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“लिबरल मुस्लिम” वाले बयान पर इमरान हाशमी को अपनों ने घेरा

देश के सबसे चर्चित “शाह बानो” केस को लेकर बॉलीवुड में एक फिल्म बनाई जा रही है “हक़”। इसी फिल्म को लेकर अभिनेता इमरान हाशमी मीडिया में बयान दे रहे थे। अपने बयान के दौरान उनसे पत्रकार ने सवाल पूछा की जिस तरह से अभी देश में धर्म और जाति को लेकर अलग-अलग राय और संवेदनशीलता है, ऐसे में इस फिल्म को वो किस नज़रिये से देखते हैं। इसी को लेकर इमरान हाशमी ने खुद को लिबरल मुस्लिम बताते हुए अपने परिवार के लोगों की चर्चा की। इसमें उन्होंने ने बताया की उनकी पत्नी परवीन एक हिन्दू हैं। उनके बच्चे पूजा और नमाज़ दोनों एक साथ करने में विश्वास रखते हैं। उसके अलावा उनकी मां ईसाई परिवार से रही हैं। वो ऐसे माहौल में पले-बढे हैं जो सेक्युलर रहा है। ऐसे में आने वाली फिल्म “हक़” को वो उसी तरीके से देखते हैं।

उनके इसी बयान के बाद से कुछ लोग उनका समर्थन करते दिखाई देते हैं तो उनके खुद की कम्युनिटी के लोग उन्हें टारगेट करते दिखाई दे रहे हैं। लिबरल मुस्लिम वाले बयान के बाद एक व्यक्ति ने सोशल मीडिया पर उनकी वीडियो पोस्ट करते हुए लिखा की जब एक सेक्युलर मुस्लिम इमरान हाशमी घर ढूंढने जाते हैं तो उनकी पहचान के कारण उन्हें घर नहीं मिल पाता है। यह पोस्ट एक कटाक्ष की तरह है जो लिबरल मुस्लिम वाले बयान के बाद दिया गया है। ऐसे में क्या वाकई इमरान हाशमी जैसे बड़े और मशहूर अभिनेता को इस तरह की दिक्कत हुई थी की उन्हें उनकी पहचान के कारण घर नहीं मिला? जी ये घटना बिलकुल सही है जब उन्हें उनकी पहचान के कारण किसी सोसाइटी में फ्लैट लेने में परेशानी हुई थी।

इमरान हाशमी ने बांद्रा के किसी पॉश सोसाइटी पर आरोप लगाया था की “धार्मिक भेदभाव” के कारण एक फ्लैट खरीदने को लेकर सोसाइटी वालों ने उन्हें NOC नहीं दिया। उन्होंने उस दौरान अपने बयान में ये भी बताया था की किसी ने उन्हें ये सुचना दी थी की वो सोसाइटी मुस्लिमों के साथ भेदभाव करती है लेकिन उन्होंने उस बात पर गौर नहीं किया लेकिन जब उन्हें सोसाइटी वालों की तरफ से NOC नहीं मिली और इस बात पर कोई जवाब भी नहीं मिला तब जाकर उन्होंने ये माना की उनके साथ “धार्मिक भेदभाव” किया गया है क्योंकि वह एक मुस्लिम हैं। मौजूदा समय में “हक़” फिल्म को लेकर उनके “लिबरल मुस्लिम” वाले बयान पर लोग उनकी वही खबरें पोस्ट करते दिखाई दे रहे हैं और उन्हें उनके वो दिन याद दिला रहे हैं जब उनके साथ धार्मिक भेदभाव किया गया था।

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