माता सरस्वती पर राजद नेता का विवादित बयान, हिन्दू धर्म पर विवादित बयान देकर क्या लोकसभा चुनाव जीत पाएगी राजद?

माता सरस्वती पर राजद नेता का विवादित बयान, हिन्दू धर्म पर विवादित बयान देकर क्या लोकसभा चुनाव जीत पाएगी राजद?

हिन्दू धर्म पर आपत्तिजनक टिप्पणी शुरू से होती रही है। कभी कोई उल-जुलूल बयानबाज़ी करता है तो कोई हिन्दू धर्म को मिटाने की बात करता है। ऐसी पार्टियां भारत के अंदर कई हैं जो खुलकर हिन्दू विरोधी बयानबाज़ी करती हैं। हाल ही में राजद के विधायक फ़तेह बहादुर सिंह ने माता सरस्वती को लेकर विवादित बयान दिया है। ये पहला मामला नहीं जब उन्होंने ऐसा किया है। पहले भी उन्होंने मां दुर्गा को लेकर आपत्तिजनक बयान दिया है। जिसके विरोध में इनका पुतला जलाकर प्रदर्शन किया गया था।

क्या कहा राजद विधायक फ़तेह बहादुर सिंह ने

रोहतास के डेहरी से विधायक फ़तेह बहादुर सिंह ने माता सरस्वती पर विवादित बयान दिया है। उन्होंने माता सरस्वती की पूजा को लेकर आपत्ति जताई है। उनके अनुसार माता सरस्वती की जगह सावित्री बाई फुले की तस्वीर विद्यालय में होना चाहिए। उनकी पूजा भी होनी चाहिए। इसके साथ ही उन्होंने केंद्र सरकार से सावित्री बाई फुले के लिए भारत रत्न की भी मांग की है। फ़तेह बहादुर सिंह ने कहा है की सावित्री बाई फुले देश की पहली महिला शिक्षिका हैं और उनके द्वारा दिए गए योगदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता है।

राजद विधायकों के हिन्दू धर्म पर अटपटे बयान

आज ये पहला और इकलौता मामला नहीं है जब राजद नेताओं ने हिन्दू धर्म को लेकर आपत्तिजनक बयान दिया है। ऐसा पहले भी कई बार किया जा चुका है। एक ओर लालू याद और परिवार तिरुपति बालाजी के दर्शन करने जाते हैं तो दूसरी तरफ उन्ही की पार्टी के नेता हिन्दू धर्म पर सवाल खड़े करते हैं। हाल ही में बिहार के शिक्षामंत्री और राजद नेता चंद्रशेखर ने हिंदी दिवस पर बिहार ग्रन्थ अकादमी में कार्यक्रम को सम्बोधित करने के दौरान रामचरितमानस के ऊपर विवादित बयान दे दिया। उन्होंने कहा की रामचरितमानस में पोटेशियम साइनाइड है और जब तक यह वजूद में रहेगा इसका विरोध वो करते रहेंगे।

ऐसे ही रामचरितमानस को लेकर राजद विधायक रीत लाल यादव ने भी विवादित बयान दिया था। उनकी ये वीडियो सोशल मीडिया पर आज भी देखी जा सकती है। उन्होंने रामचरितमानस को लेकर अपने बयान में कहा था की ये पुस्तक मस्जिद में बैठ कर लिखी गई है। भाजपा को घेरने के क्रम में उन्होंने ये बयान दिया था जिसको लेकर उनको सोशल मीडिया पर खूब ट्रोल भी किया गया था। उनके इस बयान से गठबंधन में मौजूद जदयू पार्टी की ओर से यह कहा गया की इस बयान से गलत सन्देश जाता है। इनसे बचना चाहिए क्योंकि धर्म लोगों का निजी मामला है।

डेहरी से विधायक फ़तेह बहादुर सिंह ने ना सिर्फ माता सरस्वती पर विवादित बयान दिया बल्कि इससे पहले वह मां दुर्गा के ऊपर भी आपत्तिजनक बयान दे चुके हैं। उन्होंने कहा था की मां दुर्गा काल्पनिक है। अगर वो सच होती तो जैसे उन्होंने करोड़ों राक्षसों का संहार किया तो अंग्रेज़ों का संहार क्यों नहीं किया? राजद विधायक के इस बयान से खूब हंगामा मचा था। भाजपा के अलावा विश्व हिन्दू परिषद् ने सड़क पर उतर कर विधायक के बयान पर विरोध प्रदर्शन किया था।

राजद विधायकों पर ऐसे आरोप लगने का कारण ये भी हैं क्योंकि इनको सिर्फ हिन्दू धर्म से परेशानी दिखाई देती है। बिहार के शिक्षामंत्री और राजद नेता चंद्रशेखर ने ऐसे ही एक बार इस्लाम के आखरी पैगम्बर मोहम्मद को लेकर बयान दिया था। जिसमे उन्होंने कहा था की वह मर्यादा पुरुषोत्तम हैं। इससे साफ़ पता चलता है की बहुसंख्यकों के धर्म का अनादर कर वह मुस्लिम वोट बटोरने के चक्कर में एकतरफा बयान और विरोध करते हैं। राजनितिक विशेषज्ञों का मानना है की ऐसे बयान जानबूझकर दिए जाते हैं ताकि बीजेपी से एक तबका को दूर किया जा सके। ऐसे बयान को लेकर राजद ने कभी भी निंदा नहीं की है और ना ही कोई कार्रवाई की है।

बीजेपी करती आई है विरोध

हिन्दू धर्म पर विवादित बयान को लेकर बीजेपी हमेशा हमलावर रही है। ऐसे कई वाकये हुए हैं जिसमे बीजेपी ने खुलकर हिन्दू विरोधी बयानों का विरोध किया है। बीजेपी की राजनीति हिन्दू धर्म के आस-पास घूमती हैं। चाहे वह राम मंदिर का मुद्दा हो या कृष्ण जन्मभूमि का, बीजेपी हमेशा से हिन्दू समर्थक राजनीति में विश्वास करती आई है।

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