‘राम क्षत्रिय था और मांस खाता था’, NCP नेता का विवादित बयान

‘राम क्षत्रिय था और मांस खाता था’, NCP नेता का विवादित बयान

राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के बीच बयानबाज़ी और उससे हुआ विवाद बढ़ता ही जा रहा है। मंदिर और सनातन धर्म को लेकर लगातार विपक्षी नेता हमलावर हैं। हाल ही में बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने भी कहा था की अगर आप बीमार होंगे तो मंदिर जाएंगे या अस्पताल? ऐसे ही इस विवादित कड़ी में एक और नेता का नाम जुड़ रहा है। NCP नेता डॉक्टर जीतेन्द्र ने राम को लेकर एक विवादित बयान मीडिया में दिया है। ये वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है। इसके बाद सभी आम और ख़ास लोग जो इस बात से आहत हुए हैं, उन्हें घेर रहे हैं।

क्या विवादित बयान दिया NCP नेता ने?

NCP नेता ने सोशल मीडिया पर वायरल चल रही वीडियो में कहा है की राम क्षत्रिय थे। और क्षत्रियों का खाना ही मांसाहारी होता है। इसी पर मीडिया कर्मी उनसे पूछते हैं की इस बयान को कंट्रोवर्सी से जोड़ कर देखा जा रहा है। तब नेता जी बोलते हैं की क्या कंट्रोवर्सी? राम का खाना क्या था? कोई बता दे की राम मेंथी की भाजी खाता था। तभी मीडिया वाले फिर कहते हैं की आप अपने ख्याल में कायम हैं बिलकुल। तो वो कहते हैं बिलकुल कायम हैं। आप भारत को शाकाहारी बनाना चाहते हैं क्या? नेता जी ने आगे कहा की इस देश के 80 प्रतिशत लोग मांसाहारी हैं। वो राम भक्त ही हैं ना?

NCP नेता के इस बयान के बाद सोशल मीडिया पर उनकी निंदा की जा रही है। दूसरी तरफ बहुत सारे लोगों ने अपने जवाब में ये कहा की राम शुद्ध शाकाहारी थे और अपने 14 वर्ष के वनवास में उन्होंने कंद मूल और फल खाकर जीवन जीया था। इस बात के प्रमाण के रूप में शास्त्र मौजूद हैं। वो मांसाहारी हैं इस बात का सबूत क्या है?

ऐसे कई पोस्ट उनके बयान के खिलाफ लिखे गए हैं और उन्हें हिन्दू विरोधी बताया है। ये सारा मामला इसलिए भी तूल पकड़ रहा है क्योंकि इसी जनवरी के महीने में अयोध्या में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा पूरी होनी है। इस कड़ी में चुनाव समीप देखकर ऐसे बयानबाज़ी का दौर शुरू हो गया है।

कुछ दिनों पहले राजद नेता ने भी ऐसे ही मंदिर से सम्बंधित विवादित पोस्टर लालू-राबड़ी आवास के बाहर लगाया था जिसको लेकर विवाद अभी चल ही रहा है। उसी बीच तेजस्वी यादव ने भी मंदिर को लेकर कहा की अगर आप बीमार हैं तो आप मंदिर जाएंगे या अस्पताल? उनके इस बयान के बाद सोशल मीडिया पर उनके मज़ारों पर चादर चढाने की वीडियो शेयर कर उनसे पूछ रहे हैं की यहां कौन सा इलाज करवाने जाते हैं आप?

ऐसे ही राजद नेता फ़तेह नारायण सिंह के विरोध में पटना में एक पोस्टर लगाया गया था जिसपर राजद विधायक का जीभ काट कर लाने वाले को 10 लाख रुपये दिए जाने की बात लिखी हुई थी। हालांकि एक घटना ऐसी भी हुई जब राजद विधायक के विरोध में उन्ही की पार्टी के कार्यकर्ता उनका विरोध करने लगे।

राम और मंदिर का विरोध सिर्फ चुनाव को लेकर है या कुछ और……….?

राम मंदिर और सनातन धर्म का विरोध आज नया नहीं है। हालांकि एक बात ज़रूर देखी गयी है की सनातन और मंदिर पर विवादित बयानों का सिलसिला कुछ महीनो में बहुत बढ़ गया है। ऐसे कयास लगाए जा सकते हैं की ये चुनाव के मद्देनज़र किया जा रहा हो। ताकि दूसरी तरफ से मुस्लिमों के वोट को अपनी ओर आकर्षित कर सके। यही कारण है की लेफ्ट के सारे नेता हिन्दू और मंदिर विरोध में लगे रहते हैं।

बीजेपी भी इस मामले में विपक्षियों पर लगातार हमलावर है। राम मंदिर की तैयारियों के बीच बीजेपी के नेता अपने विरोधियों को जवाब भी दे रहे हैं। आने वाले लोकसभा चुनाव को देखते हुए देश की सारी पार्टियां अपनी कमर कस चुके है। अब ये विवादित बयानों का सिलसिला शायद चुनाव तक यूँही चलता रहेगा।

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