2 बार प्रधानमंत्री रहे वाजपेयी ने दहेज़ में मांग लिया था पूरा पकिस्तान

2 बार प्रधानमंत्री रहे वाजपेयी ने दहेज़ में मांग लिया था पूरा पकिस्तान

अटल बिहारी वाजपेयी, भारतीय राजनीति के बहुत ही प्रिय और महत्वपूर्ण नेता के तौर पर भारत भर में जाने जाते हैं।  इनका जन्म मध्यप्रदेश के ग्वालियर में एक मध्यमवर्गीय ब्राह्मण परिवार में सन 1924 में हुआ।  इनके पिता का नाम कृष्ण बिहारी वाजपयी और इनकी माता का नाम कृष्णा देवी था। वाजपयी जी की पढ़ाई लिखाई वहीँ ग्वालियर में हुई जहां उन्होंने स्कूली शिक्षा सरस्वती शिशु मंदिर और आगे की पढ़ाई विक्टोरिया कॉलेज से पूरी की। वह पढ़ने में काफी होशियार थे और उन दिनों उन्होंने कई विषयों में (हिंदी, संस्कृत और अंग्रेजी) 75 फीसदी से ज़्यादा अंक प्राप्त किये थे।

राजनीतिक सफर

अगस्त 1942 में भारत छोडो आंदोलन के दौरान अटल बिहारी वाजपेयी और उनके बड़े भाई को गिरफ्तार कर लिया गया था जिसके लिए वह 23 दिनों तक जेल में रहे थे और तभी से वह राजनीति में अपना कदम रख चुके थे। भारत की आज़ादी के उपरांत सन 1951 में वह भारतीय जनसंघ से जुड़ गए और अपने चिर-परिचित अंदाज़ से वह जल्द ही जनसंघ के एक जाने माने चेहरे के रूप में उभरने लगे।

जब नेहरू ने कहा “एक दिन प्रधानमंत्री बनोगे”

ये किस्सा भी बड़ा रोचक है जिसे खुद अटल बिहारी वाजपेयी ने अपने भाषणों में कई बार कहा है।  उन्होंने कहा था की जब वो उन दिनों नेहरू जी के विपक्ष में होते थे तो बहुत वाद-विवाद जैसा माहौल संसद के अंदर होता था लेकिन उसके बावजूद एक देश के होने के नाते उनके बीच किसी प्रकार का ना कोई बैर था और ना ही कोई दुश्मनी थी।  उनके विचार भले ही अलग थे पर भविष्य भारत का लिखा जा रहा था ।  उन्ही दिनों ऐसे ही एक दिन जवाहरलाल नेहरू ने अटल बिहारी वाजपेयी की तारीफ़ करते हुए कहते हैं की “एक दिन तुम प्रधानमंत्री ज़रूर बनोगे”।  ये बात खुद अटल बिहारी वाजपेयी जी ने बताई थी। और आखिरकार ऐसा समय आया भी जब वह भारत के 10वें प्रधामंत्री बने और 2 बार इस पद पर आसीन रहने का सौभग्य प्राप्त हुआ।

When Atal Bihari Vajpayee searched for Nehru - BusinessToday

संयुक्त राष्ट्र में हिंदी में भाषण देने वाले पहले प्रधानमंत्री

अटल बिहारी वाजपेयी को करिश्माई व्यक्तित्व का नेता कहा जाता है और ये सिर्फ कहने भर की बात नहीं है बल्कि समय-समय पर उन्होंने ये बात साबित भी की है।  ऐसा ही एक समय था जब तत्कालीन प्रधानमंत्री संयुक्त राष्ट्र की यात्रा पर थे और उन्होंने अपना भाषण उन अनेक देशों के प्रतिनिधियों के सामने हिंदी में दिया था।  वो भारत के पहले प्रधानमंत्री थे जिन्होंने संयुक्त राष्ट्र जैसे बड़े मंच पर अपना भाषण हिंदी भाषा में दिया था और हमारी भाषा का मान बढ़ाया था।

UN में पहली स्पीच हिंदी में देकर छा गए थे अटल बिहारी वाजपेयी, भाषण में छिपी एक बड़ी सीख - atal bihari vajpayee first hindi speech in united nations - Navbharat Times

 

दहेज़ में माँगा पूरा पाकिस्तान

ये किस्सा बहुत ही हास्यास्पद और अजीब है।  इसे खुद अटल बिहारी वाजपेयी ने भी साझा किया हुआ है जिसमे वो कहते हैं की एक बार वो पाकिस्तान गए हुए थे जहां एक महिला इनसे ये कहती है की “मैं आपसे (वाजपेयी) शादी करने को तैयार हूँ लेकिन मुझे दहेज़ में पूरा कश्मीर चाहिए”।  उस महिला की बात सुन अटल बिहारी वाजपेयी एक पल को सोचने लगे और फिर मुस्कुरा कर जवाब दिया और कहा ” मुझे ये प्रस्ताव स्वीकार है, किन्तु मुझे दहेज़ में मुझे पूरा पाकिस्तान चाहिए”।  उस पल वहाँ मौजूदा सभी लोग वाजपेयी जी के द्वारा दिए गए जवाब के मुरीद हो गए और आज तक ये किस्सा लोगों को उसी तरीके से रोमांचित कर देता है।

In Pakistan, Tributes to Atal Bihari Vajpayee Come With Calls for Peace Talks

 

जब कांग्रेस को दिया श्राप

आज के सोशल मीडिया के दौर में हम सभी ने कभी न कभी वो वीडियो ज़रूर देखी होगी जिसमे अटल बिहारी वाजपेयी बड़े ही दुखी स्वरों में ये कहते हुए सुनाई पड़ते है की आज आप (कांग्रेस) हम पर हंस रहे हैं क्योंकि हमारे पास संख्याबल नहीं है लेकिन ऐसा समय भी आएगा जब आपके पास संख्या बल नहीं होगा और पुरा देश आप पर हंस रहा होगा। आज के मौजूदा दौर में हम देख सकते हैं की कांग्रेस की क्या स्थिति है।

उस समय के अपने बयान में उन्होंने अपने ऊपर लगाए गए सत्तालोभ के आरोपों का खंडन करते हुए ये भी कहा था की सरकारें आएंगी जाएंगी पर ये देश रहना चाहिए और अगर सरकार मात्र बनाने के लिए अपने विचारों से समझौता करना पड़े तो ऐसी राजनीति को मैं (वाजपेयी) चिमटे से भी चुना पसंद नहीं करूंगा। और अपने इस भाषण से वो हमेशा के लिए भारतीय जनता के दिलों में अमर हो गए थे।

Remembering Atal Bihari Vajpayee: A stalwart's legacy lives on | DD News

जब दिनेश शर्मा के लिए मांग लिया पायजामा

ये बात है सन 2006 की जब अटल बिहारी वाजपेयी मेयर के चुनाव में प्रचार के लिए लखनऊ आये थे और वहाँ मौजूद पार्टी कार्यकर्ताओं और अपने प्रशंषकों से अचानक पायजामा मांग लिया।  ये किस्सा सुनाया है यूपी के डिप्टी सीएम रहे दिनेश शर्मा ने।  उन्होंने बताया की 2006 में अटल बिहारी वाजपेयी लखनऊ में चुनाव प्रचार और मेयर पद के लिए मेरे समर्थन में आये हुए थे।  उस दौरान उन्हें तेज़ बुखार भी था।  उस समय उन्होंने मौजूद जनता से पूछा की वह केवल कुर्ता पहने और पायजामा ना पहने तो कैसे दिखेंगे ? वहाँ मौजूद सभी लोग हैरत में पद गए की ये वाजपेयी जी क्या कह रहे हैं ? तभी उस भीड़ से एक आदमी चिल्लाता हुआ बोलता है “अच्छा नहीं दिखेगा”।  बस तभी अटल बिहारी वाजपेयी ने अपनी बात पूरी करते हुए कहा की लखनऊ से सांसद का चुनाव जीतकर आपने कुर्ता पहनाया है अब नगर निगम में मेयर का चुनाव जीतकर पायजामा भी दिला दीजिये। दिनेश शर्मा ने कहा की उसके बाद उन्होंने चुनाव जीता और 2006 से लेकर 2017 तक लखनऊ के मेयर बने रहे।  ये जलवा था अटल बिहारी वाजपेयी का और लोग उनकी बात का कितना मान रखते थे वो इनके किस्सों से पता चलता है।

 

विवादों से भी रहा है नाता

आज के मौजूदा समय में जिस तरह पुरे भारत में मोदी लहर हो या मोदी विरोध हो लेकिन गुजरात में हुए 2002 के दंगे में वाजपेयी इसकी निंदा करने से भी पीछे नहीं हटे थे।  उसी दौरान उन्होंने एक विवादित बयान दे दिया था जिसमे उन्होंने कहा था की “मुस्लिम जहां भी बड़ी तादाद में है, वो अमन के साथ नहीं रहना चाहते”।

हालांकि बाद में पीएमओ की सफाई के रूप में ये कहा गया की कुछ लोगों ने उनके बयान को गलत तरह से प्रस्तुत किया है।  वहीं देश के कई राजनितिक विश्लेषक इसे मुस्लिमों के खिलाफ हुई हिंसा को सही ठहराने को लेकर दिया गया बयान मानते थे।

दोस्तों इसके अलावा और भी बहुत से ऐसे किस्से हैं जिसे लिखते-लिखते मैं थक जाऊंगा पर उस महान व्यक्तित्व के किस्से कम नहीं होंगे।  हम प्रयास करेंगे की उनसे जुडी और भी अनसुनी कहानियों को हम आपके सामने लाते रहे।

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