बिहार में चुनाव की घडी आ चुकी है और सभी पार्टियां ज़ोर-तोड़ में लगी है। सभी यह प्रयास कर रहे हैं की कैसे भी कर के वह लोगों को लुभाने में कामयाब हो जाएं ताकि उनकी सरकार बिहार में बन सके। इसी के मद्देनज़र मौजूदा बिहार सरकार ने खुद की वापसी के लिए महिलाओं के हक़ में एक योजना चलाई है। यहां मैं खुद की वापसी इसलिए लिख रहा हूँ क्योंकि अभी चुनाव होने में बस कुछ महीने ही हैं और ऐसे में इस समय इस तरह की योजना की घोषणा जनता को लुभाने के लिए ही मानी जाएगी। बहरहाल इस योजना से बिहार की गरीब या फिर महत्वकांशी महिलाओं को मदद मिल सकती है और यह एक अच्छी पहल है। ऐसी जानकारी है किस इस योजना का लाभ लाखों महिलाओं को मिलेगा।
‘मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना‘
बिहार के अंदर जारी “मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना” सिर्फ आर्थिक मदद पहुंचाने के लिए नहीं बनाई गयी है। बल्कि इसका मकसद बिहार की गरीब और महत्वकांशी महिलाओं को आर्थिक सहायता देना और उन्हें आगे बढ़ाना है। इस योजना से अब तक 75 लाख महिलाएं जुड़ चुकी हैं और उन सभी बहनो के खाते में अभी 10 हज़ार की सहायता राशि पहुंचा दी गयी है। इस योजना का लाभ लेने के लिए महिलाओं को जीविका से जुड़ना होगा और उसके लिए उन्हें अपने ग्राम संगठन में आवेदन देकर सदस्यता लेनी होगी। उसके बाद ही वह इस योजना का लाभ उठा पाएंगी। जानकारी के लिए इस योजना के तहत उद्यम करने वाली महिलाओं को अभिकतम 2 लाख रुपये की आर्थिक सहायता दी जाएगी। आवेदन के लिए न्यूनतम पढाई इंटरमीडिएट होनी चाहिए या फिर उसके समकक्ष कुछ भी शैक्षणिक योग्यता भी चलेगी।
इस योजना के अलावा भी मुख्यमंत्री नितीश कुमार ने महिलाओं के लिए विभिन्न प्रकार की योजनाएं पहले से चला रखी हैं लेकिन मौजूदा योजना का उद्देश्य ज़्यादा से ज़्यादा लोगों को अपने साथ जोड़ना है और यही कारण है की इस योजना को चुनाव की घडी में प्रस्तुत किया गया है। बहरहाल अगर इस योजना से गरीब महिलाओं का भला होता है तो ये एक अच्छी पहल मानी जाएगी।
इसके अलावा अन्य पार्टियों जैसे राजद ने भी माई-बहिन योजना के तहत हर महीने महिलाओं के खाते में 2500 देने का वादा किया हुआ है। दूसरी तरफ तेजस्वी यादव ने मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना में सत्ता पक्ष पर निशाना साधते हुए कहा है की इस योजना के लिए पीएम मोदी के फण्ड से कोई पैसा नहीं आ रहा और ये सारा पैसा बिहार का ही है। अब देखना है की जनता किससे संतुष्ट होती है और आने वाले चुनाव में किसे चुनती है?
