लालू के MLA पर गिरिराज सिंह का पलटवार, ‘हिम्मत है तो कुरआन पर बोलकर दिखाए’
बीते दिनों राजद के MLA फतह बहादुर सिंह के माता सरस्वती पर दिए गए विवादित बयान पर घमासान मचा हुआ है। हिन्दू धर्म में विद्या की देवी माने जाने वाली माता सरस्वती के ऊपर आपत्तिजनक बयान देने के बाद भाजपा खुलकर इसका विरोध कर रही है। मोदी सरकार में केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने राजद नेता लालू-तेजस्वी को आड़े हाथों लेते हुए विरोध जताया है। दूसरी तरफ चिराग पासवान की पार्टी लोजपा और जीतनराम मांझी की पार्टी हम ने राजद नेता के विवादित बयान की निंदा की और इसपर कार्रवाई की मांग की है।
क्या था राजद नेता का विवादित बयान ?
रोहतास के डेहरी से विधायक फतह बहादुर सिंह ने माता सरस्वती पर विवादित बयान देते हुए कहा था की उनकी पूजा नहीं होनी चाहिए। राजद नेता के अनुसार माता सरस्वती की जगह सावित्री बाई फुले की तस्वीर विद्यालय में होनी चाहिए। और उन्ही की पूजा भी की जानी चाहिए। फतह बहादुर सिंह ने कहा की सावित्री बाई फुले देश की पहली महिला शिक्षिका हैं और केंद्र सरकार से उनके लिए भारत रत्न की मांग करते हैं। सावित्री बाई फुले के योगदान को भुलाया नहीं जा सकता है।
गिरिराज सिंह का पलटवार,”सभी कायर हैं”
राजद नेता के दिए विवादित बयान की निंदा करते हुए केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा है की जो भी लोग हिन्दू या सनातन धर्म का अपमान करते हैं वो कभी दूसरे धर्म के बारे में भी बोलकर दिखाएं। गिरिराज ने आगे कहा , जितने भी लोग हिन्दू धर्म पर कटाक्ष करते हैं चाहे राजद के मंत्री या विधायक हो या फिर यूपी के नेता और स्टालिन हो, इन सब के पास हिम्मत नहीं है।
ये सभी कायर हैं। अगर इनमे इतनी ही हिम्मत है तो कभी कुरआन पर बोलकर दिखाएं, मोहम्मद साहब के बारे में कोई बयान देकर देखें। उसके बाद इनको पता चलेगा की किसी की आस्था को ठेस पहुंचाने का क्या नतीजा होता है। गिरिराज के अनुसार यह सब कुछ लोगों के द्वारा करवाया जा रहा है।
राजद नेता के विवादित बयान के बाद बीजेपी के अलावा लोजपा और हम पार्टी ने भी निंदा करते हुए इसके खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। लोजपा (आर) के प्रवक्ता चन्दन सिंह ने इसपर आपत्ति जताई है। चन्दन सिंह ने कहा की राजद के नेता अक्सर मां दुर्गा, मां सरस्वती, रामायण और महाभारत पर आपत्तिजनक बयान देते रहते हैं। इससे हिन्दू और सनातन धर्म के लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंचता है।
हम पार्टी के प्रवक्ता श्याम सुन्दर शरण ने भी इस पर बयान दिया है। उन्होंने कहा है की जब से तेजस्वी यादव की शादी ईसाई परिवार में हुई है तब से एक एजेंडे के तहत अपने मंत्री या विधायकों के द्वारा हिन्दू देवी-देवताओं को अपमानित करवा रहे हैं। यह कहीं से भी उचित नहीं है। इसके साथ ही पूर्व मंत्री नितिन नवीन ने भी राजद के संस्कार पर कटाक्ष करते हुए कहा की राजद का संस्कार ही बदल गया है। इसके लिए तेजस्वी यादव ज़िम्मेदार हैं और बीजेपी इसे बर्दाश्त नहीं करेगी।
राजद नेता पहले भी हिन्दू धर्म पर दे चुके हैं विवादित बयान
ये कोई पहला मामला नहीं है जब राजद के नेताओं ने खुले मंच से हिन्दू धर्म के खिलाफ टिप्पणी की है। ऐसा उन्होंने पहले भी कई बार किया है जिसपर हंगामा हुआ है। एक तरफ तो लालू यादव और उनका परिवार तिरुपति बालाजी के दर्शन करने जाते हैं वहीं दूसरी तरफ उनके नेता उसी सनातन धर्म को गलत बताते हुए उसपर विवादित बयान दे देते हैं। ज़्यादा दिनों की बात नहीं है जब चंद्रशेखर ने रामचरितमानस को लेकर विवादित बयान दे दिया था। उनके अनुसार रामचरितमानस एक पोटेशियम साइनाइड की तरह है और इसका विरोध होना ही चाहिए।
राजद के विधायक रीत लाल यादव ने भी ऐसी ही रामचरितमानस पर अटपटा बयान देते हुए कहा की रामचरितमानस तो मस्जिद में बैठ कर लिखी गई है। हालांकि यह बयान उन्होंने भाजपा को घेरने के लिए दिया था लेकिन सोशल मीडिया पर खुद ही ट्रोल हो गए। हालांकि उन्ही के गठबंधन वाली पार्टी जदयू ने ऐसे बयान को गलत ठहराया था और कहा था की ऐसे बयान से गलत सन्देश जाता है। धर्म निजी मामला है और ऐसे में इन सब से बचना चाहिए।
लालू यादव या उनके परिवार की तरफ से उनके विधायक फतह बहादुर सिंह को लेकर अभी तक कोई बयान नहीं आया है। ऐसे में राजद पर यह सवाल ज़रूर उठ सकता है की क्या पार्टी के शीर्ष नेताओं के आदेश या अनुमति से उनके नेता अक्सर हिन्दू धर्म पर आपत्तिजनक बयान देते हैं?