कौन है संदेशखाली का ‘भाई’ और ‘दबंग’ सहजहान शेख, जिसके गुंडों ने ED के अफसरों का बहाया खून
बीते शुक्रवार को संदेशखाली में ED के रेड डालने के दौरान पूरी टीम पर हमला कर दिया गया। इस घटना में ED टीम में शामिल सभी अधिकारियों पर हमले किये गए और उनपर लगभग 200 लोगों की भीड़ ने धावा बोल दिया था। इस हमले का मास्टरमाइंड बताया जा रहा है ‘भाई’ के नाम से मशहूर सहजहान शेख को। जो की स्थानीय नेता है और TMC पार्टी से जुड़ा हुआ बताया जाता है।
जिस तरह से अधिकारियों के ऊपर हमला किया गया है उसको लेकर पुरे देश में राजनितिक गर्माहट बढ़ गयी है। विपक्षी पार्टियां पश्चिम बंगाल के अंदर राष्ट्रपति शासन की मांग कर रही हैं। दूसरी तरफ राज्यपाल सीवी आनंद ने राज्य सरकार से ‘बर्बरता’ को समाप्त करने का आग्रह किया है।
कब और कैसे हुई ये घटना ?
बीते शुक्रवार को ED की टीम राशन वितरण घोटाले की जांच के लिए TMC नेता सहजहान शेख के घर पर छापा मारने पहुंची थी। जबकि इस मौके पर शेख के यहां पहले से ही लोग मौजूद थे और शायद उन्हें इस बाबत पहले से ही जानकारी थी। उसके समर्थकों ने ED अधिकारीयों और उनके वाहनों को निशाना बनाना शुरू कर दिया। जिस वक़्त उपद्रवी हमला कर रहे थे उस दौरान ED अधिकारियों के साथ 27 सीआरपीएफ जवान भी मौजूद थे। इस हमले के दौरान ED के तीन अफसरों को बहुत गंभीर चोटें आई हैं और बाकी अन्य घायल हुए हैं।
मोबाइल, लैपटॉप और नकदी भी छिना
उपद्रवियों ने ना सिर्फ ED अधिकारीयों पर हमले किये बल्कि उनके मोबाइल फ़ोन, लैपटॉप, नकदी और उनका पर्स तक छीन लिया। उपद्रवियों के इस तरह के कृत्य से वहाँ भगदड़ जैसी स्थिति उत्पन्न हो गयी थी। भाजपा के आईटी सेल के हेड अमित मालवीय ने इस हमले के पीछे सहजहान शेख को ज़िम्मेदार ठहराया है और उसके साथ ही TMC की आलोचना की है।
संदेशखाली का ‘भाई’ कहा जाता है सहजहान शेख को
सहजहान शेख 2012 में TMC के साथ जुड़ा था। एक समाचार रिपोर्ट के मुताबिक़ सहजहान शेख बांग्लादेश की सीमा के पास स्थित उत्तर 24 परगना जिले के संदेशखाली ब्लॉक में मछली व्यवसाय से जुड़ा हुआ बताया जाता है। ऐसा कहा जाता है की कभी उसने ईंट भट्टों में एक मजदुर के रूप में भी काम किया हुआ है। लेकिन मौजूदा समय में वह मछली व्यवसाय में पुरे बंगाल के अंदर एक बड़ा नाम बन चुका है। चार भाई-बहनो में सहजहान शेख सबसे बड़ा है। ईंट भट्टा यूनियन के नेता के रूप में राजनीति में कदम रखने वाले इस सहजहान शेख ने बहुत ही कम समय में पुरे प्रदेश में अपनी पहचान बना ली।
अपने इलाके में सहजहान शेख को कोई मसीहा मानता है तो कोई उससे डरता है। चुनावी रंजिश हो या फिर किसी का व्यक्तिगत मामला, लगभग हर छोटे-बड़े मसलों में सहजहान शेख अपने इलाके के लिए एक रसूखदार व्यक्तित्व बन चूका है। यही कारण है की इसके पीछे कई लोग हमेशा खड़े होते हैं। जून 2019 में लोकसभा चुनाव के बाद भाजपा और TMC के बीच हिंसक झड़प हुई थी और कुछ मौतें भी हुई थी। उस विवाद में भी सहजहान शेख का नाम आता है।
ED पर हमले के बाद से सहजहान शेख फरार चल रहा है। इसी मामले में कार्रवाई करते हुए सहजहान शेख के ऊपर लुकआउट नोटिस जारी कर दिया गया है। जांच एजेंसी के द्वारा इस नोटिस को बीएसएफ और सभी हवाईअड्डों को दे दिया गया है।
हालांकि बंगाल में ये कोई नया मामला नहीं है जब किसी अधिकारियों के साथ ऐसा हुआ हो। ये अलग बात है की इस बार कुछ ज़्यादा ही उग्र तरीके से अधिकारीयों को नुकसान पहंचाया गया। इसको लेकर खुद बंगाल कांग्रेस के नेता ने इसका खंडन और विरोध किया है। जबकि INDIA गठबंधन में TMC और कांग्रेस दोनों पार्टियां साथ है। सभी विपक्षी नेताओं की मांग है की बंगाल में राष्ट्रपति शासन लागू हो। इससे पहले पिछले साल बंगाल में पंचायत चुनाव में भी हिंसा की खबरें आई थी। लगभग हर मौके पर बंगाल किसी ना किसी रूप में जलता दिखाई देता है।