दिग्विजय सिंह ने बताया कांग्रेस कब जाएगी राम मंदिर? अपने गुरु की बात का कर रहे पालन

दिग्विजय सिंह ने बताया कब जाएंगे राम मंदिर? अपने गुरु की बात का कर रहे पालन

कांग्रेस सांसद दिग्विजय सिंह ने अपने बयान में बताया है की कांग्रेस पार्टी कब राम मंदिर दर्शन के लिए जाएगी। कांग्रेस सांसद दिग्विजय सिंह इन दिनों सुर्ख़ियों में बने हुए हैं। हालांकि उनके बयानों की वजह से वो हमेशा चर्चा में बने रहते हैं। इसके अलावा उन्होंने अपने गुरु स्वामी स्वरूपानंद जी महाराज के सुझाव के बारे में बताते हुए कहा की राम मंदिर के अंदर स्थापित भगवान् श्री राम की मूर्ति बालक स्वरुप में माता कौशल्या की गोद में बैठे होने चाहिए थे। मंदिर में होने वाले प्राण प्रतिष्ठा की तिथि और मंदिर की स्थिति को लेकर भी उन्होंने अपनी बात रखी।

क्या कहा दिग्विजय सिंह ने?

शुक्रवार को कांग्रेस सांसद दिग्विजय सिंह ने ANI से बातचीत के दौरान बयान दिया। उन्होंने कहा, “बात ये है की राम जन्मभूमि का ये मंदिर निर्माण हुआ है तो मेरे गुरु स्वामी स्वरूपानंद महाराज जी का ये सुझाव था की राम लला का मंदिर में जो मूर्ति रखी जाए वो माता कौशल्या जी की गोद में राम लला है इस प्रकार से रखा जाना चाहिए था। ये गुरु जी का सुझाव था। तो जो मूर्ति पहले दिखाई थी उसमे तो जो राम दरबार का चित्र था। इस बार जो दिखाई है मूर्ति उन्होंने आज दिखाई है, उसमे 5 साल की आयु का स्वरुप है श्री राम का।

बात ये है की मूल हमारा प्रश्न वो जो न्यास है उससे ये है की राम मंदिर के निर्माण पूरा नहीं होने के पहले जो हमारे सारे शंकराचार्य मिलके ये कह रहे हैं, मेरी तो इसमें स्वामी रामनिशाचार्य जी के जो प्रमुख है उनसे भी बात हुई है। ये निर्माणाधीन मंदिर के अंदर प्राण प्रतिष्ठा होना उचित नहीं। ये शास्त्र के आधार पर है। हमारे धर्म का पालन हज़ारों सालों से होता आया है और जो विधि है उसके आधार पर ही ये सब होता है।

उसका उललंघन क्यों और किस उद्देश्य से किया जा रहा है? दो-ढाई महीने के बाद रामनवमी का त्यौहार आने वाला है, भगवांन राम का जन्मदिन आने वाला है उस दिन कर लेते। हमारा शुरू से यही कहना है की ये धर्म का उपयोग राजनीति के लिए कर रहे हैं। धर्म को धर्मांता में परिवर्तित करके ये नफरत फैला रहे हैं। राजनितिक लाभ उठाना चाहते हैं। हमारा इसका विरोध है। अब दूसरी बात आती है की कांग्रेस पार्टी क्यों नहीं गयी निमंत्रण मिला था। भगवान् राम के मंदिर में दर्शन करने के लिए निमंत्रण की कोई आवश्यकता नहीं है। जब बुलावा आता है हम चले जाते हैं। “

कांग्रेस सांसद दिग्विजय सिंह ने आगे भी इस विषय में बातचीत की जिसमे उन्होंने राम मंदिर के आयोजन को पुरे तरह से राजनितिक होने का दावा किया। उन्होंने ये भी बताया की सारे शंकराचार्य इस बात का विरोध कर रहे हैं। गौरतलब हो की उड़ीसा के पूरी से शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने भी राम मंदिर में मूर्ति स्थापना को लेकर सरकार की आलोचना की थी और कहा था की वह वहाँ क्या करेंगे जब प्रधानमंत्री मोदी मूर्ति स्पर्श करेंगे। आगे उन्होंने मंदिर निर्माण स्थल पर भी आपत्ति जताई, उन्होंने बताया की मंदिर का निर्माण वास्तविक स्थल से अलग जगह पर किया जा रहा है। क्योंकि इनका मकसद बस मस्जिद गिराना था ना की मंदिर बनाना।

कांग्रेस ने अस्वीकार किया था प्राण प्रतिष्ठा का निमंत्रण

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, सोनिया गांधी सहित अन्य कांग्रेस नेताओं को भी राम मंदिर की तरफ से प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के लिए निमंत्रण गया था। इस निमंत्रण को आदर सहित कांग्रेस पार्टी के बड़े नेताओं ने अस्वीकार कर दिया था। इसके बाद लगातार कांग्रेस ने इस आयोजन का राजनीतिकरण को लेकर विरोध किया है। यही बात कांग्रेस सांसद दिग्विजय सिंह ने भी कही है और उन्होंने ये भी कहा है की मंदिर का निर्माण जब पूरी तरह से हो जाएगा तो वह दर्शन के लिए जाएंगे।

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