‘शिक्षक’ से ‘संसद का मास्टरमाइंड’ कैसे बना ललित झा?
13 दिसंबर को हुए संसद में हंगामे ने देश भर में हलचल पैदा कर दी है। ये वाक्या उस दिन हुआ जब संसद में सैंकड़ों सांसद मौजूद थे और वह दिन भी इसलिए ख़ास था क्योंकि आज से ठीक 22 साल पहले संसद भवन पर हमला हुआ था। सुरक्षा में चूक को लेकर एक ओर विपक्षी पार्टियां हमलावर हैं वहीं दूसरी ओर उन लोगों की कुंडली भी खंगाली जा रही हैं जिन्होंने संसद में इस तरह की घटना को अंजाम दिया।
बताया जा रहा है की संसद की घटना का मास्टरमाइंड ललित झा है। पेशे से वह शिक्षक है और बिहार का रहने वाला है। संसद की सुरक्षा में सेंधमारी कर घटना को अंजाम देना और बाद में पुलिस के सामने सरेंडर करना एक योजना के तहत किया गया था। ललित झा मूल रूप से दरभंगा ज़िले का रहने वाला है। ललित झा के पिता ने इस बारे में मीडिया के सामने कई अहम् जानकारी साझा की है। दूसरी ओर पुलिस भी अपनी जांच में लगी है।
ललित झा के पिता का बयान
ललित झा के पिता के अनुसार ललित बचपन से ही पढ़ने में होशियार था। अपने पैतृक गाँव में शुरूआती पढाई के बाद वह कलकत्ता चला गया था। वहाँ उसने स्नातक की पढाई की और साथ ही कोचिंग में भी पढ़ाने लगा। पैसे कमाने के लिए उसने बच्चों को ट्यूशन देना भी शुरू कर दिया। बताया जाता है की वह बायोलॉजी और अंग्रेजी में काफी अच्छी पकड़ रखता है।
ललित अपने तीन भाइयों में सबसे बड़ा है। उसका परिवार पिछले 50 साल से कलकत्ता में ही रहता है। किसी ख़ास अवसर पर ही उसका परिवार गाँव जाता है। ललित का परिवार उसकी इस हरकत से दंग रह गए जब उनको संसद वाली घटना का पता चला। ललित 10 दिसंबर के बाद दिल्ली के लिए रवाना हुआ था।
सुबूत मिटाने के लिए फ़ोन तोड़ दिया ललित ने
बीते शुक्रवार को पुलिस ने दिल्ली की एक अदालत में ललित को पेश किया। वहाँ से उसे 7 दिनों के लिए पुलिस रिमांड पर दे दिया गया। पुलिस के हालिया बयान के अनुसार ललित और उसके साथी काम ना होने के कारण परेशान थे। इस कारण उन्होंने इस तरह की घटना को अंजाम दिया ताकि सरकार को अपनी मांग पूरी करने के लिए मजबूर किया जा सके। ऐसा दावा किया जा रहा है की ललित झा ने अपने साथियों सागर शर्मा, मनोरंजन, नीलम और अमोल शिंदे के फ़ोन अपने पास रख लिए और उन सबको नष्ट कर दिया।
संसद की पूरी घटना की इनसाइड स्टोरी
मीडिया के अनुसार ललित सोशल मीडिया पर बहुत एक्टिव था। उसने एक इंस्टाग्राम आईडी बना रखी थी जिसका नाम देशभक्त 88 है। उस आईडी में वह भगत सिंह से जुडी तस्वीरें और उनसे जुडी बातें शेयर करता था। लोगों को गुमराह करना और उसे जोड़ना, इसको लेकर पुलिस अभी जांच में लगी है।
आपको बता दें की बीते 13 दिसंबर को संसद पर हमले की 22 वीं बरसी थी और उसी दिन सदन की शीतकालीन कार्यवाही के बीच दर्शक दीर्घा से कूदकर इन्होने अपने साथियों सहित उथल पुथल मचा दी थी। अफरातफरी के बीच उन युवकों ने अपने जूते में छिपाकर रखे गैस के कनस्तर को स्प्रे करना शुरू कर दिया जिसके कारण सदन में पीला धुंआ फ़ैल गया।
इन सब के बीच सांसदों ने और सिक्योरिटी मार्शल ने युवकों को पकड़ लिया। सदन के अंदर पकडे गए युवकों का नाम मनोरंजन और सागर शर्मा है जिन्हे बाद में पुलिस को सौंप दिया गया। ऐसा बताया जा रहा है की वह दोनों मैसूरु के भाजपा सांसद प्रताप सिन्हा की सिफारिश पर बने पास पर आये थे। दूसरी सदन के बाहर इनके साथी हंगामा करते पकडे गए हैं। मुख्य साज़िशकर्ता के रूप में ललित झा ने दिल्ली पुलिस के सामने सरेंडर कर दिया है। इस मामले में अभी जांच चल रही है।