अयोध्या में बन रही मस्जिद होगी सबसे अलग, कैंसर अस्पताल से लेकर खाने की व्यवस्था तक मिलेगी सुविधा
बाबरी मस्जिद और राम मंदिर के विवाद का मामला सुलझ चुका है। कोर्ट ने भी स्थिति स्पष्ट कर दी है। एक ओर राम मंदिर का शिलान्यास कार्यक्रम जनवरी के महीने में किया जाएगा वहीं बाबरी मस्जिद के बदले मिली ज़मीन में मस्जिद की तैयारियां भी शुरू हो गई हैं। इस मस्जिद के बारे में कई ख़ास बातें बताई जा रही है जिसमे समाज सेवा से सम्बंधित कई सुविधाएं मुहैय्या कराइ जाएंगी।
अयोध्या से लगभग 25 किमी दूर धन्नीपुर में मस्जिद का निर्माण कार्य किया जाएगा। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद उत्तर प्रदेश सरकार ने मुसलमानो को मस्जिद की ज़मीन मुहैय्या करवाई है। इस मस्जिद का नाम ‘मोहम्मद बिन अब्दुला’ होगा और इसके चेयरमैन होंगे बीजेपी नेता हाजी अरफ़ात शेख। हाजी अरफ़ात ने मीडिया से बात करते हुए इस मस्जिद की कई विशेषताएं गिनाई।
हाजी अरफ़ात के अनुसार इस मस्जिद में केवल दुआ नहीं बल्कि दवा का भी इंतज़ाम किया जाएगा। इसके अलावा इस मस्जिद में लंगर की सुविधा भी मुहैय्या करवाई जाएगी। यह पहली मस्जिद होगी जहां सभी समुदाय के लोग आकर भोजन ग्रहण कर सकेंगे। ये लंगर शाकाहारी होगी। जानकारी के अनुसार इस मस्जिद में एक साथ 5000 लोगों को खाना खिलाने की सुविधा होगी। इसके अलावा इस मस्जिद के अंदर 500 बेड वाला विश्वस्तरीय कैंसर अस्पताल होगा जिससे उत्तर प्रदेश के लोगों को टाटा मेमोरियल अस्पताल जैसे हॉस्पिटल जाने के लिए मुंबई की यात्रा नहीं करनी पड़ेगी।
हाजी अरफ़ात के अनुसार यह मस्जिद सबसे ख़ास होगा। इस मस्जिद के अंदर शिक्षण संबंधी कार्य भी होंगे और इसके लिए मेडिकल, डेंटल और इंजीनियरिंग कॉलेज भी बनाया जाएगा। इस मस्जिद को इतना बेहतर बनाया जाएगा की इसे पर्यटन स्थल घोषित कर दिया जाए। हाजी ने बताया की इस मस्जिद में 5 मीनारें होंगी जो इस्लाम के पांच स्तम्भों कलमा, नमाज, रोजा, हज और ज़कात का प्रतिक होंगी।
मस्जिद के लिए दान की भी होगी व्यवस्था
इस मस्जिद के लिए घर-घर से दान नहीं लेना होगा बल्कि एक क्यूआर कोड के माध्यम से कोई भी व्यक्ति दान कर सकेगा। इसका निर्माण कार्य जल्द ही पूरा होने की उम्मीद है और हाजी ने केंद्र सरकार से ये अनुरोध किया है की सभी अनुमतियाँ जल्द से जल्द दी जाएँ। बाकी सभी चीज़ों के अलावा इस मस्जिद के अंदर दुनिया की सबसे बड़ी कुरआन होगी और इसका रंग केसरी होगा। मस्जिद के अंदर बड़े-बड़े फव्वारे भी होंगे और इससे इस मस्जिद को आकर्षक बनाया जाएगा। ये मस्जिद अपने आप में बहुत अनोखी होगी और इसका नाम इतिहास में लिखा जाएगा।
हिन्दुओं ने भी किया मस्जिद के लिए दान
बीते साल 2022 में नवंबर के महीने में मस्जिद ट्रस्ट के सचिव अतहर हुसैन ने कहा था की मस्जिद में सहयोग के लिए बैंक डिटेल जारी किये गये थे। और अब तक लगभग 40 लाख रुपये चंदे के रूप में खाते में आ चुके हैं। सबसे हैरानी की बात ये हैं की इस चंदे में 30 फीसद हिस्सा कॉर्पोरटे से आया था और बाकी के 70 फीसदी में 30 फीसद मुस्लिम समुदाय और 40 फीसद हिन्दू समुदाय ने चंदा दिया है। मस्जिद के लिए हिन्दू समाज से चंदे स्वरुप पैसे आना देश में एकता और भाईचारा को दिखाता है।
मंदिर के शिलान्यास के बाद मस्जिद का शिलान्यास भी जल्द होगा ऐसी उम्मीद की जा रही है। जानकारी के अनुसार जिस प्रकार की सुविधाएं इस मस्जिद में होंगी वह सबसे ख़ास होंगी और देश ही नहीं बल्कि दुनिया भर में यह मस्जिद एक मिसाल के तौर पर होगी। इस मस्जिद में सभी धर्मों के लोगों का आना जाना देश में भाईचारा को बढ़ावा देने में सहायक होगी। सामान्यता मस्जिदों में लंगर/शाकाहारी लंगर की व्यवस्था नहीं होती है और ऐसे में इस मस्जिद के अंदर इस तरह की व्यवस्था होना बहुत सुखद है।