राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा में जाएंगे लालू-तेजस्वी की पार्टी के नेता? फ़तेह बहादुर सिंह के विवादित पोस्टर पर राजद की सफाई
बिहार में राजद के नेता अक्सर हिन्दू विरोधी बयान दे रहे हैं। आज की ही खबर के अनुसार डेहरी के विधायक फ़तेह बहादुर सिंह ने एक पोस्टर लालू-राबड़ी आवास के बाहर लगवाया था जिसको लेकर विवाद बढ़ता दिखाई दे रहा है। उसी बीच मीडिया कर्मियों ने बिहार के शिक्षामंत्री और राजद नेता चंद्रशेखर से राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा में शामिल होने को लेकर प्रश्न पूछा। इसपर शिक्षामंत्री चंद्रशेखर ने कहा की अगर उन्हें आमंत्रण मिलता है तो वो ज़रूर इसमें शामिल होंगे।
कभी रामचरितमानस को लेकर विवादित बयान देने वाले बिहार के शिक्षामंत्री का राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा में शामिल होने वाला बयान थोड़ा अटपटा लगता है। उन्होंने कहा है ही हम हिन्दू हैं और राम में हमारा विश्वास है। चद्रशेखर के अनुसार जो राष्ट्रीय और धार्मिक किताबें हैं उनमे जो विवादित अंश है उनको हटा देना चाहिए। इसकी मांग लगातार की जा रही है।
राजद नेता चंद्रशेखर ने हाल ही में अपनी पार्टी के विधायक फ़तेह बहादुर सिंह के दिए बयानों से किनारा करते दिखे। उनके अनुसार फ़तेह बहादुर सिंह क्या कह रहे हैं, यह उनकी व्यक्तिगत सोंच हैं लेकिन मेरा मानना है की किसी की आस्था को ठेस पहुंचाने का काम नहीं होना चाहिए। किसी का अपमान होना अच्छी बात नहीं है। किसी भी धर्म के मानने वाले क्यों न हो ये आस्था की चीज़ है। हम अगर हिन्दू हैं तो हमारा उनमे विश्वास है।
चंद्रशेखर ने आगे कहा की अगर फ़तेह सिंह कुछ बोल रहे हैं तो ये उनके व्यक्तिगत विचार और मानसिक सोच हो सकती है। सभी लोग इसको अपने हिसाब से मानते हैं। कोई बुद्ध को मानता है तो कोई राम को मानता है। ऐसे ही एक सवाल के बीच उन्होंने कहा की अगर अयोध्या में राम मंदिर का न्योता उन्हें मिलेगा तो जरूर जाएंगे लेकिन अगर नहीं मिला तो नहीं जाएंगे। भगवान् सभी जगह हैं उन्हें प्राण कौन दे सकता है?
फ़तेह बहादुर सिंह के पोस्टर पर उनकी पार्टी में ही विरोध
फ़तेह बहादुर सिंह के द्वारा लगाए गए पोस्टर के कारण उन्ही की पार्टी के कार्यकर्ता उलझ गए। मीडिया कर्मियों से बातचीत के दौरान उनकी ही पार्टी का एक नेता विरोध करने लगा। कार्यकर्ता ने कहा की आप किसी की आस्था को चोट क्यों पहुंचा रहे हैं? आप हिन्दुओं के खिलाफ क्यों बोल रहे हैं? जो भी वोट मिल रहा है वो खराब हो जाएगा ऐसे।
तभी विधायक जी ने उससे पूछ लिया की आप कौन हैं तो उस व्यक्ति ने कहा की वो पार्टी वर्कर है। उसके बावजूद विधायक जी ने उस व्यक्ति की बात नहीं सुनी और फटकारते हुए सुरक्षाकर्मियों की मदद लेकर उसे बाहर निकलवा दिया। जाते हुए भी उस व्यक्ति ने कहा की हिन्दू आस्था पर बोलना बहुत महँगा पडेगा।
अब यहां पर ताकत दिखा कर भले ही उसे बाहर निकलवा दिया गया हो लेकिन ये बात भी सच है की लोकतंत्र और सेकुलरिज्म के नाम पर हिन्दू धर्म के प्रति घृणा और विवादित टिप्पणियां लगातार की जा रही हैं। उस कार्यकर्ता की आवाज़ को ताक़त के बल पर दबाने से सच्चाई नहीं छुप सकती। ऐसे में ज़रूरत है लालू-तेजस्वी को इस बात का संज्ञान लेकर इसपर सफाई देने की। हालांकि राजद के प्रवक्ता ने ऐसे बयानों से अपने पार्टी के नेताओं को बचने की अपील की है। उसके अलावा लालू यादव ने भी इस मामले पर ध्यान देते हुए अपनी पार्टी के राज्यसभा सांसद मनोज झा को इस मसले को सुलझाने के लिए कहा।
सांसद मनोज झा ने विवादित पोस्टर पर अपनी सफाई दी। उन्होंने कहा की राजद हर जाति के प्रति समान करती है। उन्होंने आगे कहा की हम हे राम वाले लोग हैं। उनके अनुसार वंचित शोषित से आने वाले विधायक ने सावित्री बाई फुले के विचारों को दर्शाया है। इसे किसी दूसरे मुद्दे से ना जोड़ा जाए। मनोज झा ने आगे बताया की एक दल के रूप में हम फ़तेह बहादुर के हर बात का समर्थन नहीं करते हैं।