नीतीश कुमार को बिहार का मुख्यमंत्री बनाने में अटल वाजपेयी का है योगदान, जानिए क्या कहा नीतीश कुमार ने
भारत के भूतपूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की जन्म जयंती मनाई गयी। इस मौके पर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी श्रद्धांजलि अर्पित की। उसके बाद मीडिया से हुई बातचीत में उन्होंने पुराने दिनों को याद करते हुए अटल बिहारी वाजपेयी के प्रति आदर और प्रेम ज़ाहिर किया। नीतीश कुमार ने कहा की बिहार का मुख्यमंत्री बनने में अटल बिहारी वाजपेयी का बहुत बड़ा योगदान रहा है।
नीतीश के साथ तेजस्वी ने भी दी श्रद्धांजलि
पटना के अटल पार्क में स्व अटल बिहारी वाजपेयी को श्रद्धांजलि अर्पित करने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उप-मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव पहुंचे। दोनों ने श्रद्धा सुमन अर्पित करने के बाद मीडिया कर्मियों से भी बात की। सीएम नीतीश कुमार ने अटल बिहारी वाजपेयी को याद करते हुए कहा की वो मुझे बहुत मानते थे और प्यार करते थे। उनके साथ मेरा रिश्ता बहुत अच्छा रहा है। नीतीश कुमार की सांसदी जब से शुरू हुई तभी से अटल जी के साथ उनका सम्बन्ध है। अटल जी की सरकार के समय नीतीश कुमार को मंत्रिमंडल में भी जगह मिली थी।
नीतीश कुमार ने आगे बताया की जो आदर भाव और प्रेम उनका मेरे प्रति था वो मेरे अंदर है और जीवन भर रहेगा। जब तक वह प्रधानमंत्री के पद पर थे तब तक किसी दूसरे धर्म के लोगों को भी कोई दिक्कत नहीं हुई। नीतीश कुमार के अनुसार वो बहुत अच्छी सरकार चलाते थे। उनका काम करने का तरिका बहुत अच्छा था। मीटिंग के दौरान जब भी नीतीश कुमार कुछ कहते तो उनकी बात को मान लिया जाता था। हर क्षेत्र में उन्होंने (अटल) नीतीश कुमार की बहुत मदद की।
अब बदल गया बिहार का सियासी समीकरण
2005 में पहली बार बिहार के मुख्यमंत्री के रूप में जब नीतीश कुमार सत्ता में आये थे तब वो NDA में थे। यह गठबंधन लम्बे समय तक चला। लेकिन राजनितिक स्थिति बदलने पर नीतीश कुमार ने NDA का साथ छोड़ कर महागठबंधन का दामन थाम लिया। ऐसा उन्होंने दोनों पार्टियों के साथ किया। मौजूदा समय में 2024 के लोकसभा चुनाव की तैयारी हो रही है। इस बार नीतीश कुमार INDIA गठबंधन के साथ मिलकर लोकसभा चुनाव लड़ने वाले हैं। बिहार में सीटों के बंटवारे को लेकर भी बात लगभग तय हो चुकी है।
हाल ही में महागठबंधन की चौथी बैठक के दौरान उनके नाराज़ होने की खबरें चर्चा में थी। लेकिन उन्होंने इस बात को नकार दिया है और कहा है की वो किसी बात से नाराज़ नहीं हैं। सभी लोग मिलकर चुनाव लड़ने के लिए तैयार हैं। पीएम पद की दावेदारी को लेकर उन्होंने कहा की उन्हें किसी प्रकार की कोई कामना नहीं है। वो सब को एकजुट होकर लड़ने की बात करते हैं।
जदयू और भाजपा के अलग होने के बाद नीतीश कुमार ने खुलकर नरेंद्र मोदी की सरकार का विरोध किया है। उन्होंने इतिहास को बदलने और संविधान पर हमले के साथ-साथ धर्म के नाम पर अलगाववाद करने के लिए मोदी सरकार को ज़िम्मेदार ठहराया है। दूसरी ओर नीतीश कुमार भाजपा के अग्रणी नेता माने जाने वाले अटल बिहारी वाजपेयी के लिए अपना आदर प्रकट किया और उन्हें बिहार का मुख्यमंत्री बनने में सहायक भी बताया। नीतीश कुमार अक्सर यह कहते रहे है की उन्हें अटल वाली भाजपा से लगाव रहा है। क्योंकि उनकी सरकार में हमेशा काम की बात होती थी।
नीतीश कुमार का अटल के प्रति प्रेम भाव उनके दिए गए योगदान को दर्शाता है। अटल ना सिर्फ एक नेता थे बल्कि उसके साथ-साथ वह एक बेहतर कवी, प्रखर वक्ता और युगद्रष्टा भी थे। भारत उनके द्वारा दिए गए योगदान को हमेशा याद रखेगा और उनके नाम की कीर्ति पताका हमेशा भारत भूमि में फहराती रहेगी।