पालघर पार्ट-2, साधुओ को निर्वस्त्र कर पूरी भीड़ ने पीटा, पश्चिम बंगाल के पुरुलिया की है घटना
बीते दिनों पश्चिम बंगाल के पुरुलिया ज़िले में भीड़ में शामिल लोगों ने साधुओं के ऊपर हमला किया। उन साधुओं को वीडियो में पीटते हुए देखा जा सकता है। उनको निर्वस्त्र करके पीटने को लेकर सोशल मीडिया में बवाल छिड़ गया है। साधुओं के ऊपर पश्चिम बंगाल में हुए हमले ने पालघर की याद भी दिला दी। 2020 में अप्रैल के महीने में ऐसी ही भीड़ ने महाराष्ट्र के पालघर में साधुओं को पीटा था। उस घटना के बाद उन दो साधुओं की मृत्यु भी हो गयी थी।
इस घटना के बाद हिन्दू संगठनों ने खूब बवाल काटा था। जानकारी के अनुसार बंगाल में साधुओं के ऊपर किये गए हमले को TMC के गुंडों ने अंजाम दिया है। बंगाल पुलिस की तरफ से ऐसी जानकारी आ रही है की अब तक इस हमले में शामिल 12 लोगों को हिरासत में लिया गया है। इसको लेकर आगे की कार्रवाई की जा रही है। हिरासत में लिए गए उन 12 लोगों की कोर्ट में पेशी भी होनी है।
BJP ने क्या कहा?
बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता शहज़ाद पूनावाला ने बंगाल में हुए साधुओं पर हमले को लेकर विरोध किया है। इस बारे में ट्वीटर पर हमले की वीडियो पोस्ट करते हुए शहज़ाद पूनावाला ने लिखा है, “पुरुलिया में पालघर पार्ट 2? गंगासागर जा रहे साधुओं को टीएमसी के गुंडों ने निर्वस्त्र कर पीटा। पश्चिम बंगाल में टीएमसी के राज में शाहजहां को संरक्षण मिलता है जबकि साधुओं को हिंसा का सामना करना पड़ता है। क्या हिंदू होना गुनाह है? टीएमसी ने राजनीतिक हिंसा को संस्थागत बना दिया है केंद्रीय एजेंसियों से लेकर साधुओं तक – कोई भी सुरक्षित नहीं है! कानून व्यवस्था ध्वस्त हो गयी है।”
Palghar part 2 in Purulia?
Sadhus en route to Gangasagar were stripped and beaten by TMC goons
In West Bengal under TMC, Shahjahan gets protection while sadhus face violence. Being Hindu is a crime?
Political violence has been institutionalised by TMC
From central agencies… pic.twitter.com/1MtF4fWKq6
— Shehzad Jai Hind (Modi Ka Parivar) (@Shehzad_Ind) January 13, 2024
पश्चिम बंगाल के पुरुलिया में हुई इस घटना को लेकर मीडिया कर्मियों ने केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर से सवाल किया। उन्होंने कहा है की, “तुष्टिकरण की राजनीति ने ऐसा माहौल बनाया है. पश्चिम बंगाल में कानून-व्यवस्था ध्वस्त हो चुकी है। सवाल यह है कि ऐसी हिंदू विरोधी सोच क्यों है? कभी रामजन्मभूमि का अगर शिलान्यास हो तो बंगाल में कर्फ्यू जैसी स्थिति खड़ी करते हैं।
हिन्दुओं को जश्न भी ना मनाने दिया जाए। और अब हिन्दू साधुओं को मारने पीटने से लेकर उनकी ह्त्या करने तक का प्रयास किया गया। इस तरह की घटनाएं सामने आ रही हैं और राज्य की सरकार मूक दर्शक बन के बैठी रही। मीडिया के मित्रों ने जब इस बात को उठाया तब जाकर अब थोड़ी कार्रवाई की गयी है।”
https://twitter.com/ANI/status/1746029934563254510?t=CO9AP9YGTQfGgk3rIYk2qw&s=08
पश्चिम बंगाल में हिंसा का स्तर बढ़ता हुआ दिखाई दे रहा है। पिछले दिनों ED के अफसरों और सुरक्षाकर्मियों पर हमले किये गए थे। उससे पहले पंचायत चुनाव में भी हिंसा की वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर की जा रही थी। उन वीडियो में ये साफ़ देखा गया था की चुनाव में निर्वाचित अधिकारियों पर बन्दूक तानी गयी थी। इस प्रकार की अराजकता पिछले कुछ सालों में बंगाल के अंदर बढ़ती दिखाई देती है। ऐसे में राज्य सरकार के ऊपर सवाल उठना लाज़मी है की इसको लेकर राज्य सरकार क्या कर रही है? पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का इसको लेकर कोई बयान नहीं आया है।
चूँकि चुनावी माहौल में इस तरह की गतिविधियों को नज़रअंदाज़ करना एक नेता के लिए बहुत ही स्वाभाविक है। क्योंकि एक सवाल के बाद कई सवाल उठेंगे और उसको लेकर शायद ममता बनर्जी अभी तैयार नहीं होंगी। लोकसभा चुनाव की तैयारियों में सभी पार्टियां व्यस्त हैं और दूसरी और राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा भी होनी है। ऐसे में साधुओं पर हमले यह दिखाते है की हिन्दू बहुल देश में हिन्दू ही सुरक्षित महसूस नहीं कर सकते।
साधुओं के साथ हो रही इस प्रकार की घटना पर संज्ञान लेते हुए केंद्र और राज्य सरकार को ठोस कदम उठाने चाहिए। नए दंड विधान के अनुसार मॉब लिंचिंग करने पर फांसी की सज़ा हो सकती है। हालांकि किसी भी साधू के जान-माल की क्षति नहीं हुई है ऐसे में उन उपद्रवियों पर कठोरतम कार्रवाई एक नज़ीर होनी चाहिए ताकि आने वाले समय में इस प्रकार की घटना ना हो।