Taylor Swift की Deepfake तस्वीर के बाद अमेरिका में बवाल, White House हरकत में
टेलर स्विफ्ट की आपत्तिजनक तस्वीर सोशल मीडिया प्लेटफार्म X पर वायरल होने के बाद व्हाइट हाउस हरकत में आ गया है। आज के इस तकनीकी युग में आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस से होने वाली मुसीबत ने एक अलग ही राह पकड़ ली है। गौरतलब हो की कुछ महीने पहले भारतीय अभिनेत्री रश्मिका मंदाना की भी एक वीडियो सोशल मीडिया पर बहुत वायरल हो रही थी। उस वीडियो में भी आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस तकनीक का सहारा लेकर रश्मिका मंदाना की एक आपत्तिजनक और अश्लील वीडियो बनाई गयी थी जिसके बाद भारत में भी खूब हंगामा हुआ था।
टेलर स्विफ्ट का क्या है मामला?
मशहूर पॉप स्टार टेलर स्विफ्ट आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस के डीपफेक का ताज़ा शिकार बनी है। इस हफ्ते उनकी आपत्तिजनक और अश्लील तसवीरें जो डीपफेक नामक आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस तकनीक से बनी थी सोशल मीडिया पर शेयर की गयी थी। जिसके बाद इसको लेकर सोशल मीडिया पर बाढ़ सी आ गयी। उसके अलावा यह खबर व्हाइट हाउस तक भी जा पहुंची और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन भी इसको लेकर चिंतित दिख रहे हैं।
गौरतलब है की आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस की डीपफेक नामक तकनीक के ज़रिये सोशल मीडिया पर कई मशहूर हस्तियों की तस्वीरों और वीडियो के साथ छेड़छाड़ कर उनको आपत्तिजनक स्थिति में दिखाया गया है। यह केवल अमेरिका तक ही सीमित नहीं है बल्कि घनी आबादी वाले देश भारत में भी इसको लेकर चर्चा चल रही है। कुछ महीने पहले भारतीय अभिनेत्री रश्मिका मंदाना की आपत्तिजनक और अश्लील वीडियो डीपफेक की सहायता से बनाकर उनकी छवि को धूमिल करने का प्रयास किया गया था।
हालांकि कुछ हफ्ते पहले रश्मिका मंदाना की डीपफेक वीडियो के सिलसिले में एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया था जिसने अपना अपराध भी कुबूल कर लिया था। रश्मिका की इस वीडियो के बाद भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी चिंता ज़ाहिर की थी। उसके बाद यही चिंता आज व्हाइट हाउस में भी देखने को मिल रही है। ज़ाहिर तौर पर इसको लेकर किसी तरह के कानूनी प्रावधानों का मसौदा तैयार किया जाए क्योंकि इस तरह की स्थिति आने वाले भविष्य के लिए एक संकट की तरह हो सकती है जहां किसी की भी छवि को धूमिल किया जा सकता है और बड़ी ही आसानी से झूठ फैलाया जा सकता है।
एक रिपोर्ट के अनुसार 2019 के बाद से आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस की मदद से किसी की वीडियो के साथ छेड़छाड़ के मामलों में 550 फीसदी की बढ़ोत्तरी देखी गयी है। इसको लेकर अभी तक ऐसे कोई ठोस कानून नहीं बनाये गए हैं। हालांकि यूनाइटेड किंगडम में डीपफेक वीडियो शेयर करना कानूनी अपराध की श्रेणी में आ चुका है। यह कानून 2023 में लागू किया गया है।
अमेरिका में भी इसको लेकर क़ानून बनाने की कवायद तेज़ होती दिखाई दे रही है। जब से पॉप स्टार टेलर स्विफ्ट की डीपफेक तसवीरें सोशल मीडिया पर आई हैं उसके बाद से अमेरिकी सरकार ने इसको लेकर कडा रुख अपनाया है।
X ने क्या कहा?
X पर शेयर किये जा रहे डीपफेक वीडियो और तस्वीरों को लेकर X भी सजग होता दिखाई दे रहा है। इसको लेकर उनकी सेफ्टी टीम ने कहा है की बिना किसी की सहमति या आदेश के किसी की भी नग्न तस्वीरों या वीडियो X पर शेयर करना निषेध है और वह इस तरह की वीडियो और तस्वीरों को ढूँढ कर हटा भी रहे हैं। हालांकि X पर शेयर की जा रही तस्वीरों और वीडियो को लेकर आम लोगों ने भी X पर सवाल उठाया है और उनकी आलोचना की है।
गौरतलब है की इस तरह की आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस की मदद से बनाई जा रही अनैतिक वीडियो और तस्वीरों के कारण महिलाओं के ऊपर अपराध और बढ़ रहे हैं। इसमें सबसे ज़्यादा नुक्सान अगर किसी पक्ष का हो रहा है तो वह महिलाएं है। अफ़सोस की बात ये हैं की डीपफेक की तस्वीरों और वीडियो में अंतर बतलाना बहुत मुश्किल है और एक पल को वह बिलकुल सच दिखाई पड़ता है। इस तरह की तकनीक का फायदा उठाकर आम अपराधी भी किसी को बड़ी आसानी से ब्लैकमेल कर सकते हैं।
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