मालदीव से झगडे के बीच क्रिकेटर मोहम्मद शमी ने PM मोदी को लेकर क्या कहा? मोहम्मद शमी को ‘अर्जुन पुरस्कार’ से सम्मानित किया गया
2023 क्रिकेट वर्ल्ड कप में मोहम्मद शमी की बेहतरीन गेंदबाज़ी ने सबका दिल जीत लिया था। हम फाइनल में भले ही ऑस्ट्रेलिया से हार गए लेकिन भारतीय टीम के प्रदर्शन ने सारे फैंस का दिल जीत लिया था। इसी को ध्यान में रखते हुए मोहम्मद शमी के योगदान को सरकार ने मान्यता देते हुए उन्हें अर्जुन पुरस्कार से नवाज़ा है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उन्हें पुरस्कार प्रदान किया। इस दौरान उन्होंने पीएम मोदी को लेकर भी अपनी बात रखी।
क्या कहा शमी ने?
पत्रकार के द्वारा सवाल पूछा गया की भारत सरकार और प्रधानमंत्री मोदी ने अपने देश में टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए कहा है। इस पर मोहम्मद शमी ने कहा की बिलकुल देना चाहिए। देश किसी भी राह पर आगे जाए वो सबके लिए अच्छा है ना की सिर्फ एक इंसान के लिए। प्रधानमंत्री मोदी ने जैसा कहा है की वो हमेशा कोशिश कर रहे हैं की हम आगे बढे तो इसमें लोगों का भी समर्थन होना चाहिए। हमारा देश किस दिशा में आगे बढे इस पर हम सबको सोचना चाहिए।
मोहम्मद शमी के इस कथन से यह स्पष्ट है की शमी भी अपने प्रधानमंत्री का समर्थन कर रहे हैं। मौजूदा समय में जिस तरह की परिस्थिति मालदीव को लेकर भारत के अंदर है उसको देखते हुए लगभग सभी बड़ी हस्तियों ने प्रधानमंत्री मोदी का समर्थन किया है। इसमें क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर, मोहम्मद शमी, सुरेश रैना सहित कई फ़िल्मी कलाकारों ने भी खुला समर्थन दिया। इसके साथ ही देश के लाखों लोगों ने ट्वीटर पर अपने प्रधानमंत्री के समर्थन में ट्वीट किया।
क्या है मालदीव को लेकर विवाद?
मालदीव में चुनाव के बाद नवनिर्वाचित राष्ट्रपति मुइज़्ज़ु का झुकाव चाइना की तरफ है। उन्होंने अपने चुनाव के समय समर्थकों के साथ ‘इंडिया आउट’ लिखी हुई टीशर्ट पहन कर अपने देश में एक माहौल बनाने की कोशिश की। उसके पीछे का कारण भी सिर्फ राजनितिक है क्योंकि राष्ट्रपति मुइज़्ज़ु अपनी दोस्ती चाइना को दिखाना चाह रहे थे।
यही कारण है की उसके बाद से उनकी सरकार ने भारत के खिलाफ सोशल मीडिया पर ज़हर उगलना शुरू कर दिया। जानकारी के मुताबिक़ मुइज़्ज़ु सरकार में मंत्री मरियम शिउना ने भारत के प्रधानमंत्री को ‘इजराइल का चमचा’ बताया था। उसके बाद से सोशल मीडिया पर भारत और मालदीव के बीच शब्दों की जंग तेज़ हो गयी।
हालांकि इसको लेकर भारत सरकार की ओर से किसी प्रकार का बयान जारी नहीं किया गया। लेकिन प्रधानमंत्री मोदी ने बड़े ही शांत तरीके से लक्षद्वीप में जाकर भारतीय पर्यटकों को आइलैंड घूमने के लिए एक नया विकल्प दिया। उसके बाद से यह ज़ुबानी जंग दो देशों के बीच बढ़ गयी। धीरे-धीरे भारत के बड़े गणमान्य लोग और सेलिब्रिटी ने एक-एक कर मोदी के समर्थन में ट्वीट करना शुरू कर दिया और सोशल मीडिया पर ट्वीट की बाढ़ सी आ गई।
मालदीव के वर्त्तमान राष्ट्रपति मुइज़्ज़ु के द्वारा ऐसे आरोप लगाए जा रहे हैं की भारत अपने सैनिक मालदीव के अंदर रख कर दबाव बनाने की कोशिश कर रहे हैं। जबकि जानकारी के मुताबिक़ मालदीव में मौजूद सैनिक तकनिकी सहायता के लिए हैं और पिछली सरकार के अनुमति के बाद ही भारतीय सैनिक वहाँ रह रहे हैं। इसी विवाद को बढ़ा-चढ़ा कर राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज़्ज़ु ने भारत का विरोध किया है। जबकि असलियत ये है की मोहम्मद मुइज़्ज़ु का लगाव चाइना से ज़्यादा है और यही कारण है की वह भारत के साथ अच्छे रिश्ते स्थापित नहीं करना चाहता है।
प्रधानमंत्री मोदी के लक्षद्वीप भ्रमण के बाद से मालदीव चिढ गया है। उसके पीछे कारण यह है की मालदीव की इकॉनमी का एक बड़ा हिस्स्सा उसके पर्यटकों पर निर्भर करता है और भारत से हर साल लाखों लोग मालदीव घूमने जाते हैं। मोदी के इस मास्टरस्ट्रोक के बाद मालदीव के प्रति भारत के लोगों में रोष है और आने वाले समय में किसी आइलैंड घूमने की बजाये लोग लक्षद्वीप जाना चाहते हैं। इसको लेकर तरह की बातें सामने आ रही हैं और लक्षद्वीप को एक बड़ा टूरिस्ट स्पॉट बनाने की तैयारी भी शुरू हो चुकी है।