OBC आरक्षण को लेकर मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव घिरते नज़र आ रहे हैं। आये दिन इनको लेकर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर ट्रेंड चलाया जा रहा है। ऐसे आज सोशल मीडिया प्लेटफार्म X पर मुख्यमंत्री मोहन यादव को “भष्मासुर” बताया जा रहा है। उसके पीछे का कारण यही है की उन्होंने OBC आरक्षण कोटे को बढ़ाकर 27 फीसदी कर दिया है। उसके अलावा जिस तरीके से कोर्ट में मध्यप्रदेश सरकार की ओर से एफिडेविट दिया गया है उसमे भगवान् श्री राम को दलित विरोधी बताया गया था जिसके बारे में हमने अपने पिछले लेख में आपसे जानकारी साझा की थी।
पिछले लेख में हमने आपको बताया था की किस तरह मुख्यमंत्री मोहन यादव को राम विरोधी बताया गया था और उसके पीछे का कारण क्या था। दरअसल ये पूरा मामला आरक्षण की सीमा को बढ़ाने और भगवान् श्री राम को शम्बूक का हत्यारा बनाने को लेकर है। ज़ाहिर इस बात के बाद लोगों की भावनाएं आहात होंगी और मामला तो ऐसा भी हो चुका है की अब भाजपा के अंदर भी आपसी कलह शुरू हो चुकी है। हिन्दू समर्थित पार्टी का तमगा लिए बीजेपी पर राम विरोधी आरोप लग रहे हैं यह अपने आप में एक नया विषय है। दूसरी तरफ मोहन यादव को मुख्यमंत्री पद से हटाने का भी अनुरोध शुरू हो गया है।
एक ओर मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री को समर्थन भी दिया जा रहा है किन्तु उनके विरोधियों की संख्या ज़्यादा होने के कारण उनका “भष्मासुर” वाली बात सोशल मीडिया पर ट्रेंड कर रही है। यही कारण है की यह मामला लगातार सुर्ख़ियों में है और भाजपा अपना बचाव करने में लगी है। गौरतलब है की भगवान् राम को दलित विरोधी एफिडेविट को लेकर कांग्रेस पर निशाना साधा था और कहा था की इस तरह का एफिडेविट कांग्रेस की सरकार में दिया गया था। इसी बात को लेकर बीजेपी में दो फाड़ की स्थिति बनी हुई है और दूसरी ओर भाजपा और मुख्यमंत्री मोहन यादव को सोशल मीडिया पर निशाना बनाया जा रहा है।
विशेषकर सामान्य वर्ग से आने वाले लोग मुख्यमंत्री मोहन यादव का विरोध कर रहे हैं। उसके पीछे उनका ये कहना है की मोहन यादव को वह हिन्दुओं के हितैषी समझते थे लेकिन वह खुद जातिवादी मानसिकता में घिरे हुए हैं। यही कारण है की सोशल मीडिया पर खुलकर उनका विरोध किया जा रहा है और साथ ही साथ उन्हें मुख्यमंत्री की गद्दी से उतारने की बात भी कही जा रही है।
