‘शादी के मंत्र सबसे भद्दी चीज़ है’ – DMK नेता स्टालिन का बयान, वीडियो हो रहा वायरल

‘शादी के मंत्र सबसे भद्दी चीज़ है’ – DMK नेता स्टालिन का बयान, वीडियो हो रहा वायरल

DMK नेता अक्सर हिन्दू और हिन्दू धर्म से जुडी चीज़ों का बहिष्कार करते हैं। बहिष्कार अपनी जगह पर सही हो सकता है किन्तु बहिष्कार के अलावा वह हिन्दू धर्म में शामिल रीति-रिवाजों को गंदा और भद्दा बताने लगते हैं। विवाद की शुरुआत यहीं से होती है। अभी कुछ दिनों पहले DMK सांसद दयानिधि का एक बयान बहुत वायरल हो रहा था जिसमे उन्होंने हिंदी भाषियों को शौचालय और नाले साफ़ करने वाला बताया था। अभी ये विवाद थमा भी नहीं था की एक और वीडियो DMK नेता स्टालिन की आ गयी जिसमे वह हिन्दू धर्म के वैवाहिक रीति रिवाजों का मज़ाक बनाते देखे जा सकते हैं

हालांकि वीडियो में वो तमिल भाषा में बोल रहे हैं और सभा के दौरान बाहर सारे लोग उन्हें सुन भी रहे हैं। इस दौरान उन्होंने हिन्दू धर्म में होने वाली शादी के ऊपर टिप्पणी की जिसमे उन्होंने कहा, “आप जानते हैं की पारम्परिक विवाह कैसे होता है? उसमे दूल्हा-दुल्हन आराम से कुर्सी पर नहीं बैठ सकते बल्कि उन्हें ज़मीन पर बैठाया जाता है। कोई पंडित या अय्यर उनके पास में बैठता है और रस्में करवाता है। और वो शादी कैसे करवाता है? दोनों के बीच एक कुंड में आग जलाई जाती है और उससे धुंआ उठता है। मंडप में मौजूद दूल्हा और दुल्हन को उस धुंए से आँखों से पानी निकलने लगता है।

यहां तक की वहाँ मौजूद मेहमानों की भी आखें इस धुंए से नम हो जाती है। यह मन को उदास करने वाली स्थिति जैसा है। पंडित कुछ मंत्र पढता रहेगा। वह देवी-देवताओं का आवाहन करेगा। वह 38000 करोड़ भगवानों का आवाहन करेगा। वह इष्ट अवतार को बुलाएगा, उसके अलावा कुछ अतिरिक्त अवतार को भी बुलाएगा। वहाँ मौजूद दूल्हा-दुल्हन को इन सभी चीज़ों का मतलब नहीं पता। अगर आपने पंडित से पूछ लिया इन सब के बारे में तो वो कहेगा की उसे भी इसका मतलब नहीं पता है। लेकिन जब आप इसका मतलब सोचेंगे तो आप काँप उठेंगे। यह मंत्र बहुत ही गंदे और भद्दे हैं।”

DMK नेता स्टालिन के इस बयान से ये साफ़ पता चलता है की उन्हें हिन्दू धर्म और उनके रीति-रिवाजों से चिढ़ है। ये चिढ़ इतनी बढ़ गयी है की आये दिन इस तरह के बयान DMK के अन्य नेता भी देते हैं रहते हैं। इससे पहले उदयनिधि स्टालिन ने भी हिन्दू धर्म को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी। उदयनिधि ने सनातन धर्म को एक बिमारी बताकर उसे मिटाने की बात कही थी। जिसको लेकर खूब हो-हल्ला हुआ था।

हालांकि उदयनिधि स्टालिन के इस बयान के बाद उन्होंने सफाई देते हुए अपने ट्वीटर हैंडल पर लिखा था। उन्होंने कहा की उन्होंने कभी हिन्दू धर्म के मानने वालो के खिलाफ नरसंहार की बात नहीं कही थी। उनके अनुसार सनातन एक ऐसी धार्मिक व्यवस्था है जिसमे लोगों को जाति और पंत के नाम से बांटा जाता है। सनातन धर्म को उखाड़ फेंकने का मतलब मानवता और मानव समानता को कायम रखना है।

हाल ही में DMK सांसद दयानिधि मारन ने भी हिंदी भाषियों को लेकर एक बयान दिया था जो काफी विवादित रहा। इसको लेकर सभी लोगों ने उनके इस बयान की निंदा की है। दयानिधि मारन ने हिंदी भाषियों और हिंदी राज्यों से आये लोगों को नाली और शौचालय साफ़ करने वाला बताया था। इसको लेकर बिहार के उप-मुखयमंत्री ने कहा था की अगर बिहारी ना जाएंगे तो उनकी ज़िन्दगी ठप्प हो जाएगी।

DMK नेता अक्सर ऐसे विवादित बयान देते रहते हैं। कभी हिन्दू धर्म को लेकर तो कभी हिंदी भाषियों को लेकर। भारत देश में हर एक राज्य का व्यक्ति स्वतंत्र है किसी भी धर्म, मज़हब या पंत को मानने को लेकर। भारत देश के लोग चाहे वो किसी भी राज्य के हो, उन्हें पूरा अधिकार है किसी भी प्रदेश में जाकर काम करने की। इतने शीर्ष पद पर बैठे नेताओं द्वारा अगर इस तरह की बयानबाज़ी की जाएगी तो दंगे भड़काने वालों की ज़रूरत ही क्या है?

हिन्दू धर्म और उनके रीति-रिवाजों पर टिका-टिप्पणी करना बहुत आसान है। हिन्दू धर्म को मानने वाले भी उतने ही सहिष्णु है। अगर इसी तरह की बयानबाज़ी कभी किसी और धर्म को लेकर की जाती तो स्थिति विकट हो सकती थी। लेकिन उन्हें पता है की कौन सुन सकता है और कौन नहीं? यही कारण है की सुर्ख़ियों में बने रहने के लिए हिन्दू धर्म का मज़ाक बनाना और उसे नीचा दिखाना इन दक्षिणपंथी नेताओं को बहुत पसंद है।

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