। इसी पर धीरे-धीरे काम करते हुए उन्होंने अपने प्रोजेक्ट का नाम “बैकरब” रखा। जब इनका प्रोजेक्ट अच्छे से काम कर गया तब उन्होंने अपने इस प्रोजेक्ट का नाम बदलने का सोचा और यही से आया गूगल।
लेकिन गूगल नाम आने के पीछे भी बहुत माथापच्ची की गई। उन दोनों को एक ऐसा नाम चाहिए था जो उनके प्रोजेक्ट के हिसाब से फिट बैठे। इसी को ध्यान में रखते हुए गूगोल नाम आया, जिसका मतलब होता है संख्या 1 के बाद 100 शुन्य वाला गणित की संख्या। जिसमे एक साथ कई नंबर फिट बैठ सकते हैं क्योंकि ये अपने आप में एक बड़ा आंकड़ा हो जाता है। इसी को लेकर सीन एंडरसन नाम का एक फेलो स्टूडेंट एक्सिडेंटली गूगोल की जगह गूगल टाइप कर देता है और डोमेन बुक हो जाती है। जिसके बाद से आज तक वो गूगोल की बजाय गूगल हो गया।
आधिकारिक रूप से गूगल की शुरुआत सबसे पहले सितम्बर 4 1998 को हुई थी। लेकिन बाद इसके जन्मदिन की तारीख को 27 सितम्बर बना दिया गया। 27 सितम्बर के पीछे की कहानी ये है की उस दिन साल 2000 तक गूगल ने बड़ी मात्रा में वेबसाइट और वेब पेजेज को स्टोर किया जो इसकी तरक्की का सबसे बड़ा कारण था। और तब से लेकर आज तक गूगल दुनिया का एक सबसे बड़ा सर्च इंजन वेबपेज है और सबसे बड़ी कंपनी भी। आज हर एक व्यक्ति जब भी शंका में या जाकारी के लिए किसी को बोलता ये पूछता है तो लोग यही बोलते हैं, गूगल कर लो।

