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“वह यादव नहीं यदमुल्ला होगा” – दिनेश लाल यादव “निरहुआ”

भोजपुरी फिल्मो के मशहूर अभिनेता दिनेश लाल यादव “निरहुआ” का बयान खूब चर्चा में है। उसके पीछे सबसे बड़ा कारण यह भी है की उन्ही के सहयोगी या साथी कलाकार खेसारी लाल यादव छपरा विधानसभा सीट से चुनाव लड़ रहे हैं। इसी बीच दोनों कलाकारों में ज़ुबानी जंग भी थोड़ी तेज़ हो गयी है क्योंकि चुनाव की घडी बहुत करीब है और दोनों पक्ष अपने ओर जनता को आकर्षित करना चाहते हैं। हालाँकि एक कलाकर के तौर पर दोनों बहुत अच्छे से एक दूसरे से बात करते हैं लेकिन चुनाव को लेकर और अपनी पार्टी की जीत को सुनश्चित करने के लिए ये अभिनेता से नेता बने कलाकार बयान देते जा रहे हैं। बीते दिनों निरहुआ ने एक मीडिया से बातचीत के दौरान कहा “कृष्णा के बंशज में पैदा होकर भी कोई राम मंदिर का विरोध करता है तो वह यादव नहीं हो सकता वह यदमुल्ला है।”

उनके इसी यदमुल्ला वाले बयान को खेसारी लाल यादव की तरफ इशारा देकर जोड़ा जा रहा है। उसके पीछे कारण ये है की भोजपुरी इंडस्ट्री के और बड़े कलाकार बीजेपी में हैं और खेसारी लाल यादव राजद के टिकट से छपरा विधानसभा से चुनाव लड़ रहे हैं। यही कारण है की रवि किशन, मनोज तिवारी, दिनेश लाल यादव निरहुआ जैसे अभिनेता खेसारी का सीधे तौर पर नहीं बल्कि अप्रत्यक्ष रूप से विरोध कर रहे हैं। निरहुआ के यदमुल्ला वाले बयान को ऐसे ही जोड़ कर देखा जा रहा है। इससे पहले रवि किशन और मनोज तिवारी ने भी खेसारी लाल यादव के चुनाव को लेकर बयान दिया था।

हालांकि इन सभी को देखते हुए खेसारी लाल यादव ने भी मंच से एक बार अपने विरोधियों को जवाब दे दिया है। उन्होंने सीधे तौर पर कहा है की उनके राजद में आने से लोगों को बड़ी दिक्कत ही रही है। दूसरी तरह राजद जैसी पार्टी को वो गलत साबित करने में लगे हैं। लेकिन क्या जो बीजेपी में है वो सारे बहुत साफ़ और सीधे हैं? ये बस बदनाम करने के मकसद से ऐसा किया जा रहा है लेकिन वह बस विकास चाहते हैं। बिहार में एक बदलाव चाहते हैं और यही कारण है की उन्होंने राजद में अपना विश्वास जताया है। उन्होंने मीडिया में ये भी बयान दिया की अगर 5 साल एक बाद आपको लगे की राजद सही नहीं है तो वह भी उनके साथ शामिल हो जाएंगे लेकिन उसके पहले एक मौक़ा तो मिलना ही चाहिए। उन्होंने बीजेपी और नितीश कुमार की सत्ता को लेकर कहा की 20 साल से सरकार चलती आ रही है लेकिन बेरोज़गारी, पलायन और अपराध की स्थिति वैसी ही बनी हुई है। ऐसे में अगर राजद को एक मौक़ा देकर देख लिया जाये तो इसमें हर्ज़ क्या है?

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