राम गोपाल वर्मा की पोस्ट से हुआ बवाल, गाज़ा की बमबारी है उनकी दिवाली

मशहूर फिल्म निर्देशक राम गोपाल वर्मा ने बीते दिनों दिवाली के उपलक्ष्य में सोशल मीडिया प्लेटफार्म X पर एक पोस्ट किया जिसमे उन्होंने लिखा की भारत में बस एक दिन की दिवाली है, वहीं गाज़ा में हर दिन दिवाली है। इस पोस्ट की रीच लाखों लोगों तक पहुंची और उनका विरोध शुरू हो गया। लोगों ने इस पोस्ट को टैग करने हुए राम गोपाल वर्मा को टारगेट किया और उन्हें गलत बताने लगे। कोई उन्हें संवेदनहीन कह रहा है तो कोई अपने शब्दों में उन्हें गलत ठहरा रहा है। राम गोपाल वर्मा के पोस्ट ने सोशल मीडिया में एक बहस छेड़ दी है की क्या इस तरह का पोस्ट किसी भी दुखी देश या लोगों के लिए इस ख़ुशी के मौके पर उचित है?

शिव सेना (उद्धव ठाकरे) राज्यसभा सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने राम गोपाल वर्मा के इस पोस्ट को टैग करते हुए लिखा है, “कल्पना कीजिये ग़ज़ा में हो रहे वार क्राइम को दिवाली जैसे त्यौहार से मिलाना। कम से कम सोशल मीडिया के ज़रिये ऐसे मशहूर और नफरती लोगों को पहचानने में मदद मिलती है जो हमारे बीच है। किसी व्यक्ति को इतना नफरती क्या बनाता है ये मैं कभी समझ पाउंगी या जानने की आशा भी नहीं करुँगी।”

यहां सिर्फ राम गोपाल वर्मा ने ही इस तरह की पोस्ट सोशल मीडिया पर नहीं डाली है। इसके अलावा भी कई लोगों ने इस तरह की पोस्ट डालते हुए गाज़ा पट्टी में हो रही बमबारी और हिंसा को जश्न के तौर पर दिवाली से तुलना करते हुए पोस्ट किया है। ऐसे लोगों में कुछ समर्थन करने वाले भी है तो वही कुछ लोग उनका विरोध करने वालो में भी शामिल है। ऐसे में उचित क्या है यह सोचना और जानना शायद बहुत ज़रूरी है। सामान्य तौर पर त्योहारों के मौके पर हम एक-दूसरे के प्रति संवेदना और प्रेम का भाव रखते हैं लेकिन इस तरह की पोस्ट कर के उसे उत्सव की तरह देखना शायद एक अलग ही नज़ारा है।

राम गोपाल वर्मा चूँकि एक बड़े फिल्म निर्देशक रहे हैं जिन्होंने काफी अच्छी फिल्में बॉलीवुड को दी हैं। सत्या, डरना ज़रूरी है, कंपनी जैसी कई मशहूर और क्लासिक फिल्में इन्ही की देन है। ज़ाहिर है ऐसे व्यक्ति से इस तरह की पोस्ट और वो भी त्यौहार के मौके पर रास नहीं आएगी। हालांकि हमारे भारत में दो तबका ऐसा है जिसमे से एक इजराइल का समर्थन करता है तो दुसरा फिलिस्तीन या गाज़ा को। ऐसे में उनके बीच आये दिन सोशल मीडिया पर बहस और वाद-विवाद चलता रहता है। भारत एक देश होने के नाते दोनों देशों से बेहतर सम्बन्ध रखता है और आये दिन फिलिस्तीन की सहायता भी करता आया है। वहीं इजराइल हमारा एक ऐसा दोस्त देश है जो हर मुसीबत पर भारत के साथ खड़ा रहा है और उसने कभी भी भारत के खिलाफ कोई भी बयान या कार्रवाई नहीं की है। उसके अलावा इजराइल हमारे देश की सुरक्षा सम्बन्धी ज़रूरतों में भी सहायता करता आया है। ऐसे में हमारे देश के अंदर न तो इजराइल की बुराई होनी चाहिए और न ही फिलिस्तीन की।

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