मॉब लिंचिंग की तो होगी फांसी और देश के खिलाफ बोलने पर जेल, अमित शाह ने संसद में पेश किया नया बिल

मॉब लिंचिंग की तो होगी फांसी और देश के खिलाफ बोलने पर जेल, अमित शाह ने संसद में पेश किया नया बिल

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने आज संसद में में नये क्रिमिनल लॉ बिल पर चर्चा की। नये प्रस्तावित अपराध सम्बन्धी कानून के विषय में चर्चा करते हुए उन्होंने बताया की नये कानून के अनुसार अगर कोई मॉब लिंचिंग के मामले में आरोपित पाया गया और अपराध सिद्ध हो गया तो उसे फांसी की सज़ा दी जाएगी। केंद्र सरकार के अनुसार लाये गए नये विधेयकों का एक मात्र उद्देश्य देश में आपराधिक न्याय प्रणाली को फिर से जीवित करना है। गौरतलब है की भारतीय न्याय संहिता 2023 का बिल लोकसभा में पास किया जा चुका है।

भारतीय नागरिक सुरक्षा, भारतीय न्याय संहिता और भारतीय साक्ष्य विधेयक 2023 मानसून सत्र के दौरान ही संसद में पेश किये गए थे। संसद के मौजूदा शीतकालीन सत्र में गृहमंत्री अमित शाह ने उन विधेयकों का संशोधित संस्करण प्रस्तुत किया है। अमित शाह के अनुसार प्रस्तावित क़ानून पुलिस की जवाबदेही को मज़बूत करने के काम आएंगे।

नये कानून के अंतर्गत गिरफ्तार किये गये व्यक्तियों के बारे में अब सभी पुलिस स्टेशन में विवरण दर्ज किया जाएगा। इसके लिए किसी भी एक घोषित पुलिस अधिकारी को ये जानकारी रखने का दायित्व दिया जाएगा। उसके साथ ही अमित शाह ने कहा की सरकार ने तस्करी कानूनों को जेंडर-न्यूट्रल बना दिया है।

लम्बे समय से चले आ रहे ‘राजद्रोह’ कानून को गृहमंत्री ने बदलकर ‘देशद्रोह’ कर दिया है। Indian Penal Code के मुताबिक़ राजद्रोह क़ानून ‘सरकार के खिलाफ कार्य’ के रूप में परिभाषित किया गया था। वहीं लाया गया BNS प्रावधान उन लोगों के लिए हैं जो देश की सम्प्रभुता एवं सुरक्षा को प्रभावित करते हैं। अमित शाह के कथनानुसार सरकार की आलोचना करने पर कोई अपराध नहीं माना जाएगा और ना ही कोई जेल जाएगा लेकिन देश के खिलाफ बोलने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

अमित शाह ने सदन को सम्बोधित करते हुए कहा की ये कोई अंग्रेज़ों का राज नहीं है और ना ही कांग्रेस की सरकार है, ये नरेंद्र मोदी की सरकार है। आतंकवाद को बचाने की कोई दलील यहां काम नहीं आने वाली है। अंग्रेज़ों ने ‘राजद्रोह’ कानून बनाया था जिसमे कई स्वतन्त्रता सेनानी जैसे तिलक महाराज, महात्मा गांधी और सरदार पटेल जैसे कई गणमान्य लोगों को सालों जेल में रहना पड़ा था। आज तक वही राजद्रोह क़ानून अस्तित्व में था जिसे पहली बार मोदी सरकार ने पूर्ण रूप से समाप्त कर दिया है। 150 सालों के लम्बे इंतज़ार के बाद यह कानून ख़त्म होने जा रहा है।

“हम जो कहते हैं वो करते हैं” – अमित शाह

अमित शाह ने सदन में कांग्रेस के ऊपर तंज कसते हुए कहा की कुछ लोग ऐसा कहते थे की हम इन विधेयकों को नहीं समझते हैं। और मैं उन्हें कहता हूँ की मन अगर भारतीय रखोगे तो समझ आ जाएगा लेकिन यहां मन ‘इटली’ का है। यहां पर उन्होंने सोनिया गांधी और कांग्रेस पर निशाना साधा। हमने वादा किया था की 370 और 35-A हटा देंगे, आतंकवाद को समाप्त कर देंगे, जीरो टॉलरेंस की नीति बनाएंगे और सुरक्षा कर्मियों को फ्री हैंड देंगे, हमने दिया। हमने अयोध्या में राम मंदिर का भी वादा किया था और आने वाली 22 जनवरी 2024 को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा भी पूरी हो जाएगी। नरेंद्र मोदी की सरकार ने जो कहा वह किया है।

भाजपा सरकार ने अपने चुनावी वादों को पूरा करने का दावा किया है। कुछ बड़े मुद्दे जो लम्बे समय से विवादित थे और जिन्हे छूने की हिम्मत शायद किसी सरकार में न थी, मोदी सरकार ने उसका हल निकाल दिया। ऐसे में अमित शाह का ये बयान संसद में सत्यापित होता है की उन्होंने अपने वादे को पूरा किया है। हालांकि विपक्षी पार्टियां लगातार केंद्र सरकार पर हमलावर है और उनकी नीतियों का भरसक विरोध कर रहे हैं। आने वाले 2024 के लोकसभा चुनाव में विपक्षी पार्टियों के पास मुद्दा क्या होगा और किस तरह की बयानबाज़ी होगी ये देखना रोचक होगा।

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