शराबबंदी पर बिहार में शुरू होगा सर्वे, नीतीश कुमार के मंत्री ने दी जानकारी

शराबबंदी पर बिहार में शुरू होगा सर्वे, नीतीश कुमार के मंत्री ने दी जानकारी

बिहार में जब से शराबबंदी हुई है तब से लेकर आज तक इस बारे में कभी अच्छी खबर सुनने को नहीं मिली है। हालांकि वक़्त-वक़्त पर बिहार सरकार ने इसके कई फायदे गिनाये हैं लेकिन धरातल पर कुछ और ही दिखाई देता है। हमने हाल ही में बिहार के सीतामढ़ी में ठेले पर बेचीं जा रही शराब को लेकर खबर दिया था।

जिसके बाद सोशल मीडिया पर बिहार सरकार की खिल्ली भी उड़ाई गयी। कुछ दिनों पहले केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने भी शराबबंदी को लेकर सरकार से पुनर्विचार की मांग की थी। इसी सम्बन्ध में एक नई जानकारी आ रही है। जानकारी के अनुसार बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस बाबत आदेश दिया है की शराबबंदी को लेकर लोगों की राय जानी जाए।

मद्य-निषेध एवं निबंध मंत्री सुनील कुमार ने इस बात को लेकर बड़ा संकेत दिया है। उन्होंने कहा है की शराबबंदी से सम्बंधित आम लोगों की राय जानने के लिए एजेन्सी का चयन किया जा रहा है। वही चुनी हुई एजेंसी के ज़रिये डिटेल सर्वे का काम किया जाएगा। अगले 10 दिनों में एजेंसी का चुनाव पूरा हो जाएगा ऐसी उम्मीद जताई जा रही है। चुनी हुई एजेंसी आम लोगों की राय जानकर, शराब बंदी से जुड़े फायदे और नुक्सान के बारे में सरकार को अवगत कराएगी और उसके बाद सरकार नतीजों के आधार पर क़ानून में संशोधन कर सकती है।

शराबबंदी पर पुनर्विचार को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी भी कर चुके हैं मांग

शराबबंदी को लेकर विपक्ष में बैठे हम पार्टी के मुखिया और पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने नीतीश कुमार को घेरा है। उन्होंने कुछ हफ़्तों पहले अपने बयान में ये बताया की शराबबंदी के कारण गरीब लोगों को सबसे ज़्यादा परेशानी हो रही है। जेल जाने वालों में भी सबसे ज़्यादा गरीब और मजदुर जैसे लोग ही हैं।

वहीं दूसरी तरफ शराब माफिया खुलकर इसका व्यापार कर रहे है और पैसे कमा रहे हैं। उन्होंने नीतीश सरकार से ये मांग की है की शराबबंदी पर पुनर्विचार किया जाए और गुजरात मॉडल के तर्ज पर यहां भी शराबबंदी में संशोधन किया जाए। जीतनराम मांझी ने अपने बयान में ये भी कहा की अगर उनकी सरकार बिहार में आती है तो शराब बंदी को ख़त्म कर दिया जाएगा।

केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह भी कर चुके हैं पुनर्विचार की मांग

केंद्रीय मंत्री और बीजेपी नेता गिरिराज सिंह भी शराबबंदी को लेकर नीतीश कुमार को घेर चुके हैं। शराब माफियाओं पर कार्रवाई करने गयी पुलिस पर हुए हमले के बाद उन्होंने नीतीश सरकार को इस विषय पर घेरा था। गिरिराज सिंह ने नीतीश सरकार से मांग की है की इस पर पुनर्विचार करे।

सर्वे से क्या होगा फ़ायदा?

मौजूदा जानकारी के अनुसार शराबबंदी पर होने वाले सर्वे में आम लोगों की राय जानी जाएगी और ये भी जानकारी इकठ्ठा की जाएगी की शराबबंदी से उन्हें कितना फायदा हुआ है या नुकसान। जांच करने वाली एजेंसी का चुनाव होने के बाद ये रिपोर्ट सरकार के पास जाएगी।

ऐसी उम्मीद की जा सकती है की सरकार इस प्रकार के सर्वे शायद इसलिए भी करवा रही है ताकि इस कानून में कुछ बदलाव हो सके। हालांकि इस बाबत कोई पक्की जानकारी नहीं है लेकिन सर्वे की बात पर ऐसे अंदेशे लगाना मुश्किल नहीं है। अब एजेंसी के सर्वे सामने आने के बाद कुछ महीनो में ये भी साफ़ हो जाएगा की नीतीश सरकार इस तरह के सर्वे क्यों करवा रही है?

चुनाव की घडी निकट है और ऐसे में नीतीश कुमार पुरानी किसी भी गलती को दोहराना नहीं चाहते और शायद यही कारण है की जनता और अन्य विपक्षी नेताओं की मांग पर उन्होंने सर्वे को मंजूरी दी है। अब ये कितना फायदेमंद है और कितना नुकसानदेह, वो नतीजे आने के बाद स्वतः मालुम हो जाएंगे।

Leave a Comment