संत रामपाल जी महाराज इन दिनों सोशल मीडिया X पर ट्रेंड कर रहे हैं और उनके ट्रेंड करने के पीछे का कारण यह है की उन्होंने अपने भक्तों की मांग पर उनकी राहत के लिए मदद भेजी। दरअसल ये मदद हरयाणा के हिसार में आई बाढ़ से राहत पाने के लिए भेजी गई थी। अब तक की मिली जानकारी के अनुसार हिसार के लगभग 45 बाढ़ से ग्रस्त गांव में ये राहत सामग्री पहुंचाई गई है। हैरानी की बात ये है की ये राहत सामग्रियां सीधे तौर पर बाढ़ से राहत पाने के लिए भेजी गई हैं जो 20 से 25 लाख के ऊपर की हैं। और लगभग सभी गावं में इतनी ही कीमत की सामग्रियां पहुंचे गई है। यही कारण है की ग्रामवासी इनका गुणगान करते नहीं थक रहे।
क्या कह रहे ग्रामवासी?
एक बाढ़ पीड़ित ग्रामवासी के अनुसार वह संत रामपाल जी से राहत के लिए आग्रह करने गए थे। उनकी कुछ मांगे थी जिसमे पाइप और कुछ तगड़े और भारी भरकम शक्ति वाले मोटर की ताकि वह पानी निकाल पाएं और इन सबकी कीमत 20 लाख रुपये से ऊपर की बताई जा रही थी। उसके बावजूद संत रामपाल जी महाराज ने अगले ही दिन वह राहत सामांग्री उनके गांव पहुंचा दी जो उम्मीद से ज़्यादा थी। ग्रामवासी ने ये भी बताया की अगर इसके लिए वो सरकार के पास जाते तो सरकार उनकी मांगों को तोड़ती और काम करती, उसके बावजूद भी राहत पहुँचती की नहीं उसकी गारंटी नहीं थी लेकिन संत रामपाल जी महाराज ने उससे भी बढ़कर उनकी सहायता की और ये तो सिर्फ एक गावं की बात है, उन्होंने ऐसे कई गावं को मुसीबत से उबारा है।
हिसार के दौलतपुर, ढाणी खान बहादुर, मतलौडा, ढाड सहित 40 गावं में अब तक इन्होने सहायता करी है और अगर इसका मूल्यांकन किया जाए तो इनकी कीमत करोड़ों रुपये की होगी। शायद यही कारण है की सभी ग्रामवासी सोशल मीडिया पर इनका गुणगान करते नहीं थक रहे हैं। हालांकि दिल्ली और हरियाणा जैसे प्रदेशों में इनके बहुत प्रशंसक और भक्तगण हैं लेकिन इस तरह से उनकी ये मदद अपने आप में अनूठी और मिसाल कायम करने वाली है। आमतौर पर बाबाओं को चन्दा और चढ़ावा दिया जाता है जिसका उपयोग वो समाज कल्याण के लिए करते हैं लेकिन इस तरह की आपदा की घडी में बहुत काम ही बाबा होते हैं जो अपने भक्त की सहायता के लिए आते हैं।
जायज़ तरीके से सरकार को इस मामले में गांव वालों की मदद करनी चाहिए थी लेकिन यहाँ पर एक संत जो समाज को दिशा दिखते हैं वह दशा सुधारक भी कहलाते हुए दिखाई दे रहे हैं। ऐसे में सवाल उठता है मौजूदा बीजेपी सरकार पर की वह इन ग्रामवासियों की दुःख की घडी में साथ क्यों नहीं दे रहा और अगर दे रहा है तो संत रामपाल जी इनकी मदद के लिए कैसे आ रहे हैं?

