मायावती ने अपने भतीजे आकाश आनंद को बनाया राजनितिक उत्तराधिकारी, कौन है आकाश आनंद ?

मायावती ने अपने भतीजे आकाश आनंद को बनाया राजनितिक उत्तराधिकारी, कौन है आकाश आनंद ?

बसपा सुप्रीमो मायावती ने रविवार को अपने भतीजे आकाश आनंद को औपचारिक रूप से अपना उत्तराधिकारी घोषित कर दिया। इसके साथ ही उन्होंने आकाश को उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के अलावा देश के अन्य प्रदेशों में पार्टी को बेहतर स्थिति में लाने की ज़िम्मेदारी दी। हालांकि इस दौरान मायावती दो महत्वपूर्ण उत्तरी राज्यों की ज़िम्मेदारी खुद निभाएंगी। ये फैसला पार्टी के लखनऊ वाले कार्यालय में लिया गया। इसके साथ ही होने वाले लोकसभा चुनाव में बसपा ने अकेले ही चुनाव लड़ने का फैसला किया है।

Who is Akash Anand, Mayawati's successor in BSP? | Latest News India - Hindustan Times

कौन हैं आकाश आनंद ?
लोकसभा चुनाव से ठीक पहले मायावती ने अपने भतीजे और बसपा के नेशनल कोऑर्डिनेटर आकाश आनंद को अपना उत्तराधिकारी घोषित कर दिया है। इसके बाद से लोग जानना चाहते हैं की आकाश आनंद कौन है?

आकाश आनंद, मायावती के छोटे भाई आनंद कुमार के बेटे हैं। उनका जन्म उत्तर प्रदेश के नॉएडा में 1995 को हुआ। आकाश ने अपनी स्कूली पढाई-लिखाई नोएडा और गुरुग्राम से ही की है। स्कूली शिक्षा पूरी करने के बाद एमबीए (MBA) की पढ़ाई के लिए वह लंदन चले गए। वहाँ उन्होंने लंदन की ‘यूनिवर्सिटी ऑफ़ प्लायमाउथ’ से एमबीए की डिग्री ली।

भारत वापस आने के बाद उन्होंने खुद का बिज़नेस शुरू किया और अपने पिता के साथ भी काम करने लगे। इसके अलावा आकाश ने कई बड़ी कंपनियों में भी काम किया है। आकाश ने राजनीति में आने का फैसला वर्ष 2016 में लिया। उसके बाद से वह बसपा में पूरी तरह एक्टिव हो गए और हालिया तीन राज्यों के विधानसभा चुनाव में अपना योगदान दिया।

2016 में बसपा पार्टी में शामिल होने के बाद वह मुखर रूप से लोगों के सामने नहीं आये थे। 2017 के विधानसभा चुनाव हारने के बाद मायावती ने उन्हें लोगों से परिचय करवाया। इसके बाद 2019 के लोकसभा चुनाव में वह बसपा के स्टार प्रचारक भी बने। उसी दौरान बसपा और सपा गठबंधन में थी जिसके टूटने के बाद आकाश को पार्टी का नेशनल कोऑर्डिनेटर बनाया गया।

नई सोच के साथ आकाश आनंद बदलना चाहते हैं तस्वीर

आकाश आनंद ने बसपा में शामिल होने के बाद अलग सोच के साथ पार्टी को आगे ले जाने का सपना देखा है। परम्परागत राजनीति के अलावा वह नई सोच के साथ आगे की राजनीति तय करना चाहते हैं। राजस्थान के चुनाव में इन्होने नए विचार के साथ लगभग 3500 किमी की ‘पदयात्रा’ की थी। ऐसे ही मध्य प्रदेश में दलितों पर हो रहे अत्याचार के खिलाफ इन्होने भोपाल में शान्ति मार्च भी निकाला था।

आकाश सोशल मीडिया पर भी काफी एक्टिव हैं और इन्हे ट्वीटर (x) पर लगभग 1 लाख 84 हज़ार लोग फॉलो करते हैं। इतने काम समय में इस तरह की तेज़ी इनकी लोकप्रियता दिखाती है। यही कारण है की यह बसपा के स्टार प्रचारकों की लिस्ट में भी शामिल रह चुके है।

पर्सनल लाइफ की बात करें तो आकाश आनंद की शादी बसपा के पूर्व राज्यसभा सांसद अशोक सिद्धार्थ की बेटी डॉक्टर प्रज्ञा से हुई है। एक युवा होने के नाते आकाश आनंद के ऊपर विरासत में मिली राजनीति को आगे ले जाने की ज़िम्मेदारी मिली है। बसपा सांसद रितेश पांडेय ने आकाश आनंद के बारे में कहा, “अपनी युवा छवि और चीज़ों को अलग नज़रिए से वह पार्टी के आंदोलन को एक नई ऊंचाइयों पर ले जाएंगे।”

हालांकि मायावती ने होने वाले लोकसभा चुनाव में अकेले लड़ने का फैसला किया है। वहीं दूसरी तरफ देश की लगभग सभी छोटी बड़ी पार्टियां साथ होकर चुनाव लड़ने का मन बना चुकी हैं। ऐसे में आकाश आनंद के पास अपनी पार्टी को बेहतर स्थिति में लाने का मौक़ा भी है और चुनौती भी। आने वाले लोकसभा चुनाव से पहले इस तरह की घोषणा कितनी कारगर साबित होती है ये देखना रोचक होगा।

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