भावुक हुए प्रधानमंत्री मोदी, सोलापुर में भाषण के दौरान आवाज़ हुई भारी

भावुक हुए प्रधानमंत्री मोदी, सोलापुर में भाषण के दौरान आवाज़ हुई भारी

महाराष्ट्र के सोलापुर में अपने भाषण के दौरान प्रधानमंत्री मोदी भावुक होते दिखे। सोलापुर में विभिन्न परियोजनाओं का उदघाटन करते हुए उन्होंने सभा को सम्बोधित भी किया। अपने भाषण में वो केंद्र सरकार की उपलब्धियों के बारे में बताते दिखे। उन्होंने अप्रत्यक्ष रूप से अपने भाषण में कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा की एक लम्बे समय से गरीबी हटाओ का नारा था लेकिन इस नारे के बावजूद वह गरीबी ख़त्म नहीं कर पाए।

भाषण के दौरान हुए भावुक

सोलापुर में जनसभा को सम्बोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा की उन्हें ख़ुशी है की सोलापुर के हज़ारों गरीबों और मजदूर साथियों के लिए उन्होंने जो संकल्प लिया था वह आज पूरा हो रहा है। इसके साथ ही उन्होंने ‘प्रधानमंत्री आवास योजना’ के तहत देश की सबसे बड़ी बनी सोसाइटी का लोकार्पण करते हुए इसके बारे में लोगों को बताया। आपको बता दे की प्राप्त जानकारी के आधार पर प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत अब तक लगभग 78 लाख घर गरीबों के सुपुर्द कर दिए गए हैं।

अपने इसी भाषण के दौरान जब वह कहते हैं की जब वो इस योजना में बने हुए घर को देखने गए तो उन्होंने सोचा की काश उन्हें भी ऐसे घर में रहने का मौक़ा मिलता। इसी बयान के बाद वह थोड़ी देर के लिए शांत हो गए और पानी पीया। जब वह दुबारा कहने लगे तो उनकी आवाज़ बहुत भारी हो गयी थी। ऐसा लग रहा था की वह रो रहे हों। उन्होंने कहा की जब ऐसी चीज़ें देखता हूँ तो मन को कितना संतोष होता है। हज़ारों परिवारों के सपने जब साकार होते हैं तो उनके आशीर्वाद मेरी सबसे बड़ी पूंजी होते हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने भाषण में सोलापुर वासियों को सम्बोधित करते हुए कहा की आपको मैंने गारंटी दी थी जब इस परियोजना का शिलान्यास करने मैं आया था। मैंने कहा था की आपको घर की चाबी देने भी मैं ही आऊंगा। महाराष्ट्र के सोलापुर में विभिन्न परियोजनाओं का शिलान्यास करने के दौरान अपने कहे गए भाषण में आने वाले लोकसभा चुनाव के तैयारी की झलक दिखी।

शुक्रवार को महाराष्ट्र में पीएम मोदी ने राज्य के अंदर 2000 करोड़ रुपये की आठ AMRUT परियोजनाओं की आधारशिला रखी है। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने इस मौके पर प्रधानमंत्री मोदी का सामान एवं स्वागत किया।

राहुल या मोदी, कौन जीतेगा दिल?

हालांकि ये विषय नतीजा तय करने का नहीं है किन्तु आने वाले लोकसभा चुनाव के लिए सभी पार्टियों एवं उनके नेताओं ने शुरुआत कर दी है। ऐसे में इन नेताओं द्वारा कही गयी हर एक बात का मतलब आने वाले लोकसभा चुनाव के लिए गोलबंदी करने का है। चूँकि राहुल गांधी भी अभी इसी सम्बन्ध में ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ पर निकले हुए हैं और लोगों को जोड़ने में लगे हैं।

दूसरी तरफ प्रधानमंत्री मोदी भी अपने शिलान्यास और अपनी परियोजनाओं के बारे में लोगों को बता रहे हैं। इसके साथ मोदी सरकार अपनी उपलब्धियों को भी पुरानी सरकार की तुलना में बेहतर बता रही है। धरातल पर स्थिति कैसी है और किसकी छाप लोगों पर पड़ेगी ये चुनावी नतीजों के दौरान पता चल जाएगा। लेकिन मौजूदा समय में राहुल गांधी से ज़्यादा लोकप्रियता पीएम मोदी की दिखाई दे रही है। चाहे वह राम मंदिर का मामला हो या देश के बाहरी फैसलों का।

मौजूदा समय में विभिन्न तरह की चुनौतियां मोदी सरकार के सामने आ रही हैं लेकिन मोदी सरकार ने इसे बड़ी ही चतुराई और सूझबूझ से उसे बाँध रखा है। राहुल गांधी के पास कोई ठोस मुद्दा दिखाई नहीं दे रही है सिवाए गरीबी, बेरोज़गारी और नफरत के। एक ही मुद्दा उन्होंने लम्बे समय से पकड़ा हुआ है और ऐसा लगता है की सिर्फ इस मुद्दे से कांग्रेस इस चुनाव में पार नहीं पा पाएगी।

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