“दीये पर पैसे बर्बाद मत करो, क्रिसमस से सीखो” – अखिलेश यादव

दीवाली की घडी आ चुकी है और पूरा बाजार सज चुका है। ऐसे में एक ओर नेता और अभिनेता बधाई का सन्देश दे रहे हैं वहीं दूसरी तरफ समाजवादी पार्टी के प्रमुख और भूतपूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव इस दीवाली बचत का ज्ञान दे रहे हैं। मीडिया से मुलाक़ात के दौरान उन्होंने इस तरह का बयान दिया और कहा की बार-बार क्यों खर्च करना। हर बार दीये जलाना, मोमबत्ती जलाना और अन्य प्रकार के खर्चे का कोई मतलब नहीं है। और यह सुझाव उन्होंने भगवान् श्री राम जी के नाम से दिया है। इसके अलावा उन्होंने क्रिसमस का हवाला देते हुए कहा की पूरी दुनिया में क्रिसमस के समय शहर जगमगा जाते हैं और महीनो जगमगाते रहते हैं। उन्ही से सीखने की ज़रूरत है और फ़ालतू के खर्चे से बचना है। गौरतलब है की इस तरह के बयान के बाद इनके विरोधी इन्हे ज़रूर घेरेंगे और यह एक विवादित बयान भी सिद्ध हो सकता है।

क्रिसमस और होली पर ही ज्ञान क्यों?

दुनिया भर में अलग-अलग संस्कृति और देशों में अलग-अलग प्रकार और उनकी मान्यताओं के हिसाब से पर्व और त्यौहार मनाये जाते हैं। चाहे वह ईसाईयों की क्रिसमस हो या मुसलमानो की ईद। उसी तरह हिन्दू भी अपने त्यौहार अपनी मान्यताओं के हिसाब से साल भर मनाते हैं और इस प्रकार वो खुश रहने का प्रयास करते हैं ताकि उनके जीवन में एक उमंग बनी रहे। लेकिन अक्सर आपने सूना होगा की हिन्दुओं को होली में पानी की बचत करनी चाहिए, दीवाली में पटाखे नहीं जलाने चाहिए और बलि देने से कौन से भगवान् खुश होते हैं? इस प्रकार के बयान अक्सर चर्चा में रहते हैं और विशेषकर होली और दीवाली में इस प्रकार के सन्देश और आदेश कोर्ट से जज भी दिया करते हैं। ऐसा कई बार हुआ है की देश की राजधानी दिल्ली में पटाखा जलाने पर कोर्ट ने पाबंदी लगाईं है और अगर किसी ने पटाखा जलाया तो उस पर क़ानूनी कार्रवाई भी हो सकती है।

उसके अलावा पटाखे जलाने पर घर के पालतू जानवर डरते हैं, प्रदुषण होता है और अन्य तरह-तरह की बातें। उसी तरह आज अखिलेश यादव ने भी ईसाईयों से सीख लेते हुए दीवाली में खर्चे काम करने का ज्ञान देने लगे। जिसको लेकर मामला उफनता हुआ दिखाई दे सकता है और ज़ाहिर है जब उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ हों तो ऐसे में दीये जलाने को मना करने वाले अखिलेश यादव के सामने कहीं वह दीयों के अंबार ना लगा दें। अब देखना है की इस बार की दीवाली अखिलेश दीये जलाते हैं या क्रिसमस की तरह पुरे महीने अपने घर और कसबे को जगमगा कर रखते हैं।

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