‘इससे घिनौना काम और कुछ नहीं’ – संदेशखाली पर मिथुन चक्रवर्ती का बयान
संदेशखाली में महिलाओं के साथ हुए बलात्कार के मामले में अभिनेता मिथुन चक्रवर्ती ने इसे घिनौना बताया है। संदेशखाली में लोगों की ज़मीन पर कब्ज़ा करने और महिलाओं के साथ हुए बलात्कार के मामले में पिछले कुछ दिनों में बहुत विरोध हुआ है। पिछले दिनों बीजेपी नेता के घायल होकर अस्पताल में भर्ती होने की बात सामने आ रही थी। उसी बीच अभिनेता मिथुन चक्रवर्ती ने भी इसको लेकर अपना विरोध जारी किया है।
संदेशखाली का मामला राजनीति के बाहर – मिथुन चक्रवर्ती
उन्होंने पुरे भारत वासियों को सम्बोधित करते हुए कहा की समय आ गया है की आप जागें। उन्होंने आगे बंगाली भाषा में कहते हुए कहा की महिलाओं के साथ अगर इस तरह का काम हो रहा है तो इससे घिनौना और कुछ नहीं हो सकता। उन्होंने अप्रत्यक्ष रूप से ममता बनर्जी पर निशाना साधते हुए कहा की राजनीति एक अलग चीज़ है, राजनितिक विरोध और लड़ाई ठीक है लेकिन संदेशखाली की घटना राजनीति से बहुत ऊपर है।
उन्होंने वहाँ मौजूद लोगों से भी कहा की ये आप सब की ज़िम्मेदारी बनती है की आप देखिये की इस घटना के बाद अब उन पीड़ितों के साथ कोई अन्याय न हो। वह अब जाग चुके हैं और अपनी आवाज़ उठा रहे हैं, अब उनकी आवाज़ को दबाना नहीं चाहिए।
#WATCH | Kolkata: On the Sandeshkhali incident, veteran actor and BJP leader Mithun Chakraborty says, "…There couldn't be a more disgusting thing than this… With women, you're playing such a kind of game? This is unbelievable… We all do politics, but this is beyond… pic.twitter.com/CueT4NpkRU
— ANI (@ANI) February 16, 2024
गौरतलब है की पश्चिम बंगाल के संदेशखाली में हुई इस घटना के विरोध में पुरे देश भर में हंगामा हो रहा है। सोशल मीडिया पर इसको लेकर एक अवेयरनेस फैलाई जा रही है ताकि पुरे देश के लोगों का साथ उन पीड़ित महिलाओं को मिल सके। बंगाल में विपक्षी पार्टियों का कहना है की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को मणिपुर दिखाई देता है लेकिन उनके अपने राज्य में इस तरह की घटना हो जाती है और वह खुल कर बोल भी नहीं सकते।
राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग ने क्या कहा ?
राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग ने भी इस मुद्दे को लेकर राज्य सरकार पर निशाना साधा है। सम्बंधित आयोग के अधिकारी के द्वारा जारी बयान में बताया गया की जब वह इस मामले से सम्बंधित जांच के लिए पहुंचे तो उन्हें लेने या उनकी मदद के लिए कोई गाडी नहीं आई। जब वह सम्बंधित जगह पर पहुंचे तो राज्य सरकार ने बहुत ड्रामा किया। संदेशखाली की महिलाएं बहुत कुछ बताना चाहती थी लेकिन वहां के माहौल को देखकर उन्होंने कुछ नहीं कहा। लेकिन हम समझ गए की वह क्या कहना चाहते हैं। वहाँ की पुलिस कुछ भी सुनने और समझने को तैयार नहीं थी। वहाँ की पुलिस राज्य सरकार के पोलिटिकल पार्टी के सिपाही मात्र लग रहे थे।
#WATCH | On his visit to Sandeshkhali yesterday, Arun Halder, National Commission for Scheduled Castes says, " …When we reached there, they (TMC govt) did a lot of drama. When we reached Sandeshkhali, the women there wanted to say so many things but the atmosphere was like that… pic.twitter.com/oCiGF7yyI2
— ANI (@ANI) February 16, 2024
पुलिस कर रही है परेशान
संदेशखाली में महिलाओं के साथ बलात्कार के मामले में ऐसी खबर आ रही है की पीड़ित महिलाओं को पुलिस इस सम्बन्ध में जबरदस्ती कर रही है। गौरतलब है की जब से पीड़ित महिलाओं ने इस मामले को उजागर किया है तब से पुलिस इस मामले को लेकर अलग-अलग महिलाओं पर दबाव बना रहे हैं। हालांकि स्पष्ट रूप से अभी कुछ भी कहना उचित नहीं है क्योंकि ये बस आरोप मात्र है। इस सम्बन्ध में आधिकारिक पुष्टि अभी तक नहीं हुई है।
क्या है संदेशखाली मामला?
पश्चिम बंगाल के संदेशखाली में महिलाओं का विरोध प्रदर्शन शुरू होता है। पिछले एक हफ्ते से ये मामला लगातार उठता जा रहा था। महिलाओं के द्वारा दिए गए बयान जब सोशल मीडिया में आने लगते हैं तब यह मामला धीरे-धीरे बड़ा बन जाता है। महिलाओं के द्वारा किये गए खुलासे से यह मामला और बड़ा बन गया है। बताया जाता है की TMC के नेता और आरोपी शाहजहां शेख नामक व्यक्ति संदेशखाली में अवैध कब्ज़ा करता है और उसके साथ-साथ संदेशखाली में रह रही महिलाओं के साथ जबरन बलात्कार करता है।
महिलाओं ने बताया की वह कभी भी आ जाता था और सुन्दर महिलाओं को पसंद कर उसे रात भर के लिए जबरन ले जाता था। वहाँ वह अपने साथियों के साथ उसका बलात्कार करता था और यह बात जाहिर होने पर जान मारने की धमकी देता था। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री स्वयं एक महिला है और यही कारण है की यह मामला बढ़ता जा रहा है। ऐसे में विरोधी पार्टियों को भी एक मौक़ा मिल गया है की वह ममता बनर्जी के ऊपर राजनितिक निशाना साध सके।