बिहार सरकार में पूर्व मंत्री सह विधायक तेज प्रताप यादव ने आखिरकार अपनी नई पार्टी बना ही ली। इसका अंदेशा तो बहुत पहले से था लेकिन बिलकुल चुनाव की घडी आने के समय इस तरह की खबर देंगे इसका अंदाज़ा नहीं था। तेज प्रताप यादव ने सोशल मीडिया X पर पोस्ट के ज़रिये इस बात की पुष्टि की लिखा, ” हमलोग बिहार के सम्पूर्ण विकास के लिए पूर्ण रूप से समर्पित और तत्पर है। हमारा मकसद बिहार में सम्पूर्ण बदलाव कर एक नई व्यवस्था का नव निर्माण करना है। हमलोग बिहार के सम्पूर्ण विकास के लिए लम्बी लड़ाई लड़ने को तैयार हैं। “
गौरतलब है की तेज प्रताप यादव को राजद से 5 साल के लिए निष्काषित कर दिया गया था और इसका फैसला खुद उनके पिता लालू प्रसाद यादव ने लिया था। उसके पीछे कारण ये था की उनके फेसबुक पर एक पोस्ट डाली गयी थी जिसमे वह एक लड़की के साथ दिखाई दिए और प्रेम सम्बन्ध से जुडी कुछ जानकारी उसमे लिखी हुई थी। इसी बात को लेकर पुरे बिहार की राजनीति में हलचल मच गयी और उन्हें पार्टी और परिवार से बेदखल कर दिया गया। ये मामला भी काफी लंबा चला और राजद के समर्थक अपनी ही पार्टी में दो फाड़ हो गए।
कुछ समय पहले तेजस्वी प्रसाद यादव के नाचने और रील बनाने वाली वीडियो को लेकर भी तेज प्रताप यादव ने तंज कसा था और उनके नाचने गाने पर सवाल उठाया था। पार्टी से अलग होने के बाद तेज प्रताप यादव लगातार जनता के बीच जाने लगे हैं और बिहार में आयी बाढ़ के दौरान भी उन्हें लोगों की मदद करते हुए देखा गया। ज़ाहिर है वह भी अपने चुनाव की पृष्ठभूमि तैयार कर रहे थे और आखिरकार उन्होंने अपनी पार्टी की आधिकारिक घोषणा भी कर दी। इससे ये बात तो साबित होता है की इस बार राजद और बीजेपी के मुकाबले में तेज प्रताप यादव भी एक अलग मुहाने पर खड़े होकर चुनावी लड़ाई लड़ते हुए दिखाई देंगे।
पार्टी का नाम “जनशक्ति जनता दल”
तेज प्रताप यादव ने अपनी पार्टी का नाम जनशक्ति जनता दल रखा है। जिसके टैग लाइन में उन्होंने “सामाजिक नया, सामाजिक हक़ और सम्पूर्ण बदलाव की बात कही है। इसके साथ ही उन्होंने बिहार की जनता को अपने साथ जुड़ने का आग्रह भी किया है जो उनके पोस्टर में दिए गए नंबर को देख कर पता चलता है। उनकी पार्टी का चुनाव चिन्ह “ब्लैक बोर्ड” है। उनकी पार्टी का नाम राष्ट्रीय जनता दल से मिलता जुलता ही दिखाई पड़ता है, उसमे राष्ट्रीय की जगह बस जनशक्ति का बदलाव देखने को मिला है। अब देखना है की तेज प्रताप यादव की पार्टी का मूलभूत नारा और उनकी विचारधारा लोगों को कैसे अपने साथ जोड़ती है और इस बार के विधानसभा चुनाव में क्या कमाल दिखाती है। लेकिन एक बात तो तय है की उनकी इस पार्टी से राष्ट्रीय जनता दल को नुकसान ज़रूर होगा और ऐसी प्रबल संभावना है की उनका वोट भी तेज प्रताप काट सकते हैं। इससे चुनाव जीतना थोड़ा कठिन हो सकता है और उनके विरोधी को सीधे तौर पर फायदा पहुंचा सकता है।
