3 राज्यों में प्रचंड जीत के बाद क्या PM Modi का प्रधानमंत्री बनना तय है ?
राजस्थान, मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में बीजेपी की प्रचंड जीत के बाद इतना तो तय हो गया है की बीजेपी को आनेवाले लोकसभा चुनाव में भी इससे बड़ी सहायता मिल सकती है। जैसा की हम सभी जानते हैं की आगामी लोकसभा चुनाव के लिए सभी क्षेत्रीय व राष्ट्रीय पार्टियों ने अपनी कमर कस ली है। बीजेपी भी वापस अपनी सरकार केंद्र में बनाने के लिए भरसक प्रयास कर रही है। आइये इस विषय को थोड़ा और गहराई से समझते हैं।
मोदी का जादू लोगों पर कायम
लोकसभा चुनाव के लिहाज से राजस्थान और मध्यप्रदेश बहुत ही अहम् राज्य साबित हो सकते हैं। मध्यप्रदेश में तो पहले से ही बीजेपी की सरकार थी लेकिन राजस्थान में कांग्रेस को सत्ता से बेदखल करने के बाद बीजेपी की राह लोकसभा चुनाव के लिए राजस्थान में थोड़ी आसान हो गयी है वहीँ दूसरी ओर कांग्रेस अभी मुश्किल घडी में है। 4 राज्यों के चुनाव में 3 राज्यों में बीजेपी की सरकार बनना ये दिखाता है की मोदी का जादू अभी भी लोगों पर कायम है। अगर 2024 में भी मोदी प्रधानमंत्री बनते हैं तो यह अपने आप में बहुत बड़ी ऐतिहासिक उपलब्धि होगी बीजेपी के लिए।
तेलंगाना में हारे लेकिन मौजूदा और भावी मुख्यमंत्री को ‘पटखनी’ दे दी बीजेपी ने
इस चुनाव में कई बड़े चेहरों ने निराश किया वहीं दूसरी ओर बीजेपी के तेलंगाना की कामारेड्डी सीट से उम्मीदवार कटिपल्ली वेंकट रमण रेड्डी ने मौजूदा सीएम केसीआर और कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष रेवंत रेड्डी को हराकर वो सीट अपने नाम कर ली है। कटिपल्ली वेंकट पेशे से एक व्यापारी हैं जो अब नेता के तौर पर जाने जाते हैं। 53 साल के रमण के पास कुल संपत्ति लगभग 50 करोड़ रुपये की है। जिस इलाके से उन्होंने चनाव लड़ा है वह अपने आप में बेहद ख़ास है। क्योंकि उस कामारेड्डी सीट से मौजूदा मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव और कांग्रेस के मौजूदा अध्यक्ष रेवंत रेड्डी को हराना वह भी 11,600 वोट के अंतर से अपने आप में बहुत बड़ी उपलब्धि है।
तेलंगाना में कांग्रेस को बहुमत प्राप्त हुआ है और इसका श्रेय प्रदेश अध्यक्ष रेवंत रेड्डी को दिया जा रहा है और उस स्थिति में कांग्रेस अध्यक्ष का हारना अकल्पनीय अनुभव है। कटिपल्ली के ऊपर 11 आपराधिक मामले भी दर्ज है। हालांकि राजनीति में हमने कई ऐसे राजनेता देखे हैं जिनके ऊपर आपराधिक मामले दर्ज हैं लेकिन जिस तरह की स्थिति अभी है उसमे इतने अंतर के साथ जीत दर्ज करना बीजेपी के लिए एक उपलब्धि की तरह है।
चुनावी गणित में बीजेपी को मिल रही बहुमत
मौजूदा 3 राज्यों के लोकसभा सीटों की गणना करे तो कुल मिलाकर 65 सीटें होती हैं। वहीं उत्तर प्रदेश में 80 और बिहार में 40 लोकसभा सीटें है। अगर सिर्फ इन 5 राज्यों की गणना करें तो कुल मिलाकर 185 सीटें हो जाती है। इन राज्यों की बात विशेष रूप से इसलिए भी आवश्यक है क्योंकि इन 5 राज्यों में मोदी के नाम का जादू हम पहले भी देख चुके हैं। बिहार में पिछली बार NDA के गठबंधन के रूप में अकेले बीजेपी ने 17 सीटें जीती हैं और उत्तर प्रदेश में बीजेपी के पास मौजूदा 62 सांसद है।
राजस्थान में बीजेपी के पास कुल 24 लोकसभा सीटों पर कब्ज़ा है। दुसरो ओर मध्यप्रदेश में 29 में 28 सीटों पर बीजेपी ने जीत हासिल की हुई है पिछले लोकसभा चुनाव में। अगर केवल इन 5 राज्यों की बात करें तो लगभग 150 सीटें बीजेपी को मिलती हुई दिखाई देती हैं। दूसरी ओर गुजरात जो की मोदी का गृह राज्य है वहाँ 26 में से 26 सीटें बीजेपी ने 2019 के लोकसभा चुनाव में अपने नाम की थी। उत्तर भारत में लगभग सभी राज्यों में मोदी के नाम का जादू चल रहा है जिसे हम आंकड़ों से भी समझ सकते हैं।
मोदी का चुनावी फैक्टर
प्रधानमंत्री मोदी ने जब 2014 में जीत हासिल कर पहली बार प्रधानमंत्री पद का शपथ लिया था, उस समय से लेकर आज तक वह अपने ‘हिंदुत्व’ के एजेंडे पर कायम हैं। यही एक ऐसी विशेष कड़ी है जो लोगों को मोदी से जोड़ती है। चूँकि भारत में हिन्दुओं की संख्या ज़्यादा है तो हिन्दुओं को अपनी ओर आकर्षित करना बहुत ज़रूरी है। चाहे मुद्दा राम मंदिर का हो, धारा 370 या फिर अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भारत की विशेष पहचान, समय-समय पर पीएम मोदी ने देश और दुनिया को अपने फैसलों से चकित भी किया और आकर्षित भी। कारण यही है की पीएम मोदी न सिर्फ राष्ट्रीय बल्कि अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी मशहूर हैं।
हालांकि की चुनावी नतीजे हमेशा अनिश्चित होते हैं और ऐसे में किसी भी निष्कर्ष पर पहले निकलना उचित नहीं होगा। अब देखना ये हैं की 2024 में मोदी फिर से वापसी करते हैं या केंद्र में कोई दूसरी पार्टी की सरकार बनती दिखती है ?
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