I.N.D.I.A. : ममता के प्रस्ताव से नाराज़ लालू-नीतीश, प्रेस कांफ्रेंस में नहीं हुए शामिल
I.N.D.I.A. गठबंधन की चौथी बैठक दिल्ली के अशोका होटल में हुए। इसमें सभी सम्मिलित पार्टियों ने शिरकत की। लेकिन ममता के द्वारा पीएम उम्मीदवार सुझाए जाने पर नीतीश और लालू नाराज़ हो गए। मीटिंग के बाद होने वाले कांफ्रेंस में नीतीश शामिल भी नहीं हुए। इससे साफ़ पता चलता है की I.N.D.I.A. गठबंधन में सब कुछ अभी ठीक नहीं है और नतीजे आने में अभी वक़्त लग सकता है।
चौथी बैठक में विपक्षी दलों के बीच कई मुद्दों पर चर्चा हुई। बैठक के बाद होने वाले प्रेस कांफ्रेंस में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा की I.N.D.I.A. गठबंधन में सीटों का बंटवारा राज्य स्तर पर होगा। अगर ये उपाय काम नहीं करता है तो आगे इस पर फैसला लिया जाएगा। वहीं दूसरी ओर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री सीटों के बंटवारे को लेकर कुछ नाराज़ दिखी।
TMC की नाराज़गी का कारण बंगाल में सीट बंटवारे को लेकर कांग्रेस की स्थिति स्पष्ट ना होना है। इसके बाद TMC सहित अन्य पार्टियों ने सीट बंटवारे को लेकर 31 दिसंबर तक फैसला करने की बात कही है। जानकारी के अनुसार TMC के तरफ से आये प्रस्ताव में कांग्रेस को करीब 300 सीटों पर लड़ना चाहिए। बाकी अन्य सीटों पर कांग्रेस को क्षेत्रीय पार्टियों का समर्थन करना चाहिए।
पीएम उम्मीदवारी को लेकर नाराज़ दिखे लालू-नीतीश
ममता बनर्जी के सुझाव के अनुसार पीएम पद का उम्मीदवार कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को बनाना चाहिए। ममता की इस बात का समर्थन दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने भी किया। जैसे ही इनकी तरफ से मल्लिकार्जुन खड़के का नाम आने लगा तभी नीतीश कुमार और लालू यादव नाराज़ हो गए। खड़गे का नाम आने से नाराज़ नीतीश और लालू गठबंधन की बैठक से जल्दी निकल गए और बाद में होने वाली प्रेस कांफ्रेंस में भी शामिल नहीं हुए।
नीतीश कुमार ने प्रेस कांफ्रेंस से चले जाने की बात पर सफाई देते हुए कहा की 5 राज्यों में गठबंधन के साथ लड़ते तो नतीजे अच्छे आते। जदयू की तरफ से कहा गया की आज बैठक में बताने के लिए बहुत कुछ नहीं था इसलिए नीतीश कुमार प्रेस कांफ्रेंस में मौजूद नहीं थे।
बैठक में अन्य मुद्दों पर भी हुई चर्चा
I.N.D.I.A. गठबंधन की चौथी बैठक में सीट बंटवारे के अलावा राम मंदिर और EVM पर भी चर्चा हुई। बैठक में राम मंदिर का मुद्दा उठाते हुए चर्चा की गयी की BJP इसका इस्तेमाल लोगों पर प्रभाव डालने के लिए कर सकती है। इसलिए गठबंधन को तैयार रहने की ज़रूरत है। दूसरी ओर EVM मशीन को लेकर कहा गया की चुनाव में वीवीपैट के लिए दबाव डालना चाहिए।
I.N.D.I.A. गठबंधन की चौथी बैठक भी उस तरीके से स्पष्ट नहीं हो पाई है। एक तरफ सीट के बंटवारे को लेकर मतभेद दिखाई पड़ता है तो दूसरी तरफ प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार को लेकर एक-दूसरे के बीच गहमागहमी है। ऐसे में बैठक का नतीजा मालुम करना थोड़ा मुश्किल है। हालांकि गठबंधन में शामिल क्षेत्रीय पार्टियों ने अपनी स्थिति स्पष्ट करते हुए अल्टीमेटम दे दिया है। अब देखना है की ये गठबंधन कितना कारगर होता है।
नीतीश कुमार और लालू की नाराज़गी ये दिखाती है की वह प्रधानमंत्री के पद की उम्मीदवारी को लेकर अभी स्पष्ट नहीं हैं। ऐसे में एक मज़बूत और कारगर निष्कर्ष निकालने की आवश्यकता दिखाई पड़ती है। हालिया चुनावी नतीजों में जिस तरह से कांग्रेस की स्थिति रही है ऐसे में कांग्रेस को आगे बढ़ाना और बाकी पार्टियों को उसके पीछे दिखाना उचित मालुम नहीं होता है। कांग्रेस की स्थिति वर्त्तमान में बस एक क्षेत्रीय पार्टी तक ही सीमित रह गयी है। चुनाव की घडी अब नज़दीक है और ऐसे में I.N.D.I.A. Alliance का अगला कदम क्या होगा ये जानना दिलचस्प होगा ?