‘हिन्दू अगर भड़क गया तो रहना हो जाएगा मुश्किल’ – बीजेपी MLA का ओवैसी को जवाब

‘हिन्दू अगर भड़क गया तो रहना हो जाएगा मुश्किल’ – बीजेपी MLA का ओवैसी को जवाब

राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर तैयारियां लगभग पूरी हो चुकी हैं। सभी सम्बंधित मेहमानों को निमंत्रण भी दिया जा चुका है। ऐसे में मंदिर के ऊपर राजनीति थमने का नाम नहीं ले रही हैं। मंदिर के विरोध में कई नेताओं ने बयान दिए हैं। हालिया बिहार में राजद MLA फ़तेह बहादुर सिंह ने भी एक विवादित पोस्टर लगाया था जिसपर मंदिर जाने वालो को गलत ठहराया था। इसी बीच AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने भी राम मंदिर के ऊपर अपनी मस्जिद को लेकर बयान दिया था।

ओवैसी के बयान के बाद बिहार के बीजेपी MLA और पूर्व पर्यावरण एवं वन मंत्री नीरज बबलू ने उनपर जवाबी हमला बोला है। ओवैसी के बयान को बताते हुए नीरज बबलू कहते हैं, “वह युवाओं को भड़काना चाहते हैं। मुझे लगता है जो भव्य राम मंदिर का निर्माण हो रहा है उससे वो घबराहट में हैं और उन्माद फैला रहे हैं। अगर वो उन्माद फैलाने का प्रयास करेंगे तो वो हिंदुत्व की ताकत को वो समझ नहीं रहे हैं। हिंदुत्व अगर भड़क गया तो देश में रहना मुश्किल हो जाएगा। इस तरह के उग्रवादी तत्व को तुरंत जेल भेज देना चाहिए।”

नीरज बबलू से पहले भाजपा के प्रवक्ता प्रेम शुक्ला ने भी ओवैसी के बयान को भड़काऊ बताया था। उन्होंने ओवैसी के बयान को हिन्दुओं के प्रति द्रोह की भावना बताया था। प्रेम शुक्ला के कथनानुसार राम मंदिर का निर्माण पूरी तरह से संवैधानिक व्यवस्था के अधीन है। इसके साथ ही सर्वोच्च न्यायलय के फैसले के आधार पर श्री राम जन्मस्थान हिन्दुओं को सौंपा गया है।

क्या कहा था ओवैसी ने?

AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने ट्वीटर पर एक वीडियो शेयर किया जिसमे वो मुसलमान युवाओं से मस्जिद को लेकर उसे याद करने को कह रहे हैं। उन्होंने कहा, “नौजवानों मस्जिदों को आबाद रखो। नौजवानों तुमसे मैं कह रहा हूँ, हमारी मस्जिद हमने खो दी। और वहाँ पर क्या किया जा रहा है आप देख रहे हैं। नौजवानों क्या तुम्हारे दिलों में तकलीफ नहीं होती? जिस जगह पर हमने 500 साल बैठ कर कुरआन का ज़िक्र किया। आज वो जगह हमारे हाथ में नहीं है। नौजवानों क्या तुमको नहीं दिख रहा की अभी ऐसे 3-4 मस्जिद हैं जिसमे दिल्ली की सुनहरी वाली मस्जिद की है।

मेरे अजीज दोस्तों याद रखो नौजवानो ये जो ताक़तें हैं न तुम्हारे दिल से इत्तेहाद को निकालना चाहते हैं। क्यों निकालना चाहते हैं? वर्षों की मेहनतों के बाद आज एक मुकाम हमने पैदा किया। आपको इन चीज़ों पर गौर करना है। अपनी ताक़त को बरकरार रखिये। नौजवानों मस्जिदों को आबाद रखो। कहीं ऐसा ना हो की मस्जिदें हमसे छीन ली जाए। मुझे उम्मीद है की इंशाअल्लाह आज का नौजवान जो कल का बूढ़ा होगा वो अपनी नज़रों को आगे रखकर अपने दिमाग पर ज़ोर डालकर सोचेगा की किस तरीके से मुझे अपने आप को अपने खानदान को अपने शहर को अपने महल्ले को बचाना है। इत्तेहाद वो ताक़त है, इत्तेहाद एक नेमत है।”

इस वीडियो के ज़रिये असदुद्दीन ओवैसी मुस्लिम युवाओं से अपील करते दिखाई दे रहे हैं। बाबरी मस्जिद को याद करने के लिए कह रहे हैं। जिसपर सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सूना दिया, मुसलमान को अलग ज़मीन आवंटित कर दी गयी। उसके बावजूद इस तरह के बयान उन्माद भड़काने जैसा मालुम होता है। मज़हबी बातें ऐसी होती हैं जैसे किसी भूखे के अंदर भी खून का उबाल भर दे। ऐसे में इस तरह के बयान कहाँ तक सही है, खुद वकील बनकर ओवैसी साहब बता सकते हैं।

लोकसभा चुनाव की घडी नज़दीक आती जा रही है। ऐसे में सभी पार्टी के नेता अपने-अपने जनाधार को साधने में लगे हैं। ऐसा लगता है की इसी कड़ी में मुसलमान वोट एक तरफ कर ओवैसी अपना मकसद पूरा करना चाहते हैं। यही कारण है की इस तरह के बयान सामान्य जनसभा में देकर वो मुसलमानो से उनकी भावना के ज़रिये अपने पास लाना चाहते हैं। मस्जिद का ध्वंस भले ही गलत हो लेकिन सुप्रीम कोर्ट के निर्णय में ये बात साबित हो चुकी है की वह राम जन्मस्थान है और ऐसे में वह हिन्दू पक्षों को दे देना चाहिए। एक वकील होने के नाते असदुद्दीन ओवैसी कोर्ट की अवमानना करते दिखाई दे रहे हैं।

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