दोस्ती, भरोसा और फिर साज़िश, सुखदेव सिंह गोगामेड़ी की ह्त्या की इनसाइड स्टोरी
करणी सेना के अध्यक्ष सुखदेव सिंह गोगामेड़ी की ह्त्या बीते मंगलवार को उनके ही निवास पर कर दी गयी। लेकिन ये ह्त्या की साज़िश अचानक से नहीं रची गयी। इस ह्त्या के पीछे पुरानी रंजिश बताई जा रही है। ये सिलसिला तब शुरू हुआ जब कुख्यात गैंगस्टर आनंदपाल सिंह को पुलिस एनकाउंटर में मार दिया जाता है। सुखदेव सिंह और आनंदपाल सिंह के बीच गहरी दोस्ती थी। दूसरी तरफ वर्त्तमान में देश के सबसे बड़े गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई और आनदपाल सिंह के बीच पुरानी दुश्मनी थी। उसके बाद कई ऐसी घटनाएं हुई जिसने इस दुश्मनी को और गहरा कर दिया। इसके बाद वो हो ही गया जिसकी आशंका सुखदेव सिंह को थी।
गैंगस्टर रोहित गोदारा की पोस्ट से क़त्ल का हुआ खुलासा
गैंगस्टर रोहित गोदारा जिसे लॉरेंस बिश्नोई का ही एक गुर्गा बताया जाता है, उसने ह्त्या के बाद सोशल मीडिया पर एक पोस्ट किया जिसमे सुखदेव सिंह की ह्त्या की ज़िम्मेदारी लेते हुए लिखा “सभी भाइयों को राम राम. मैं रोहित गोदारा कपूरीसर, गोल्डी बराड़, आज यह जो हत्या हुई है इसकी पूरी जिम्मेदारी हम लेते हैं. ये हत्या हमने करवाई है। भाइयों मैं आपको बताना चाहता हूं कि ये हमारे दुश्मनों से मिलकर उनका सहयोग कर रहा था। उनको मजबूत करने का काम कर रहा था। रही बात हमारे दुश्मनों की तो वह अपने घर की चौखट पर अपनी अर्थी तैयार रखे, उनसे भी जल्द मुलाकात होगी।”
ह्त्या और हत्यारों का नया चलन
बात चाहे सिद्धू मूसेवाला मर्डर की हो या फिर मौजूदा करनी सेना के अध्यक्ष सुखदेव सिंह गोगामेड़ी की। लॉरेंस और उनसे जुड़े सभी गुर्गे, ह्त्या के बाद एक नया ट्रेंड चलन में लाते हुए पब्लिकली इस बात को ज़ाहिर करते हैं। कभी वीडियो के माध्यम से तो कभी सोशल मीडिया पोस्ट के माध्यम से। एक समय था जब ह्त्या करने के बाद अपराधी अपनी पहचान छुपाते फिरते थे जबकि आज के समय अपराधी स्वयं ये बात लोगों को बताते हैं। इन सभी को देखकर ऐसा लगता है जैसे समाज और देश में कानून नाम का डर इनके लिए कुछ नहीं है।
बिश्नोई गैंग के निशाने पर कैसे आये सुखदेव सिंह ?
सुखदेव सिंह और आनंदपाल दोनों दोस्त थे और यही कारण था की सुखदेव हमेशा आनंदपाल की वकालत किया करते थे। वहीं दूसरी ओर आनंदपाल और लॉरेंस बिश्नोई के बीच छत्तीस का आंकड़ा था। ऐसे में सुखदेव सिंह का निशाने पर आना स्वाभाविक बात थी। लेकिन पुराने दिनों में ऐसी कोई विशेष दुश्मनी वाली बात नहीं थी।
उन दिनों सुखदेव सिंह राष्ट्रीय करणी सेना से जुड़े थे और फिर संगठन के अंदर विवाद शुरू हो गया। आनंदपाल सिंह की पुलिस एनकाउंटर में हुई मौत के बाद किये गए विरोध प्रदर्शन में सुखदेव सिंह को सुर्ख़ियों में ला दिया। मौक़ा देखते हुए सुखदेव सिंह ने 2017 में अपना एक अलग संगठन खड़ा कर लिया जिसका नाम रखा गया ‘श्री राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना और सुखदेव सिंह इसके अध्यक्ष बन गए।
इन सब के बीच सुखदेव सिंह की राजनीति और कारोबार ठीक चल रहा था। लेकिन ज़मीन के धंधे ने सुखदेव सिंह को सीधे लॉरेंस गैंग के निशाने पर लाकर खड़ा कर दिया। लॉरेंस के गुर्गे रोहित गोदारा को ये लगता था की सुखदेव सिर्फ राजपूतों की ही मदद करते हैं जबकि जाट बिरादरी के साथ नाइंसाफी होती है। ऐसे ही ज़मीन से जुड़े कुछ मामले थे जिसमे सुखदेव ने राजपूतों को सपोर्ट किया था और इसी बात से रोहित गोदारा सुखदेव से नाराज़ था। करीब डेढ़ साल पहले भी रोहित ने सुखदेव को फ़ोन पर धमकी दी थी।
अप्रैल में ही धमकी मिलने पर सुरक्षा मांगी थी सुखदेव सिंह ने
दिसंबर 2022 में सुखदेव के करीबी गैंगस्टर राजू ठेहट की ह्त्या भी ऐसे ही घर में घुस कर की गयी थी। उसका कारण भी यही था की राजू ठेहट, सुखदेव और आनंदपाल के करीब माना जाता था। उसकी ह्त्या के बाद भी रोहित गोदारा ने इसी तरह से ह्त्या की ज़िम्मेदारी अपने ऊपर ली थी। इन्ही सब खतरों को देखते हुए सुखदेव सिंह ने अप्रैल में एक भाषण के दौरान ह्त्या होने के अंदेशे से सुरक्षा की मांग की थी। लेकिन तत्कालीन सरकार और पुलिस ने इसको अनदेखा कर दिया। आखिरकार सुखदेव सिंह की ह्त्या भी राजू ठेहट के अंदाज़ में ही कर दी गयी।
ऐसे रची गयी सुखदेव सिंह के क़त्ल की साज़िश
सुखदेव सिंह पिछले डेढ़ साल से रोहित गोदारा की हिट लिस्ट में थे। सुखदेव तक पहुँचने के लिए उसका कोई जानने वाले आदमी की तलाश की जा रही थी। ताकि उसके ज़रिये वह अपने शूटर को काम के लिए भेज सके। आखिरकार नवीन शेखावत नाम के एक व्यक्ति को ढूंढा जाता है। नवीन शेखावत जयपुर के ही राजपुताना इलाके का रहने वाला था। उसकी कपडे की दूकान थी और सुखदेव सिंह उसे अच्छे से जानते थे। ये बात रोहित गोदारा को मालुम चली और संयोगवश अगले महीने नविन शेखावत के कजिन की शादी थी।
नवीन गोदारा को एक मौक़ा मिल गया और उसने अपने 2 शूटरों को काम पर लगा दिया। रोहित राठौर और नितिन फौजी नामक शूटर प्लान के तहत नवीन शेखावत से दोस्ती करते हैं और धीरे-धीरे उसे अपने भरोसे में लेते हैं। फिर ये तय होता की 5 दिसंबर को वो तीनो शादी का कार्ड देने सुखदेव के घर जाएंगे।
संयोगवश सुखदेव सिंह के सुरक्षा गार्ड उस दिन छुट्टी पर होते हैं और सिर्फ एक गार्ड उस दिन ड्यूटी पर होता है। योजना के तहत वो तीनो सुखदेव के यहां पहुंचते हैं। कार्ड देने के बाद 10 मिनट तक इधर उधर की बातें होती हैं और फिर अचानक से सुखदेव के फ़ोन की घंटी बजती है। वो फ़ोन उठाते हैं तभी सामने बैठे दोनों शूटर अपनी पिस्तौल निकाल कर निशाना लगाते हैं। गोली लगते ही सुखदेव गिर जाते हैं जबकि दूसरा शूटर गार्ड के ऊपर गोली चलता है और वो भी वहीं गिर जाता है। तभी नवीन शेखावत बीच बचाओ करते हैं लेकिन उसे भी गोली मार दी जाती है। ये सारा वाकया सीसीटीवी कैमरे पर रिकॉर्ड हो जाता है।
उसी के बाद रोहित गोदारा के पोस्ट से इस ह्त्या के रहस्य से पर्दा उठता है। उसके बाद पुरे राजस्थान में विरोध प्रदर्शन शुरू हो जाता है और हत्यारों के एनकाउंटर की मांग की जाती है। हालांकि 24 घंटे के अंदर हरियाणा पुलिस ने नितिन फौजी को गिरफ्तार करने का दावा किया है। वहीं दुसरा शूटर रोहित राठौर अब भी फरार है। राजस्थान पुलिस इस बात की भी जांच कर रही है की क्या नवीन शेखावत को इस ह्त्या के बारे में जानकारी थी ? राजस्थान पुलिस के एडीजी दिनेश एमएन खुद अपनी निगरानी में इस केस को देख रहे है।
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