‘Hamas’ के खात्मे का आदेश क्या ‘Israel’ को भारी पड़ जाएगा? जानिये अतीत के पन्नो से
इजराइल और हमास के बीच युद्ध को लगभग दो महीने पुरे हो चुके हैं। अभी हाल ही में हमास और इजराइल के बीच सीज़ फायर होने के बाद कुछ युद्ध बंधकों का आदान-प्रदान भी किया गया था। इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने हमास के नेताओं को ना केवल गाज़ा पट्टी में बल्कि दुनिया के किसी भी कोने में ढूंढ कर मारने का आदेश दिया है। इजराइल की खुफिया टुकड़ी 7 अक्टूबर में हुए हमास के आतंकी हमले के ज़िम्मेदार हमास के आतंकियों को ढूंढने के लिए 1 साल के अभियान पर काम कर रही हैं।
‘उन्हें मौत के लिए चुना जा चुका है’
इसरायली रक्षा मंत्री योव गैलेन्ट का कहना है की गाजा में आतंकवादी और महंगे विमानों में उड़ान भरने वाले दोनों ही हमास नेता “उधार के समय” पर जी रहे हैं। “उन्हें मौत के लिए चुना जा चुका है।” एक रिपोर्ट के अनुसार इजराइल अधिकारियों का सवाल ये है की गाजा के बाहर उनको मारा जाए या नहीं बल्कि यह है की कहाँ और कैसे मारा जाए।
1972 वाली ट्रीटमेंट देने की तैयारी
इसरायली सेना के पराक्रम के तौर पर यह घटना बहुत ही रोचक थी जिसमे 1972 के म्यूनिख ओलिंपिक में फिलिस्तीनी आतंकवादी हमले में इजराइल के एथलिट मारे गए थे और उसके बाद इजराइल की खुफिया एजेंसी ‘मोसाद’ ने ढूंढ कर और एक-एक करके उस घटना से जुड़े सभी आतंकियों को मौत के घाट उतार दिया था। ऐसी उम्मीद की जा रही है की इजराइल के ऐसे बयान के बाद इस तरह से घटना को अंजाम दिया जा सकता है।
इजराइल ने पहले भी किये हैं ऐसे कई ऐतिहासिक अभियान
रिपोर्ट के अनुसार इजराइल हमास के आतंकियों को मारने का प्लान बना रहा है। इससे पहले भी इजराइल ने ऐसे कई ऑपरेशन करके इजराइल के दुश्मनों मौत के घाट पहुंचाया है। उदाहरण के लिए, इज़राइली खुफिया सेना ने महिलाओ का वेश रखकर बेरुत, लेबनान में फिलिस्तीनी आतंकवादियों को मारा। दुबई में टूरिस्ट बनकर हमास के एक नेता की ह्त्या कर दी। सीरिया में एक हिजबुल्लाह नेता को मारने के लिए कार बम और ईरान में एक परमाणु वैज्ञानिक को मारने के लिए रिमोट-कंट्रोल राइफल का भी इस्तेमाल किया है।
दुनिया के कौन देश देंगे इजराइल का साथ?
दोस्तों इजराइल जैसे देश के लिए खड़े होना वैश्विक मंच पर किसी भी देश के लिए एक चुनौती की तरह है। चाहे वह मिडिल ईस्ट देश हों या फिर अमेरिकन या यूरोपियन, ऐसे बहुत कम देश हैं जो इजराइल के साथ मज़बूती से खड़े हैं। कारण है अंतर्राष्ट्रीय राजनीति जिसमे सभी देश अपने-अपने देशहित को देखते हुए इस्लामिक देशों से बैर नहीं चाहते।
हालांकि भारत, अमेरिका और भी अन्य देशों ने इजराइल में हुई इस घटना पर इजराइल के साथ खड़े होने की बात कही थी लेकिन वास्तव में इजराइल अभी अकेला है और उसके सामने बहुत सारी चुनौतियां भी हैं। हालांकि इजराइल के इतिहास को देखते हुए हम ये कह सकते हैं की इजराइल अपनी सुरक्षा के लिए सक्षम है और ये उसके ऐतिहासिक अभियानों में झलकता भी है।
सफल होगा इजराइल?
इजराइल ने जिस तरह से बयान देते हुए हमास आतंकियों को ढूंढ कर मारने का आदेश दिया है उसको देखकर तो यही लगता है की इजराइल ने अपने कदम अब बढ़ा दिए हैं और शायद यह हमास और इजराइल के बीच एक अंतिम जंग हो। हालांकि इस युद्ध में अभी तक कोई नतीजा नहीं निकला है लेकिन आने वाले समय में इजराइल अपने अभियान को लेकर और मज़बूती के साथ खड़ा हो सकता है। अब देखना ये है की इजराइल अपने इस अभियान में सफल होगा या नहीं?
इजराइल के इतिहास को देखते हुए ये कहना की इजराइल सफल नहीं होगा अपने अभियान में, ये गलत होगा। इजराइल ने समय समय पर अपने देश और अपने लोगों के लिए कई अभियान किये हैं और वो सफल भी हुए हैं। इजराइल ऐसी उम्मीद कर रहा होगा की भविष्य में भी वह अपने अभियानों में उसी तरह सफल हो जैसा वो पहले हो चुका है।
Excellent write-up
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