बीजेपी पार्टी का चेहरा एक वरिष्ठ नेता नंदकिशोर यादव, जिन्होंने लगातार 7 बार विधायक बन अपने राजनीतक कार्यकाल को एक मील का पत्थर बना दिया था। बीजेपी ने उसी नेता का टिकट काट एक नए चेहरे को इस भरोसे दे दिया की बीजेपी तो जीत ही जाएगी। गौरतलब है की बीते दिनों बीजेपी की पहली सूचि जारी होने के बाद ऐसी जानकारी मिली की इस बार पटना साहिब विधानसभा क्षेत्र से नंदकिशोर यादव की जगह रत्नेश कुशवाहा को उम्मीदवार बनाया जाएगा। इस जानकारी के सामने आने के बाद कई जानकार ये मानते हैं की नंदकिशोर यादव के रहते हुए किसी नए चेहरे को इतनी ज़रूरी सीट से खड़ा करना और वो भी उस उम्मीदवार को जिसे लोग ना जानते है और ना ही उन्होंने कभी उन्हें देखा है। 1995 से लगातार अपनी सीट सुरक्षित रखते आये नंदकिशोर यादव 7 बार विधायक चुने गए हैं। ऐसे में उन जैसे वरिष्ठ और कद्दावर नेता का टिकट काटना बीजेपी के लिए कैसा होगा ये तो चुनाव के बाद मालुम होगा।
कौन हैं रत्नेश कुशवाहा?
रत्नेश कुशवाहा पेशे से वकील हैं और ये तब चर्चा में आये थे जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मां पर आपत्तिजनक टिप्पणी की गई थी और उस मामले को इन्होने ने ही देखा था और न्यायालय में विपक्ष के खिलाफ जिरह की थी। जिसके बाद कांग्रेस पार्टी को वह आपत्तिजनक वीडियो हटाना पड़ा और इस तरह वो चर्चा में आये। पटना साहिब सीट से उन्हें उम्मीदवार बनाया गया है और उसका सबसे बड़ा कारण ये हो सकता है की उनके अंदर वह क्षमता है जो उन्होंने साबित की और शायद इसी को लेकर पार्टी ने उनपर अपना विश्वास जताते हुए पटना साहित्य विधानसभा सीट से उम्मीदवार बनाया है। अब देखना है की इस नए चेहरे पर पटना साहिब की जनता वापस बीजेपी के साथ जाती है या नहीं।
नंदकिशोर ने खुद से छोड़ी सीट
ऐसा बताया जाता है की नंदकिशोर यादव ने स्वयं इस सीट को छोड़ दिया है और कहा है की बीजेपी से उन्हें कोई शिकायत नहीं है और पार्टी ने उन्हें बहुत कुछ दिया है। वह स्वयं ही इस विषय पर बोलते हुए वीडियो पर दिखाई दे चुके हैं। अब यह पार्टी का दबाव है या कुछ और ये तो समय आने पर पता चलेगा लेकिन सबसे ज़रूरी बात ये है की बीजेपी ने नंदकिशोर यादव को विधायक, मंत्री से लेकर विधानसभा के सबसे शीर्ष पद पर आसीन करवाया और वह स्पीकर भी बने। जिसको लेकर नंदकिशोर यादव ने वीडियो में भी ये बात कबूली और ख़ुशी-ख़ुशी इस सीट को छोड़ने का ऐलान उन्होंने किया। अब देखना है की क्या वापस से बीजेपी पटना साहिब जैसे राजधानी की महत्वपूर्ण सीट पर कब्ज़ा जमा पाती है या नहीं ?
